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कन्नौज: ग्रामीणों ने तालग्राम पुलिस के खिलाफ किया प्रदर्शन

यूपी के कन्नौज में तालग्राम पुलिस के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. ग्रामीणों ने एसपी कार्यालय पहुंचकर पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बाद में ग्रामीणों ने एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह से मुलाकात कर मामले की विवेचना सही ढंग से कराए जाने की मांग की.

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एसपी ऑफिस पर मौजूद ग्रामीण.
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Published : Oct 9, 2020, 6:16 PM IST

कन्नौज: मुकदमे की विवेचना सही न होने से नाराज ग्रामीणों का गुस्सा शुक्रवार को तालग्राम पुलिस के खिलाफ फूट पड़ा. ग्रामीणों ने एसपी कार्यालय पहुंचकर पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बाद में ग्रामीणों ने एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह से मुलाकात कर मामले की विवेचना सही ढंग से कराए जाने की मांग की. पीड़ित परिवार ने अधिवक्ता और उसके परिजनों पर समझौता करने का दबाव बनाने, जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि तालग्राम के आस-पास रहने वाले ग्रामीण भी अधिवक्ता के परिवार के आतंक से परेशान हैं. साथ ही ग्रामीणों ने एसपी से सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है.

जानें क्या है पूरा मामला

तालग्राम थाना क्षेत्र के कलकत्तापुरवा गांव निवासी कमला देवी ने आरोप लगाया है कि बीते 2 अक्तूूबर को अधिवक्ता शिव कुमार सिसोदिया और उनके पुत्र गोविंद और अधिवक्ता रामबाबू शाक्य अपने 12 अज्ञात साथियों के साथ मिलकर जमीन पर अवैध कब्जा कर रहे थे. विरोध करने पर मारपीट करने के साथ ही जान से मारने की नियत से फायरिंग कर दी. पुलिस से शिकायत करने पर आरोपी शिवकुमार और पुत्र गोविंद को पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था. उन्होंने आरोप लगाया है कि अधिवक्ता के परिजन लगातार समझौता करने का दबाव बना रहे हैं. समझौता न करने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.

पुलिस धाराओं में कर रही हेर-फेर

पीड़िता कमला देवी के अलावा गांव के ही उमेश राजपूत, मोहन, जगदेव, द्रगपाल, रामप्रकाश, महावीर, पुष्पेंद्र सहित कई ग्रामीण एसपी ऑफिस पहुंचे. ग्रामीणों ने एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह को दिए शिकायती पत्र में कहा है कि आरोपी अधिवक्ता शिवकुमार को पूर्व में डीएम भू-माफिया घोषित कर चुके हैं. रिपोर्ट लिखने का भी आदेश दिया जा चुका है, लेकिन अधिवक्ता होने की वजह से वह हर बार बच निकलता है. पुलिस पर राजनीतिक दबाव डालकर समझौता का प्रयास किया जा रहा है. आरोप लगाया है कि पुलिस धाराओं में हेर-फेर कर रही है. पीड़ितों ने एसपी से सही से मामले की विवेचना कराए जाने की मांग की है.

ग्रामीणों ने बताया कि अभियुक्त दबंग किस्म के हैं. तालग्राम और आसपास के गांव के लोग भी इनसे किसी न किसी रूप से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक संरक्षण मिलने की वजह से दबंगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.

कन्नौज: मुकदमे की विवेचना सही न होने से नाराज ग्रामीणों का गुस्सा शुक्रवार को तालग्राम पुलिस के खिलाफ फूट पड़ा. ग्रामीणों ने एसपी कार्यालय पहुंचकर पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बाद में ग्रामीणों ने एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह से मुलाकात कर मामले की विवेचना सही ढंग से कराए जाने की मांग की. पीड़ित परिवार ने अधिवक्ता और उसके परिजनों पर समझौता करने का दबाव बनाने, जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि तालग्राम के आस-पास रहने वाले ग्रामीण भी अधिवक्ता के परिवार के आतंक से परेशान हैं. साथ ही ग्रामीणों ने एसपी से सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है.

जानें क्या है पूरा मामला

तालग्राम थाना क्षेत्र के कलकत्तापुरवा गांव निवासी कमला देवी ने आरोप लगाया है कि बीते 2 अक्तूूबर को अधिवक्ता शिव कुमार सिसोदिया और उनके पुत्र गोविंद और अधिवक्ता रामबाबू शाक्य अपने 12 अज्ञात साथियों के साथ मिलकर जमीन पर अवैध कब्जा कर रहे थे. विरोध करने पर मारपीट करने के साथ ही जान से मारने की नियत से फायरिंग कर दी. पुलिस से शिकायत करने पर आरोपी शिवकुमार और पुत्र गोविंद को पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था. उन्होंने आरोप लगाया है कि अधिवक्ता के परिजन लगातार समझौता करने का दबाव बना रहे हैं. समझौता न करने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.

पुलिस धाराओं में कर रही हेर-फेर

पीड़िता कमला देवी के अलावा गांव के ही उमेश राजपूत, मोहन, जगदेव, द्रगपाल, रामप्रकाश, महावीर, पुष्पेंद्र सहित कई ग्रामीण एसपी ऑफिस पहुंचे. ग्रामीणों ने एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह को दिए शिकायती पत्र में कहा है कि आरोपी अधिवक्ता शिवकुमार को पूर्व में डीएम भू-माफिया घोषित कर चुके हैं. रिपोर्ट लिखने का भी आदेश दिया जा चुका है, लेकिन अधिवक्ता होने की वजह से वह हर बार बच निकलता है. पुलिस पर राजनीतिक दबाव डालकर समझौता का प्रयास किया जा रहा है. आरोप लगाया है कि पुलिस धाराओं में हेर-फेर कर रही है. पीड़ितों ने एसपी से सही से मामले की विवेचना कराए जाने की मांग की है.

ग्रामीणों ने बताया कि अभियुक्त दबंग किस्म के हैं. तालग्राम और आसपास के गांव के लोग भी इनसे किसी न किसी रूप से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक संरक्षण मिलने की वजह से दबंगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.

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