कन्नौज: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर हुए लाठी चार्ज और पानी की बौछार को लेकर प्रसपा कार्यकर्ताओं में गुस्सा है. इस मामले को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन डीएम को सौंपा. कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि किसानों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. साथ ही किसान विरोधी कानून भी वापस लिया जाए. कार्यकर्ताओं ने कहा कि किसानों के आंदोलन देखते हुए विपक्ष की सहमति के आधार पर कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार फिर से विचार करे.
एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
सोमवार को प्रसपा जिलाध्यक्ष देवपाल सिंह यादव की अगुवाई में पार्टी के महिला सभा की जिलाध्यक्ष गुड्डी शाक्य के अलावा पार्टी कार्यकर्ता आशीष सिंह गौतम, कश्मीर सिंह यादव, छेदीलाल, दीपक गौतम, दीपक यादव, विश्वनाथ सिंह, सुरजीत कुमार समेत कई कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम के न मिलने पर अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सौंपा. प्रसपा कार्यकर्ताओं कहा कि, नए कृषि कानूनों के विरोध में देश भर के किसान शांति पूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं, फिर भी किसानों पर लाठीचार्ज किया गया, ठंडे पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले छोड़ेकर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया.
किसानों की मांगों पर हो चर्चा
प्रसपा कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि किसानों की तरफ से कृषि कानून को लेकर उठाए जा रहे मुद्दों का बातचीत के जरिए हल किया जाए. साथ ही कृषि कानून के जरिए कॉरपोरेट कंपनियों को दिए जा रहे हैं अधिकारों को निरस्त कर दिया जाए. सरकार को किसान मंडियों का अस्तित्व बरकरार रखना चाहिए और किसानों के न्यूनतम समर्थन पर भी चर्चा करनी चाहिए.