कानपुर देहात: आजादी के पहले अंग्रेजों ने किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए गुलें बनवाई थीं, जो आज विलुप्त सी हो गयी हैं. किसानों को मजबूर होकर काफी दूर से पानी लाकर खेतों की सिंचाई करनी पड़ रही है. मुख्य विकास अधिकारी जोगेंद्र सिंह की पहल पर आदर्श ग्राम उसरी में मनरेगा योजना के तहत इन गुलों को फिर से बनाया जा रहा है.
आदर्श ग्राम उसरी में एक साथ आठ अलग-अलग जगहों पर 100 महिलाओं समेत कुल 561 मजदूर खेतों के पास से सिंचाई के लिए काफी चौड़ी नालियां (गुले) बनाने का कार्य कर रहे हैं. इसका भौतिक सत्यापन रसूलाबाद के खंड विकास अधिकारी सच्चिदानन्द और ग्राम सचिव उदन सिंह के द्वारा ग्राम प्रधान किरन सिंह की मौजूदगी में किया गया. मजदूरों को मनरेगा रोजगार कार्डों का वितरण भी किया गया.
नालियां बनाने का कार्य पहली प्राथमिकता
खंड विकास अधिकारी ने बताया कि पानी की नालियां बनाने का कार्य ग्राम की 100 अति गरीब महिलाओं सहित लगभग 561 मजदूरों के द्वारा कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि नालियां बनाने का कार्य जनपद के मुख्य विकास अधिकारी जोगेंद्र सिंह की पहली प्राथमिकता में है. ग्राम प्रधान किरन सिंह के इस किसानों के हित के कार्य की खण्ड विकास अधिकारी सच्चिदानन्द ने सराहना की है.
400 नालियोंं का निर्माण
उन्होंने कहा कि आजादी से पहले इन्हीं गुलों के द्वारा किसानों के खेतों तक नहरों से पानी पहुंचता था. धीरे-धीरे किसानों की लापरवाही से यह गुलें गायब सी हो गयी हैं, जिन्हें सिचाई विभाग और लेखपालों की सहायता से पुनः उन्हीं जगहों पर नालियों का निर्माण कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि रसूलाबाद और मैथा विकास खण्ड में लगभग 400 गुलों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जिससे किसानों को बहुत लाभ होगा.