कन्नौज: 16 वर्षीय किशोरी को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने और दुष्कर्म करने के मामले में कोर्ट ने दोषी रामकिशन को 7 साल कैद की सजा सुनाई है. साथ ही 18 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर दोषी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. यह घटना वर्ष 2016 की है, इसमें कोर्ट ने 3 अभियुक्तों को दोष मुक्त करार दिया है. यह आदेश विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट की जज गीता सिंह ने दिया है. कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से 6 गवाह पेश किए गए थे.
जिला शासकीय अधिवक्ता बृजेश शुक्ला ने बताया कि विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले दूसरे धर्म के पिता ने राम किशन, सुनील, कमल व अखिलेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि 18 फरवरी 2016 की रात्रि को उसकी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी को राम किशन बहला फुसलाकर अपने साथ लेकर भाग गया था. किशोरी को भगाने में सुनील, कमल, अवधेश ने मदद थी. पीड़ित पक्ष की तहरीर पर इस मामले में पुलिस ने धारा 363, 366 व लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012,3 व 4 के तहत मामला दर्ज किया था.
पुलिस ने किशोरी को बरामद कर धारा 376(1) बढ़ाते हुए मामले की जांच पड़ताल की थी. मामले की विवेचना करके एसआई शेष नारायण शुक्ला व काली कृष्ण आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था. इस केस की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 6 गवाह पेश किए गए. बुधवार को आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट की जज गीता सिंह ने दोषी राम किशन को 7 वर्ष कारावास व 18 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
जुर्माना अदा न करने पर दोषी को 6 माह की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी. कोर्ट ने बालकों का संरक्षण अधिनियम धारा 4 में 7 साल कारावास व 10 हजार रुपये, धारा 363 में 3 साल की कैद व 3000 रुपये और धारा 366 में 5 साल की कैद व 5000 रुपये का अर्थदंड लगाया है. कोर्ट ने आरोपी सुनील, कमल व अखिलेश को पर्याप्त साक्ष्य न होने पर दोष मुक्त करार दिया है.