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कन्नौज में 1 हजार बीघा आलू की फसल बर्बाद, दुकानदारों पर गलत दवा बेचने का आरोप, लाइसेंस निलंबित - 1 thousand kg potato wasted kannauj

कन्नौज में दवा रिएक्शन करने से एक हजार बीघा आलू की फसल बर्बाद (Potato crop ruined in Kannauj) हो गई. मामले में 2 दुकानों के लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया है.

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कन्नौज में आलू की फसल बर्बाद
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Published : Nov 8, 2022, 6:04 PM IST

Updated : Nov 8, 2022, 10:59 PM IST

कन्नौज: इत्रनगरी में आलू किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी थी. अब आलू बीज शोधन के लिए लगाई गई दवा रिएक्शन कर गई है. जिससे करीब 1 हजार बीघा से ज्यादा फसल बर्बाद (Potato Crop ruined in Kannauj) हो गई. जहां किसानों ने दवा विक्रेताओं पर नकली देने का आरोप लगाया है. फसल की बुवाई होने के बाद जब आलू की बेल सतह पर नहीं आई तब किसानों आलू खोदकर देखे. जिससे उन्हें फसल बर्बाद होने की जानकारी हो सकी. फसल खराब होने के बाद पीड़ित किसानों ने कृषि विभाग से संपर्क कर शिकायत की. विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी है. साथ ही विभाग ने गलत दवा देने वाले दो दवा विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित कर दिए है. एक दो नहीं बल्कि एक दर्जन से अधिक गांवों के किसानों की फसल गलत दवा के चलते बर्बाद हो गई है.

फसल बर्बाद के बारे में जानकारी देते किसान और कृषि अधिकारी.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, इत्रनगरी में बड़े पैमाने पर आलू की फसल की जाती है. ज्यादातर किसान आलू की फसल पर ही निर्भर रहते है. आलू की बुवाई से पहले बीज शोधन प्रक्रिया की जाती है. बीज गाड़ने से पहले किसान उस पर दवा डालते है, जिससे आलू की पैदावार अच्छी हो. आरोप है कि इस बार दो दुकानदारों ने किसानोंं को बीज में डालने वाली दवा गलत दे दी. जिससे किसानों की करीब एक हजार बीघा फसल बर्बाद हो गई है. दवा रिएक्शन करने की वजह से आलू की ग्रोथ रूक गई है. आलू की फसल की बुवाई के बाद करीब 15 से 20 दिन बाद मिट्टी से बाहर किल्ला (आलू की बेल) फूट आती है. लेकिन जिन किसानों ने तिखवा गांव स्थित कटियार बीज भंडार और मानीमऊ स्थित कटियार कृषि सेवा केंद्र से दवा खरीदकर बीज पर डाली थी. उनकी आलू की फसल अभी तक नहीं उगी है. जब किसानों खेतों में फसल खोदकर देखी तो आलू की ग्रोथ ही नहीं हुई. जिससे उनकी फसल का नुकसान हो गया.

पीड़ित किसान राकेश कटियार ने बताया कि उन्होंने बताया कि उन्होंने करीब 15 बीघा आलू की फसल बोई थी. शनि कटियार की दुकान से दवा खरीदी थी. लेकिन दवा गलत निकलने की वजह से आलू की जड़े नहीं निकल रही है. जिससे आलू की पैदावार नहीं होगी. उन्होंने बताया कि 15 बीघा फसल में दो लाख रुपए की लागत आई थी. दवा की वजह से सारी फसल बर्बाद हो गई है.

