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कन्नौज के इत्र की खुशबू फ्रांस तक पहुंची, प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति को किया भेंट

जर्मनी में आयोजित हुए जी-7 सम्मेलन के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को कन्नौज के इत्र कारोबारी एमएल रामनरायन परफ्यूमर्स के यहां बना अनूठा अतर मिट्टी इत्र भेंट किया है. यह इत्र दुनिया भर में सिर्फ कन्नौज में ही तैयार किया जाता है.

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कन्नौज का इत्र
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Published : Jun 29, 2022, 11:12 PM IST

कन्नौज: पतित पावनी मां गंगा के किनारे बसा कन्नौज शहर इत्र की राजधानी कहा जाता है. कन्नौज अपने इत्र की खुशबू के लिए दुनिया भर में प्रख्यात है. इत्रनगरी में बने इत्र की सुगंध जर्मनी में G- 7 सम्मेलन के वैश्विक मंच पर भी महकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कन्नौज में बनने वाला अनूठा इत्र फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को भेंट किया है. यह इत्र एमएल राम नरायन परफ्यूमर्स के यहां तैयार किया गया है. इस इत्र की खासियत है कि पहली बारिश की बूंद मिट्टी पर गिरने के बाद जो सौंधी खुशबू का अहसास होता है. इस इत्र को लगाने पर वहीं सौंधी खुशबू का अहसास कराता है.

कन्नौज के इत्र की खुशबू फ्रांस तक पहुंची
जी-7 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अतर शमामा, अतर गुलाब, बेला व गरम मसाला का एसेंशियल ऑयल भेंट किया है. इत्र की शीशियों को लखनऊ में तैयार की गई जरदोजी के बॉक्स में रखा गया था. प्रधानमंत्री ने वैश्विक मंच पर कन्नौज में बने इत्र को भेंट कर इत्र कारोबार के लिए दुनिया भर में फैलाने के लिए नए रास्ते खोल दिए है. सुरस एवं सुगंध विकास केंद्र (एफएफडीसी ) के प्रधान निदेशक डॉ. शक्ति विनय शुक्ला ने बताया कि प्रधानमंत्री ने जी-7 सम्मेलन में फ्रांस के राष्ट्रपति को इत्र और खुशबू का डिब्बा भेंट किया है. उसको एफएफडीसी से भेजा गया है. अतर मिट्टी की यह है खासियत: डॉ. शक्ति विनय शुक्ला ने बताया कि अतर मिट्टी खुशबू की खासियत है कि जो पहली बारिश के बाद जो सौंधी खुशबू आती है, वही इसमें आती है. उन्होंने बताया कि अतर, अतर गुलाब, अतर शमामा व अतर मिट्टी को एफएफडीसी की मदद से कन्नौज के उद्योग को भौगोलिक सांकेतक का दर्जा दिला चुके हैं. यह तीनों प्रोडेक्ट विश्व में कहीं नहीं बनते है. यहां पर आज भी करीब पांच साल पुरानी पद्धति से इत्र तैयार किया जाता है. भपका पद्धति से इत्र तैयार किया जाता है. चंदन के तेल के ऊपर विशेष रूप से वसा लेते हैं, जिससे एक अच्छे किस्म का इत्र तैयार होता है.


यह भी पढ़ें:कन्नौज में सम्राट पृथ्वीराज के निर्देशक पर परिवाद दायर, 30 जून को होगी सुनवाई


इत्र कारोबारी बोले हमारे लिए गर्व की बात: इत्र कारोबारी प्रांजल कपूर ने बताया कि मिट्टी का इत्र, बेला का तेल, शमामा और अतर गुलाब सिर्फ हमारे यहां बनाया जाता है. मिट्टी के इत्र की खुशबू सौंधी होती है. शमामा बनाने में बहुत सारे तेल व जड़ी बूटियां लगती हैं. अतर गुलाब भी सिर्फ कन्नौज में बनते हैं. कोई भी केमिकल से बनाया हुआ इत्र इनकी खुशबू की बराबरी नहीं कर सकता है. उन्होंने बताया कि यहां का बना इत्र वैश्विक मंच तक पहुंचा है. यह हम सबके लिए गर्व की बात है.

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कन्नौज: पतित पावनी मां गंगा के किनारे बसा कन्नौज शहर इत्र की राजधानी कहा जाता है. कन्नौज अपने इत्र की खुशबू के लिए दुनिया भर में प्रख्यात है. इत्रनगरी में बने इत्र की सुगंध जर्मनी में G- 7 सम्मेलन के वैश्विक मंच पर भी महकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कन्नौज में बनने वाला अनूठा इत्र फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को भेंट किया है. यह इत्र एमएल राम नरायन परफ्यूमर्स के यहां तैयार किया गया है. इस इत्र की खासियत है कि पहली बारिश की बूंद मिट्टी पर गिरने के बाद जो सौंधी खुशबू का अहसास होता है. इस इत्र को लगाने पर वहीं सौंधी खुशबू का अहसास कराता है.

कन्नौज के इत्र की खुशबू फ्रांस तक पहुंची
जी-7 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अतर शमामा, अतर गुलाब, बेला व गरम मसाला का एसेंशियल ऑयल भेंट किया है. इत्र की शीशियों को लखनऊ में तैयार की गई जरदोजी के बॉक्स में रखा गया था. प्रधानमंत्री ने वैश्विक मंच पर कन्नौज में बने इत्र को भेंट कर इत्र कारोबार के लिए दुनिया भर में फैलाने के लिए नए रास्ते खोल दिए है. सुरस एवं सुगंध विकास केंद्र (एफएफडीसी ) के प्रधान निदेशक डॉ. शक्ति विनय शुक्ला ने बताया कि प्रधानमंत्री ने जी-7 सम्मेलन में फ्रांस के राष्ट्रपति को इत्र और खुशबू का डिब्बा भेंट किया है. उसको एफएफडीसी से भेजा गया है. अतर मिट्टी की यह है खासियत: डॉ. शक्ति विनय शुक्ला ने बताया कि अतर मिट्टी खुशबू की खासियत है कि जो पहली बारिश के बाद जो सौंधी खुशबू आती है, वही इसमें आती है. उन्होंने बताया कि अतर, अतर गुलाब, अतर शमामा व अतर मिट्टी को एफएफडीसी की मदद से कन्नौज के उद्योग को भौगोलिक सांकेतक का दर्जा दिला चुके हैं. यह तीनों प्रोडेक्ट विश्व में कहीं नहीं बनते है. यहां पर आज भी करीब पांच साल पुरानी पद्धति से इत्र तैयार किया जाता है. भपका पद्धति से इत्र तैयार किया जाता है. चंदन के तेल के ऊपर विशेष रूप से वसा लेते हैं, जिससे एक अच्छे किस्म का इत्र तैयार होता है.


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इत्र कारोबारी बोले हमारे लिए गर्व की बात: इत्र कारोबारी प्रांजल कपूर ने बताया कि मिट्टी का इत्र, बेला का तेल, शमामा और अतर गुलाब सिर्फ हमारे यहां बनाया जाता है. मिट्टी के इत्र की खुशबू सौंधी होती है. शमामा बनाने में बहुत सारे तेल व जड़ी बूटियां लगती हैं. अतर गुलाब भी सिर्फ कन्नौज में बनते हैं. कोई भी केमिकल से बनाया हुआ इत्र इनकी खुशबू की बराबरी नहीं कर सकता है. उन्होंने बताया कि यहां का बना इत्र वैश्विक मंच तक पहुंचा है. यह हम सबके लिए गर्व की बात है.

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