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कोर्ट ने चार अफसरों से 88 हजार रुपये वसूलने के लिए दिए आदेश, जानिए क्यों? - कानपुर देहात में जिला न्यायालय

कानपुर देहात में बिजली विभाग के चार अधिकारियों से जिला न्यायालय के अपर जज ने 88 हजार रुपये वसूलने के आदेश दिए हैं. ये कार्रवाई न्यायालय गलत बिलिंग करने पर दिया है.

कानपुर देहात कोर्ट.
कानपुर देहात कोर्ट.
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Published : Apr 18, 2022, 10:53 PM IST

कानपुर देहातः दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी व पुखरायां एक्सईएन समेत चार अफसरों से 88 हजार रुपये की वसूली का आदेश अपर जिला जज प्रथम ने दिया है. यह जुर्माना न्यायालय ने सिकंदरा क्षेत्र के पटेल नगर निवासी उपभोक्ता के यहां पुराना मीटर लगाकर गलत बिलिंग करने पर लगाया है. अर्थदंड की वसूली भू राजस्व की तरह करने के लिए डीएम कार्यालय के अपर प्रभारी अधिकारी संग्रह ने जनपद की सिकंदरा तहसील को निर्देश दिया है.

सिकंदरा के पटेल नगर निवासी जितेंद्र कुमार के घर में वर्ष 2015 में मीटर लगाया था जो जल्द ही खराब हो गया था. इसके बाद 21 सितंबर 2015 को दूसरा मीटर लगा दिया गया था, जो बेहद पुराना था. इसका बिल समीम मंसूरी के नाम निकाला. इसके बाद कनेक्शन का भार दो किलोवाट कर दिया गया था और लाख शिकायतों के बाद भी गलत बिलिंग ठीक नही हुई.

इसके बाद जितेंद्र ने स्थाई लोक अदालत में शरण ली और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी, एक्सईएन पुखरायां, एसडीओ सिकंदरा व जेई सिकंदरा को कोर्ट में पार्टी बनाया. सुनवाई के बाद न्यायालय ने अफसरों को पूर्णतः दोषी पाया और 5 मई 2017 को आदेश में गड़बड़ी दुरुस्त न करने तक प्रति दिन पचास रुपये के हिसाब से अर्थदंड लगाया. अफसरों ने इस पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया.

इसे भी पढ़ें-श्रवण हत्याकांडः पूर्व SSP मंजिल सैनी के खिलाफ CBI ने की कार्रवाई की संस्तुति

इसके बाद पीड़ित ने अर्थदंड रिकवरी के लिए कानपुर देहात के न्यायालय में जिला जज की कोर्ट में शरण ली. इस पर सोमवार को जिला अपर जज प्रथम की कोर्ट में चार वर्ष दस माह का बकाया 88 हजार रुपये वसूलने का आदेश डीएम को दिया है. इस पर अपर प्रभारी अधिकारी संग्रह ने सिकंदरा तहसीलदार को भू राजस्व की भांति वसूली के निर्देश जारी किए हैं.

कानपुर देहातः दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी व पुखरायां एक्सईएन समेत चार अफसरों से 88 हजार रुपये की वसूली का आदेश अपर जिला जज प्रथम ने दिया है. यह जुर्माना न्यायालय ने सिकंदरा क्षेत्र के पटेल नगर निवासी उपभोक्ता के यहां पुराना मीटर लगाकर गलत बिलिंग करने पर लगाया है. अर्थदंड की वसूली भू राजस्व की तरह करने के लिए डीएम कार्यालय के अपर प्रभारी अधिकारी संग्रह ने जनपद की सिकंदरा तहसील को निर्देश दिया है.

सिकंदरा के पटेल नगर निवासी जितेंद्र कुमार के घर में वर्ष 2015 में मीटर लगाया था जो जल्द ही खराब हो गया था. इसके बाद 21 सितंबर 2015 को दूसरा मीटर लगा दिया गया था, जो बेहद पुराना था. इसका बिल समीम मंसूरी के नाम निकाला. इसके बाद कनेक्शन का भार दो किलोवाट कर दिया गया था और लाख शिकायतों के बाद भी गलत बिलिंग ठीक नही हुई.

इसके बाद जितेंद्र ने स्थाई लोक अदालत में शरण ली और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी, एक्सईएन पुखरायां, एसडीओ सिकंदरा व जेई सिकंदरा को कोर्ट में पार्टी बनाया. सुनवाई के बाद न्यायालय ने अफसरों को पूर्णतः दोषी पाया और 5 मई 2017 को आदेश में गड़बड़ी दुरुस्त न करने तक प्रति दिन पचास रुपये के हिसाब से अर्थदंड लगाया. अफसरों ने इस पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया.

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इसके बाद पीड़ित ने अर्थदंड रिकवरी के लिए कानपुर देहात के न्यायालय में जिला जज की कोर्ट में शरण ली. इस पर सोमवार को जिला अपर जज प्रथम की कोर्ट में चार वर्ष दस माह का बकाया 88 हजार रुपये वसूलने का आदेश डीएम को दिया है. इस पर अपर प्रभारी अधिकारी संग्रह ने सिकंदरा तहसीलदार को भू राजस्व की भांति वसूली के निर्देश जारी किए हैं.

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