किसान वीरू ने बताया कि आलू की बुवाई के 14-15 दिनों तक अंकुर फूट जाता है. लेकिन जिन लोगों ने दवा डाली है, उनके आलू की फसल में किल्ले नहीं फूट रहे है. किल्ला निकलने के बाद वह मुरझा जाते है. आसपास के कई गावों में किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. किसान विजय कुमार दोहरे ने बताया कि उनकी दो एकड़ आलू की फसल बर्बाद हो गई है. बीज भंडार से जो दवाएं ली थी, उसकी वजह से फसल बर्बाद हुई है. कई खेतों में इस तरह की समस्या आई है. जिसके बाद अपने खेत पर जाकर देखा तो उनकी भी फसल बर्बाद हो गई है. अब आलू की फसल की दोबारा बुवाई होगी. जिससे करीब एक माह फसल लेट हो जाएगी. इससे आने वाली मक्का की फसल भी लेट होगी.

इन गावों में आलू की फसल हुई बर्बाद
पीड़ित किसानों ने बताया कि तिखवा गांव के अलावा सकरी खुर्द, तारमऊगढ़ी, अब्दुलपुर, लक्ष्मणपुर, यासीनपुर, मुसाफिरपुर, तेरामल्लू, खुरर्मपुर, अनंदीपुरवा, लीलापुरवा, दंदौरा बुजुर्ग, मोचिपुर, टिकुरियनपुरवा, उदैतापुर गांव के किसानों की भी फसल गलत दवा के चलते खराब हो गई है.

गलत दवा बेचने वाले दो दुकानों के लाइसेंस निलंबित
जिला कृषि अधिकारी आवेश कुमार ने बताया कि कुछ किसानों द्वारा शिकायत की गई थी. यह कहा गया कि दो दुकानों तिखवा में कटियार बीज भंडार और मानीमऊ में कटियार कृषि सेवा केंद्र से फफूंदी नाशक दवा ली थी. दवा लेने के बाद बीज शोधन किया. फसल बोने के बाद किल्ला नहीं फूटा है. जबकि जिन किसानों ने दवा नहीं डाली उनकी फसल की बेल निकल आई है. उन्होंने बताया कि दोनों दुकानों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए है. दोनों दुकानदारों से रिकॉर्ड मांगें गए है कि किस डिस्ट्रीब्यूटर से दवाएं खरीदी गई है. साथ ही कन्नौज में किस मात्रा में दवा सप्लाई की गई है, इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद कंपनी पर भी कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें: आलू की फसल को लोकल स्तर पर इंडस्ट्रीज से जोड़ने की कवायद, सरकारी अनुदान पर लगेंगी फूड प्रोसेसिंग इकाइयां

कन्नौज: इत्रनगरी में आलू किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी थी. अब आलू बीज शोधन के लिए लगाई गई दवा रिएक्शन कर गई है. जिससे करीब 1 हजार बीघा से ज्यादा फसल बर्बाद (Potato Crop ruined in Kannauj) हो गई. जहां किसानों ने दवा विक्रेताओं पर नकली देने का आरोप लगाया है. फसल की बुवाई होने के बाद जब आलू की बेल सतह पर नहीं आई तब किसानों आलू खोदकर देखे. जिससे उन्हें फसल बर्बाद होने की जानकारी हो सकी. फसल खराब होने के बाद पीड़ित किसानों ने कृषि विभाग से संपर्क कर शिकायत की. विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी है. साथ ही विभाग ने गलत दवा देने वाले दो दवा विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित कर दिए है. एक दो नहीं बल्कि एक दर्जन से अधिक गांवों के किसानों की फसल गलत दवा के चलते बर्बाद हो गई है.

फसल बर्बाद के बारे में जानकारी देते किसान और कृषि अधिकारी.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, इत्रनगरी में बड़े पैमाने पर आलू की फसल की जाती है. ज्यादातर किसान आलू की फसल पर ही निर्भर रहते है. आलू की बुवाई से पहले बीज शोधन प्रक्रिया की जाती है. बीज गाड़ने से पहले किसान उस पर दवा डालते है, जिससे आलू की पैदावार अच्छी हो. आरोप है कि इस बार दो दुकानदारों ने किसानोंं को बीज में डालने वाली दवा गलत दे दी. जिससे किसानों की करीब एक हजार बीघा फसल बर्बाद हो गई है. दवा रिएक्शन करने की वजह से आलू की ग्रोथ रूक गई है. आलू की फसल की बुवाई के बाद करीब 15 से 20 दिन बाद मिट्टी से बाहर किल्ला (आलू की बेल) फूट आती है. लेकिन जिन किसानों ने तिखवा गांव स्थित कटियार बीज भंडार और मानीमऊ स्थित कटियार कृषि सेवा केंद्र से दवा खरीदकर बीज पर डाली थी. उनकी आलू की फसल अभी तक नहीं उगी है. जब किसानों खेतों में फसल खोदकर देखी तो आलू की ग्रोथ ही नहीं हुई. जिससे उनकी फसल का नुकसान हो गया.

