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सरेंडर की फिराक में है बिकरू कांड के पांच आरोपी, दाखिल की याचिका

बिकरू कांड के पांच आरोपितों ने कानपुर देहात कोर्ट में अपने वकीलों के जरिए सरेंडर के लिए याचिका दाखिल की है. दरअसल दो जुलाई को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से ये सभी आरोपी फरार हैं.

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बिकरू कांड
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Published : Aug 17, 2020, 8:22 PM IST

कानपुर देहात: बिकरू कांड को हुए डेढ़ महीना बीत चुका है. कोई भी नजदीकी खूंखार अपराधियों को शरण देने को तैयार नहीं है. इसके चलते अब फरार अपराधी जनपद कानपुर देहात कोर्ट में सरेंडर करना चाहते हैं. विकास दुबे का भांजा शिव तिवारी, गोविंद सैनी, हीरू, जिलेदार और शिवम दुबे उर्फ बीडीसी ने कानपुर देहात कोर्ट में सरेंडर याचिका दाखिल की है.

बिकरू कांड के आरोपी कर सकते हैं सरेंडर
कोर्ट से इन सभी फरार आरोपियों के संबंध में थाने से जानकारी मांगी गई है. वहीं, दूसरी तरफ सरेंडर याचिका दाखिल करने वालों का एसटीएफ और पुलिस कोई सुराग नहीं लगा पा रही है, जब कि सरेंडर याचिका दाखिल करने वाले विकास के सबसे नजदीकी और इन सभी का आपराधिक इतिहास भी है. लगातार कानपुर के साथ ही कानपुर देहात और आसपास के जिलों में फरार आरोपियों का मूवमेंट बताया जा रहा है.

प्रभात के पिता राजेंद्र ने खोले कई राज
लगातार लोकेशन बदलने की वजह से पुलिस इन्हें दबोच पाने में नाकाम साबित हो रही है. वहीं पुलिस गिरफ्त में आए प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय के पिता राजेंद्र ने कई राज खोले हैं. पिता-पुत्र विकास दुबे के इशारे पर अपनी छत से पुलिस पर गोलियां चला रहे थे. राजेंद्र पिस्टल से और प्रभात सेमी ऑटोमेटिक राइफल से फायरिंग कर रहा था. एसपी ग्रामीण के मुताबिक प्रभात को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया था, जिसके बाद से ही राजेंद्र की तलाश थी.

राजेंद्र को पुलिस ने शिवराजपुर रोड पर गंगोत्री रॉयल पशु आहार फैक्टरी के पास से पकड़ा था. पुलिस के मुताबिक राजेंद्र ने पूछताछ में बताया कि विकास ने उसे पुलिस पर फायर करने के लिए पिस्टल दी थी. विकास को पिस्टल लौटाकर वह फरार हो गया था. वह शिवली के साथ औरैया, इटावा समेत अन्य जिलों में छिपा रहा. सरेंडर करने के लिए दो भैंस बेचकर पत्नी से रुपये मंगाए थे, इससे पहले ही पुलिस ने दबोच लिया.

कानपुर देहात: बिकरू कांड को हुए डेढ़ महीना बीत चुका है. कोई भी नजदीकी खूंखार अपराधियों को शरण देने को तैयार नहीं है. इसके चलते अब फरार अपराधी जनपद कानपुर देहात कोर्ट में सरेंडर करना चाहते हैं. विकास दुबे का भांजा शिव तिवारी, गोविंद सैनी, हीरू, जिलेदार और शिवम दुबे उर्फ बीडीसी ने कानपुर देहात कोर्ट में सरेंडर याचिका दाखिल की है.

बिकरू कांड के आरोपी कर सकते हैं सरेंडर
कोर्ट से इन सभी फरार आरोपियों के संबंध में थाने से जानकारी मांगी गई है. वहीं, दूसरी तरफ सरेंडर याचिका दाखिल करने वालों का एसटीएफ और पुलिस कोई सुराग नहीं लगा पा रही है, जब कि सरेंडर याचिका दाखिल करने वाले विकास के सबसे नजदीकी और इन सभी का आपराधिक इतिहास भी है. लगातार कानपुर के साथ ही कानपुर देहात और आसपास के जिलों में फरार आरोपियों का मूवमेंट बताया जा रहा है.

प्रभात के पिता राजेंद्र ने खोले कई राज
लगातार लोकेशन बदलने की वजह से पुलिस इन्हें दबोच पाने में नाकाम साबित हो रही है. वहीं पुलिस गिरफ्त में आए प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय के पिता राजेंद्र ने कई राज खोले हैं. पिता-पुत्र विकास दुबे के इशारे पर अपनी छत से पुलिस पर गोलियां चला रहे थे. राजेंद्र पिस्टल से और प्रभात सेमी ऑटोमेटिक राइफल से फायरिंग कर रहा था. एसपी ग्रामीण के मुताबिक प्रभात को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया था, जिसके बाद से ही राजेंद्र की तलाश थी.

राजेंद्र को पुलिस ने शिवराजपुर रोड पर गंगोत्री रॉयल पशु आहार फैक्टरी के पास से पकड़ा था. पुलिस के मुताबिक राजेंद्र ने पूछताछ में बताया कि विकास ने उसे पुलिस पर फायर करने के लिए पिस्टल दी थी. विकास को पिस्टल लौटाकर वह फरार हो गया था. वह शिवली के साथ औरैया, इटावा समेत अन्य जिलों में छिपा रहा. सरेंडर करने के लिए दो भैंस बेचकर पत्नी से रुपये मंगाए थे, इससे पहले ही पुलिस ने दबोच लिया.

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