कन्नौज: दिल्ली में तीन नए कृषि कानून के विरोध में धरना दे किसानों के समर्थन में राष्ट्रीय किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि तीनों नए कृषि कानून को रद्द किया जाए. राष्ट्रीय किसान मोर्चा का कहना है कि "सरकार पूंजीपतियों को अनाज की जमाखोरी करने की खुली छूट दे रही है. नए कानून में किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी की गांरटी नहीं देता है."
कार्यकर्ताओं ने कानून वापस लिए जाने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की. राष्ट्रीय किसान मोर्चा ने डीएम राकेश कुमार मिश्रा को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि "नया कृषि कानून किसान विरोधी है. कानून पूंजी पतियों को फायदा पहुंचाने के लिए पारित किया गया है. सरकार पूंजीपतियों को अनाज की जमा खोरी करने की खुली छूट दे रही है. नए कृषि कानून के तहत सरकार की भारतीय खाद निगम को बंद करने की साजिश है. अगर भारतीय खाद निगम बंद हो गया तो देशभर में राशन कोटे की दुकान बंद हो जाएंगी, जिससे गरीब और मजदूर भूखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे."
'समर्थन मूल्य की नहीं है गारंटी'
राष्ट्रीय किसान मोर्चा ने कहा कि "कृषि कानून किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कि इस कानून में कोई गारंटी नहीं दी गई है, जिसके विरोध में पूरे देश के किसानआक्रोशित हैं. केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में किसानों की तरह मजदूरों को भी बर्बाद करने के लिए 29 कानून खत्म किए हैं, जिससे मजदूरों का शोषण करने का अवसर पूंजीपतियों को मिल रहा है."
कृषि काननू के खिलाफ किसान मोर्चा ने किया प्रदर्शन - डीएम राकेश कुमार मिश्रा
कन्नौज में राष्ट्रीय किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कृषि कानून के खिलाफ कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन के बाद डीएम को ज्ञापन भी सौंपा.
कन्नौज: दिल्ली में तीन नए कृषि कानून के विरोध में धरना दे किसानों के समर्थन में राष्ट्रीय किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि तीनों नए कृषि कानून को रद्द किया जाए. राष्ट्रीय किसान मोर्चा का कहना है कि "सरकार पूंजीपतियों को अनाज की जमाखोरी करने की खुली छूट दे रही है. नए कानून में किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी की गांरटी नहीं देता है."
कार्यकर्ताओं ने कानून वापस लिए जाने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की. राष्ट्रीय किसान मोर्चा ने डीएम राकेश कुमार मिश्रा को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि "नया कृषि कानून किसान विरोधी है. कानून पूंजी पतियों को फायदा पहुंचाने के लिए पारित किया गया है. सरकार पूंजीपतियों को अनाज की जमा खोरी करने की खुली छूट दे रही है. नए कृषि कानून के तहत सरकार की भारतीय खाद निगम को बंद करने की साजिश है. अगर भारतीय खाद निगम बंद हो गया तो देशभर में राशन कोटे की दुकान बंद हो जाएंगी, जिससे गरीब और मजदूर भूखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे."
'समर्थन मूल्य की नहीं है गारंटी'
राष्ट्रीय किसान मोर्चा ने कहा कि "कृषि कानून किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कि इस कानून में कोई गारंटी नहीं दी गई है, जिसके विरोध में पूरे देश के किसानआक्रोशित हैं. केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में किसानों की तरह मजदूरों को भी बर्बाद करने के लिए 29 कानून खत्म किए हैं, जिससे मजदूरों का शोषण करने का अवसर पूंजीपतियों को मिल रहा है."