पीड़ित किसान राकेश कटियार ने बताया कि उन्होंने बताया कि उन्होंने करीब 15 बीघा आलू की फसल बोई थी. शनि कटियार की दुकान से दवा खरीदी थी. लेकिन दवा गलत निकलने की वजह से आलू की जड़े नहीं निकल रही है. जिससे आलू की पैदावार नहीं होगी. उन्होंने बताया कि 15 बीघा फसल में दो लाख रुपए की लागत आई थी. दवा की वजह से सारी फसल बर्बाद हो गई है.

किसान वीरू ने बताया कि आलू की बुवाई के 14-15 दिनों तक अंकुर फूट जाता है. लेकिन जिन लोगों ने दवा डाली है, उनके आलू की फसल में किल्ले नहीं फूट रहे है. किल्ला निकलने के बाद वह मुरझा जाते है. आसपास के कई गावों में किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. किसान विजय कुमार दोहरे ने बताया कि उनकी दो एकड़ आलू की फसल बर्बाद हो गई है. बीज भंडार से जो दवाएं ली थी, उसकी वजह से फसल बर्बाद हुई है. कई खेतों में इस तरह की समस्या आई है. जिसके बाद अपने खेत पर जाकर देखा तो उनकी भी फसल बर्बाद हो गई है. अब आलू की फसल की दोबारा बुवाई होगी. जिससे करीब एक माह फसल लेट हो जाएगी. इससे आने वाली मक्का की फसल भी लेट होगी.

इन गावों में आलू की फसल हुई बर्बाद
पीड़ित किसानों ने बताया कि तिखवा गांव के अलावा सकरी खुर्द, तारमऊगढ़ी, अब्दुलपुर, लक्ष्मणपुर, यासीनपुर, मुसाफिरपुर, तेरामल्लू, खुरर्मपुर, अनंदीपुरवा, लीलापुरवा, दंदौरा बुजुर्ग, मोचिपुर, टिकुरियनपुरवा, उदैतापुर गांव के किसानों की भी फसल गलत दवा के चलते खराब हो गई है.

गलत दवा बेचने वाले दो दुकानों के लाइसेंस निलंबित
जिला कृषि अधिकारी आवेश कुमार ने बताया कि कुछ किसानों द्वारा शिकायत की गई थी. यह कहा गया कि दो दुकानों तिखवा में कटियार बीज भंडार और मानीमऊ में कटियार कृषि सेवा केंद्र से फफूंदी नाशक दवा ली थी. दवा लेने के बाद बीज शोधन किया. फसल बोने के बाद किल्ला नहीं फूटा है. जबकि जिन किसानों ने दवा नहीं डाली उनकी फसल की बेल निकल आई है. उन्होंने बताया कि दोनों दुकानों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए है. दोनों दुकानदारों से रिकॉर्ड मांगें गए है कि किस डिस्ट्रीब्यूटर से दवाएं खरीदी गई है. साथ ही कन्नौज में किस मात्रा में दवा सप्लाई की गई है, इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद कंपनी पर भी कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें: आलू की फसल को लोकल स्तर पर इंडस्ट्रीज से जोड़ने की कवायद, सरकारी अनुदान पर लगेंगी फूड प्रोसेसिंग इकाइयां

Last Updated : Nov 8, 2022, 10:59 PM IST
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