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हाईकोर्ट ने डीएम कानपुर देहात पर लगाया पांच हजार रुपये का जुर्माना - कानपुर देहात समाचार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएम कानपुर देहात पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना कोर्ट में समय पर जवाब दाखिल न करने पर लगा है. वहीं हाईकोर्ट ने 15 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का समय दिया है.

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डीएम कार्यालय
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Published : Aug 26, 2020, 12:01 AM IST

कानपुर देहातः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएम कानपुर देहात पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगया है. हाईकोर्ट में समय पर जवाब दाखिल न करने पर कोर्ट ने जिलाधिकारी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. कोर्ट ने चेतावनी दी है कि डीएम या तो जवाब दाखिल करें या अदालत में हाजिर होकर इसका स्पष्टीकरण दें कि क्यों जवाब दाखिल नहीं किया गया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि 15 सितंबर तक जवाबी हलफ़नामा दाखिल नहीं किया गया तो जिलाधिकारी स्पष्टीकरण के साथ कोर्ट में हाजिर हों.

बता दें कि जनपद कानपुर देहात के राजकीय विद्यालय के पास शवदाह गृह निर्माण के खिलाफ जनहित याचिका पर जवाब न दाखिल करने पर यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने दिया है. कोर्ट ने कहा है कि कानपुर देहात के जिलाधिकारी को याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया गया था, जिसका उन्होंने पालन नहीं किया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि 15 सितंबर तक जवाबी हलफ़नामा दाखिल नहीं किया गया तो जिलाधिकारी स्पष्टीकरण के साथ कोर्ट में हाजिर हों.

अनिल चंद्रा और 32 अन्य लोगों ने इस मामले को लेकर जनहित याचिका दाखिल की है. याची का कहना है कि राजकीय विद्यालय के पास शवदाह गृह निर्माण से विद्यालय का पठन-पाठन प्रभावित होगा और पढ़ने लिखने वाले छात्र छात्राओं को भी बड़ी दिक्कतों का सामना उठाना पड़ेगा. कोर्ट ने शवदाह गृह निर्माण और विवादित भूमि पर दाह संस्कार करने पर रोक लगा दी है. जिसे जारी रखने का आदेश दिया है. मामले की सुनवाई 15 सितंबर को होगी.

कानपुर देहातः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएम कानपुर देहात पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगया है. हाईकोर्ट में समय पर जवाब दाखिल न करने पर कोर्ट ने जिलाधिकारी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. कोर्ट ने चेतावनी दी है कि डीएम या तो जवाब दाखिल करें या अदालत में हाजिर होकर इसका स्पष्टीकरण दें कि क्यों जवाब दाखिल नहीं किया गया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि 15 सितंबर तक जवाबी हलफ़नामा दाखिल नहीं किया गया तो जिलाधिकारी स्पष्टीकरण के साथ कोर्ट में हाजिर हों.

बता दें कि जनपद कानपुर देहात के राजकीय विद्यालय के पास शवदाह गृह निर्माण के खिलाफ जनहित याचिका पर जवाब न दाखिल करने पर यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने दिया है. कोर्ट ने कहा है कि कानपुर देहात के जिलाधिकारी को याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया गया था, जिसका उन्होंने पालन नहीं किया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि 15 सितंबर तक जवाबी हलफ़नामा दाखिल नहीं किया गया तो जिलाधिकारी स्पष्टीकरण के साथ कोर्ट में हाजिर हों.

अनिल चंद्रा और 32 अन्य लोगों ने इस मामले को लेकर जनहित याचिका दाखिल की है. याची का कहना है कि राजकीय विद्यालय के पास शवदाह गृह निर्माण से विद्यालय का पठन-पाठन प्रभावित होगा और पढ़ने लिखने वाले छात्र छात्राओं को भी बड़ी दिक्कतों का सामना उठाना पड़ेगा. कोर्ट ने शवदाह गृह निर्माण और विवादित भूमि पर दाह संस्कार करने पर रोक लगा दी है. जिसे जारी रखने का आदेश दिया है. मामले की सुनवाई 15 सितंबर को होगी.

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