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कानपुर देहात : चुनावी सरगर्मियों के बीच ग्रामीणों ने गिनाईं समस्याएं

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी जोरों पर है. ऐसे में ETV भारत की टीम ने कानपुर देहात में गांव-गांव जाकर लोगों से अब तक हुए विकास कार्यों की जानकारी ली. ग्रामीणों ने बिजली, सड़क, पानी की भी समस्याएं तेजी से गिनाईं. देखें रिपोर्ट-

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Published : Mar 4, 2021, 12:33 PM IST

Updated : Mar 7, 2021, 12:57 PM IST

पंचायत चुनाव
पंचायत चुनाव

कानपुर देहात : जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मीय तेजी से शुरू हो गई हैं. पंचायतों का कार्यकाल भी खत्म हो चुका है. अब मतदाता और प्रत्याशी दोनों की ही निगाहें चुनाव की संभावित तारीखों पर बनी हुई है. इन सबके बीच ETV भारत की टीम ने जनपद की अलग-अलग और सबसे बड़ी ग्राम पंचायत क्षेत्र बारा गांव पहुंचकर न सिर्फ गांव में हुए विकास कार्यों का जायजा लिया बल्कि ग्रामीणों के मन की बात भी टटोलने की भी कोशिश की. ग्रामीणों ने जिला पंचायत के पिछले कार्यकाल, बिजली, सड़क, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि जैसे अन्य विषयों पर अपनी राय रखी.

ग्रामीणों ने गिनाईं समस्याएं
ग्रामीणों ने गिनाई सबसे बड़ी समस्या

ETV भारत से बातचीत में जनपद की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत बारा के ग्रामीण मकबूल ने कहा कि उनको अपने गांव के प्रधान से कोई खुशी नहीं है. उनके ग्राम पंचायत में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. उन्हें अब ये उम्मीद है कि कोई दूसरा ग्राम पंचायत सदस्य जब आएगा, चुनाव जीतने के बाद तब शायद उनके गांव का विकास कार्य करेगा. मकबूल ने बताया कि गांव की सड़कें टूटी हैं. चारों तरफ गंदा पानी भरा हुआ है. मकबूल ने कहा, इस बार चुनाव में उसी को वोट देंगे, जो उनके गांव के विकास कार्यों का भरोसा देगा.

ग्राम पंचायत में अब तक कुछ भी नहीं हुआ

एक और ग्रामीण मुसिर अहमद ने बताया कि कोई ऐसा विकास कार्य उनकी ग्राम पंचायत में नहीं हुआ है, जिससे लोग खुश हो कि इन पांच सालों में उनके गांव का कोई विकास हुआ हो. उन्होंने कहा, जो स्थिति उनके गांव की 10 साल पहले थी, वो आज भी बनी हुई है. किसी प्रकार का विकास कार्य नहीं कराया गया है. मुसिर ने बताया, गांव की सड़कें पूरी तरह से टूटी हुई हैं. चारों तरफ गंदगी फैली हुई है. सफाई कर्मी तो आज तक नहीं आया गांव में. अब उनको यही उम्मीद है कि जब कोई युवा प्रत्याशी चुनाव जीतकर आएगा, तब वो उनके ग्राम पंचायत का विकास कार्य कराएगा.

ना तो शिक्षा की व्यवस्था और ना चिकित्सा की

बारा गांव के ही रहने वाले युवा रोशन राजा ने बताया कि यह जनपद की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है, लेकिन यहां ना तो कोई शिक्षा की व्यवस्था है और ना ही चिकित्सा की. उन्होंने कहा कि वो 20 साल से वोट देते चले आ रहे हैं, पर उनके गांव में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है. इस बार वो बहुत सोच समझकर अपने प्रत्याशी का चयन करेंगे, जो गांव का विकास कार्य तेजी से करा सकेगा.

गांव की स्थिति बेहद खराब

स्थानीय निवासी मोहम्मद शकील नूरी ने बताया कि उनके गांव की स्थिति बेहद खराब है. गांव की नालियां गंदे पानी से अटी हैं. पूरी तरह से गांव की सभी नालियां ध्वस्त हो चुकी है. शिकायत के बाद भी ग्राम प्रधान द्वारा कोई विकास कार्य नहीं कराया गया है. इन समस्याओं से ग्रामीण परेशान हैं. स्थानीय निवासी इकबाल हुसैन ने बताया कि केंद्र सरकार हो या प्रदेश सरकार, गांव में कोई भी योजना आती है तो उसके तहत ग्रामीणों को कार्य मिलता है. लेकिन यहां पूरे गांव के ग्रामीणों को कोई भी कार्य नहीं दिया गया. नरेगा में भी कोई लाभ नहीं मिला है. ग्रामीणों को अब इंतजार है अपने गांव के मुखिया के बदलने का. उन्होंने कहा, विकास कार्यो पर खरा उतरने वाले प्रत्याशी को ही इस बार वोट देंगे.

पांच साल में कोई भी विकास कार्य नहीं

दूसरे गांव पन्नामिनपुरवा निवासी ग्रामीण रामखिलावन ने बताया कि उनके गांव में पांच साल में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. सबसे बड़ी समस्या पानी की है. इसके अलावा यहां सड़कों पर पानी के साथ-साथ कीचड़ भी भरा हुआ है. पन्नामिनपुरवा के ही रहने वाले अजय कुमार ने बताया कि उनके गांव में हर गली मोहल्ले में कीचड़ फैला हुआ है. लोग भूल गए है कि विकास कैसा होता है. पांच सालों में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. पन्नामिनपुरवा निवासी कमलेश और शांति देवी ने बताया कि पूरे गांव का बहुत ही बुरा हाल है. सड़कें पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं. सड़कों पर घुटनों तक पानी भरा हुआ है. किसी अधिकारी ने आज तक कोई सुध नहीं ली. इस बार चुनाव में विकास कार्यों को कराने वाले ही प्रत्याशी को चुनेंगे.

