कानपुर देहातः बीते दिनों बिकरु कांड मामले में आरोपी खुशी दुबे की फर्जी सिम मामले को लेकर जिले की कोर्ट में सुनवाई चल रही है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी. इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होनी थी, वो टल गई है. बिकरु कांड में कुख्यात अपराधी विकास दुबे के बेहद करीबी रहे अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे नाबालिग है. जिसकी सुनवाई जिले के माती स्थित किशोर न्याय बोर्ड में चल रही है. मंगलवार को आरोपी खुशी बाराबंकी जनपद से न्यायालय नहीं आ पाई थी. इस वजह से ये सुनवाई टल गई.
मनु पांडेय को क्यों बचा रही पुलिस
बिकरु कांड में दाखिल की गई पूरक चार्टशीट में मनु पांडेय का कोई जिक्र तक नही है. जिसके बाद ये सवाल उठ रहा है कि कहीं पुलिस मनु पांडेय को क्लीन चिट देकर गवाह बनाने की तैयारी में तो नही है. हालांकि जानकारों का कहना है कि मनु की जो भूमिका है और जो उसके खिलाफ साक्ष्य है. उससे उसको गवाह बनाना संभव नहीं है. पुलिस ने माती न्यायालय में उमाशंकर के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की है. हाल में गिरफ्तार किए गए विपुल दुबे के खिलाफ जांच के बाद चार्जशीट लगाई जाएगी. लेकिन पूरी चार्जशीट में अभी तक कहीं भी मनु पांडेय का नाम नहीं है. कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में उसमें न तो यह लिखा है कि मनु को क्लीन चिट दे दी गई है और न ही ये स्पष्ट किया है कि उसके खिलाफ जांच जारी है. ऐसे में सवाल उठता है कि मनु पांडेय को लेकर पुलिस बैकफुट पर क्यों है.
पुलिस के पास नहीं है सबूत
पुलिस ने बिकरु कांड में नाबालिग खुशी दुबे, रेखा, शांति समेत चार महिलाओं को आरोपी बताया है. पुलिस के पास केवल इन सभी के खिलाफ आरोपों की बड़ी कहानियां हैं. किसी पर ललकारने, तो किसी पर वारदात के समय कारतूस देने का दावा है. लेकिन इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के नाम पर कुछ भी नहीं है.