कन्नौज: राजकीय मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी वार्ड को दो भागों में बांट दिया गया है. इसमें से एक भाग में कोरोना के संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जाएगा. जबकि दूसरे भाग में हादसे में घायल लोगों और अन्य बीमाररियों से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जाएगा. इसके लिए चिकित्सकों की अलग-अलग टीम भी गठित की गयी है. साथ ही मरीजों और डॉक्टरों के आने-जाने के रास्ते भी अलग कर दिए गये हैं.
मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इमरजेंसी को दो भागों में बांटा
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नवनीत कुमार ने बताया कि अभी तक कोरोना के संदिग्ध मरीज व अन्य मामलों के मरीजों का उपचार एक साथ ही इमरजेंसी में चल रहा था. जिस वजह से चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टॉफ सशंकित रहते थे. इस समस्या से निपटने के लिए इमरजेंसी वार्ड को दो भागों में विभाजित कर दिया गया है.
उन्होंने बताया कि, कोरोना के संदिग्ध मरीजों का परीक्षण अलग वार्ड में किया जाएगा. इसके लिए एक दर्जन चिकित्सकों की टीम तैनात कर दी गई हैं. यह चिकित्सक ही कोरोना के संदिग्ध मरीजों का परीक्षण व उपचार करेगें. इनके लिए उनके आने-जाने का अलग रास्ता भी बना दिया गया हैं. हादसों में घायल व अन्य बीमारियों से प्रभावित मरीजों का उपचार अलग वार्ड में होगा. इसके लिए अलग से चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टॉफ की टीम गठित कर दी गई हैं.
मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के लिए बना 180 बेड का क्वारंटाइन सेंटर
संदिग्ध कोरोना मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टॉफ के लिए मेडिकल कॉलेज में बने टाइप 5 के आवासीय भवनों में 80 बेड का क्वारंटाइन सेंटर बना दिया गया हैं. 100 बेड का क्वारंटाइन सेंटर नए बने कैंसर अस्पताल के भवन में बनाया गया हैं. इसके अलावा कोरोना पॉजिटिव मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सकों के लिए मेडिकल कॉलेज के निकट बने चंदन होटल में 13 बेड का क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया हैं.