कानपुर देहात : जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मीय तेजी से शुरू हो गई हैं. पंचायतों का कार्यकाल भी खत्म हो चुका है. अब मतदाता और प्रत्याशी दोनों की ही निगाहें चुनाव की संभावित तारीखों पर बनी हुई है. इन सबके बीच ETV भारत की टीम ने जनपद की अलग-अलग और सबसे बड़ी ग्राम पंचायत क्षेत्र बारा गांव पहुंचकर न सिर्फ गांव में हुए विकास कार्यों का जायजा लिया बल्कि ग्रामीणों के मन की बात भी टटोलने की भी कोशिश की. ग्रामीणों ने जिला पंचायत के पिछले कार्यकाल, बिजली, सड़क, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि जैसे अन्य विषयों पर अपनी राय रखी.

ग्रामीणों ने गिनाईं समस्याएं
ग्रामीणों ने गिनाई सबसे बड़ी समस्या

ETV भारत से बातचीत में जनपद की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत बारा के ग्रामीण मकबूल ने कहा कि उनको अपने गांव के प्रधान से कोई खुशी नहीं है. उनके ग्राम पंचायत में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. उन्हें अब ये उम्मीद है कि कोई दूसरा ग्राम पंचायत सदस्य जब आएगा, चुनाव जीतने के बाद तब शायद उनके गांव का विकास कार्य करेगा. मकबूल ने बताया कि गांव की सड़कें टूटी हैं. चारों तरफ गंदा पानी भरा हुआ है. मकबूल ने कहा, इस बार चुनाव में उसी को वोट देंगे, जो उनके गांव के विकास कार्यों का भरोसा देगा.

ग्राम पंचायत में अब तक कुछ भी नहीं हुआ

एक और ग्रामीण मुसिर अहमद ने बताया कि कोई ऐसा विकास कार्य उनकी ग्राम पंचायत में नहीं हुआ है, जिससे लोग खुश हो कि इन पांच सालों में उनके गांव का कोई विकास हुआ हो. उन्होंने कहा, जो स्थिति उनके गांव की 10 साल पहले थी, वो आज भी बनी हुई है. किसी प्रकार का विकास कार्य नहीं कराया गया है. मुसिर ने बताया, गांव की सड़कें पूरी तरह से टूटी हुई हैं. चारों तरफ गंदगी फैली हुई है. सफाई कर्मी तो आज तक नहीं आया गांव में. अब उनको यही उम्मीद है कि जब कोई युवा प्रत्याशी चुनाव जीतकर आएगा, तब वो उनके ग्राम पंचायत का विकास कार्य कराएगा.

ना तो शिक्षा की व्यवस्था और ना चिकित्सा की

बारा गांव के ही रहने वाले युवा रोशन राजा ने बताया कि यह जनपद की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है, लेकिन यहां ना तो कोई शिक्षा की व्यवस्था है और ना ही चिकित्सा की. उन्होंने कहा कि वो 20 साल से वोट देते चले आ रहे हैं, पर उनके गांव में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है. इस बार वो बहुत सोच समझकर अपने प्रत्याशी का चयन करेंगे, जो गांव का विकास कार्य तेजी से करा सकेगा.

गांव की स्थिति बेहद खराब

स्थानीय निवासी मोहम्मद शकील नूरी ने बताया कि उनके गांव की स्थिति बेहद खराब है. गांव की नालियां गंदे पानी से अटी हैं. पूरी तरह से गांव की सभी नालियां ध्वस्त हो चुकी है. शिकायत के बाद भी ग्राम प्रधान द्वारा कोई विकास कार्य नहीं कराया गया है. इन समस्याओं से ग्रामीण परेशान हैं. स्थानीय निवासी इकबाल हुसैन ने बताया कि केंद्र सरकार हो या प्रदेश सरकार, गांव में कोई भी योजना आती है तो उसके तहत ग्रामीणों को कार्य मिलता है. लेकिन यहां पूरे गांव के ग्रामीणों को कोई भी कार्य नहीं दिया गया. नरेगा में भी कोई लाभ नहीं मिला है. ग्रामीणों को अब इंतजार है अपने गांव के मुखिया के बदलने का. उन्होंने कहा, विकास कार्यो पर खरा उतरने वाले प्रत्याशी को ही इस बार वोट देंगे.

पांच साल में कोई भी विकास कार्य नहीं

दूसरे गांव पन्नामिनपुरवा निवासी ग्रामीण रामखिलावन ने बताया कि उनके गांव में पांच साल में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. सबसे बड़ी समस्या पानी की है. इसके अलावा यहां सड़कों पर पानी के साथ-साथ कीचड़ भी भरा हुआ है. पन्नामिनपुरवा के ही रहने वाले अजय कुमार ने बताया कि उनके गांव में हर गली मोहल्ले में कीचड़ फैला हुआ है. लोग भूल गए है कि विकास कैसा होता है. पांच सालों में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. पन्नामिनपुरवा निवासी कमलेश और शांति देवी ने बताया कि पूरे गांव का बहुत ही बुरा हाल है. सड़कें पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं. सड़कों पर घुटनों तक पानी भरा हुआ है. किसी अधिकारी ने आज तक कोई सुध नहीं ली. इस बार चुनाव में विकास कार्यों को कराने वाले ही प्रत्याशी को चुनेंगे.

Last Updated : Mar 7, 2021, 12:57 PM IST
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