कानपुर देहात: जिले की तहसील सिकंदरा में घूस लेते लेखपाल का वीडियो सामने आने के बाद तहसील में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खुलकर सामने आ गई है. यही नहीं तहसील के लेखपाल किसानों के साथ बदसलूकी और कानूनी दांवपेच समझा कर जबरन घूस लेकर धन उगाही करने में लगे हुए हैं. वहीं रिश्वतखोर लेखपाल का वीडियो सामने आने के बाद भी तहसील और जिले के अधिकारी जांच कर कार्रवाई का हवाला दे रहे हैं.
लेखपाल ने किसान से ली रिश्वत
- मामला तहसील सिकंदरा क्षेत्र का है.
- बीहड़ क्षेत्र के गांव बैजामऊ के किसान राजाराम ने बताया कि वो मेहनत मजदूरी कर जीवन यापन करता है.
- जमीन के सरकारी बंटवारे को लेकर उसने तीन माह पूर्व एसडीएम के समक्ष कागजात प्रस्तुत कर अपील की थी.
- जांच और रिपोर्ट लगाने के लिए किसान के कागजात लेखपाल बसंत लाल के पास आए थे.
- लेखपाल साहब ने किसान को बुलाया और कानूनी दांवपेच समझा कर किसान से 5 हजार रुपए रिश्वत की मांग की.
- जमीन के कागजादों पर रिपोर्ट लगवाने के लिए किसान राजाराम ने मजबूर होकर लेखपाल को 1200 रुपए की रिश्वत दी.
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रिश्वत की पूरी रकम मिलते ही लेखपाल के काम में आई तेजी
किसान ने लेखपाल को अपनी गरीबी का हवाला दिया, हाथ जोड़े, मिन्नत की, लेकिन लेखपाल साहब का दिल नहीं पसीजा और रिश्वत की पूरी रकम न मिल पाने पर लेखपाल ने किसान का काम रोक दिया. किसान 3 महीने से लेखपाल के दफ्तर और आवास के चक्कर काट रहा था. थक हार कर गरीब किसान ने मजबूर होकर अपनी जमीन के कागजादों पर रिपोर्ट लगवाने के लिए लेखपाल को दो किस्तों में बाकी रिश्वत की रकम भी दे दी. रिश्वत की रकम पूरी मिलते ही लेखपाल ने किसान के कागजात निकाल कर तुरंत रिपोर्ट लगाने का काम शुरू कर दिया. 2 दिन के अंदर किसान की जमीन के कागजादों पर लेखपाल ने रिपोर्ट लगाकर बंटवारा एसडीएम के समक्ष दाखिल भी कर दिया.
जब अधिकारियों से किसान के साथ हुए अन्याय को लेकर कड़ाई से बात की गई तो अधिकारियों ने लेखपाल को निलंबित कर अब जांच कर कार्रवाई का हवाला दिया है, जबकि देखना यह होगा कि अब इस रिश्वतखोर लेखपाल पर कार्रवाई कब और कैसे होती है.