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कन्नौज: टिड्डी दल कर सकते हैं आक्रमण, वैज्ञानिकों ने दिए फसल बचाव के सुझाव

कोरोना कहर के बीच किसानों को अब टिड्डियों के चलते फसलों के नुकसान का डर सता रहा है. रविवार को कन्नौज जिले में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने फसलों को टिड्डी दल समूह से बचाने के उपाय बताए.

टिड्डी दल का आक्रमण
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Published : May 24, 2020, 9:51 PM IST

कन्नौज: कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वीके कनौजिया व वैज्ञानिक डॉ. जगदीश किशोर, डॉ. अमर सिंह ने फसल को टिड्डियों से बचाने के उपाय बताए. वैज्ञानिकों ने बताया कि टिड्डी दल समूह रात के समय फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, इसीलिए किसानों को रात के समय निगरानी करनी चाहिए.

टिड्डी दल से बचाव के तरीके
टिड्डी दल के प्रकोप से बचाव हेतु सभी किसानों को सलाह दी जाती है कि अपने स्तर पर गांव में समूह बनाकर खेतों में रात के समय निगरानी करें. शाम 7 बजे से 9 बजे के मध्य टिड्डी दल विश्राम के लिए किसी भी वनस्पति पर बैठ सकते हैं. इसके लिए सभी किसान टोली बनाकर परम्परागत उपाय जैसे ढोल, थाली, टीन के डब्बे आदि के माध्यम से आवाज करें, इससे टिड्डियों को भगाया जा सकता है.

विभिन्न कीटनाशी दवाओं का करें प्रयोग
यदि शाम के समय टिड्डी दल का प्रकोप हो गया है तो टिड्डी की विश्राम अवस्था सुबह 3 बजे से 5 बजे के बीच में खेतों में छिड़काव कर सकते हैं. इसके लिए कीटनाशी दवाएं जैसे क्‍लोरो पायरीफास 20 ईसी 1500 मिली या लेम्डासाईलोथ्रिन 5 ईसी 400 मिली या डाईफ्लू बेन्जूरान 25 WP 240 ग्राम का प्रयोग करें. रासायनिक कीटनाशी पाउडडर फेनबलरेट 0.4 प्रतिशत 20-25 किग्रा या क्‍यूनालफास 1.5 प्रतिशत 25 किग्रा. का भी छिड़काव कर सकते हैं.

कन्नौज: कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वीके कनौजिया व वैज्ञानिक डॉ. जगदीश किशोर, डॉ. अमर सिंह ने फसल को टिड्डियों से बचाने के उपाय बताए. वैज्ञानिकों ने बताया कि टिड्डी दल समूह रात के समय फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, इसीलिए किसानों को रात के समय निगरानी करनी चाहिए.

टिड्डी दल से बचाव के तरीके
टिड्डी दल के प्रकोप से बचाव हेतु सभी किसानों को सलाह दी जाती है कि अपने स्तर पर गांव में समूह बनाकर खेतों में रात के समय निगरानी करें. शाम 7 बजे से 9 बजे के मध्य टिड्डी दल विश्राम के लिए किसी भी वनस्पति पर बैठ सकते हैं. इसके लिए सभी किसान टोली बनाकर परम्परागत उपाय जैसे ढोल, थाली, टीन के डब्बे आदि के माध्यम से आवाज करें, इससे टिड्डियों को भगाया जा सकता है.

विभिन्न कीटनाशी दवाओं का करें प्रयोग
यदि शाम के समय टिड्डी दल का प्रकोप हो गया है तो टिड्डी की विश्राम अवस्था सुबह 3 बजे से 5 बजे के बीच में खेतों में छिड़काव कर सकते हैं. इसके लिए कीटनाशी दवाएं जैसे क्‍लोरो पायरीफास 20 ईसी 1500 मिली या लेम्डासाईलोथ्रिन 5 ईसी 400 मिली या डाईफ्लू बेन्जूरान 25 WP 240 ग्राम का प्रयोग करें. रासायनिक कीटनाशी पाउडडर फेनबलरेट 0.4 प्रतिशत 20-25 किग्रा या क्‍यूनालफास 1.5 प्रतिशत 25 किग्रा. का भी छिड़काव कर सकते हैं.

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