कन्नौज: जिले में लाॅकडाउन की परेशानी के दौरान चिकित्सा विभाग की लापरवाही सामने आई है. यहां प्रसूताओं की मदद के लिए एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच रही है. जिले में ऐसे दो मामलों में एंबुलेंस सेवा की लापरवाही सामने आई है, जिसकी वजह से एक बच्चे की जान चली गई, जबकि दूसरे पीड़ित को अपनी पत्नी को रिक्शे से अस्पताल ले जाना पड़ा.
लॉकडाउन में एंबुलेंस का टोटा
पहला मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के चौधरीसराय स्थित काशीराम कॉलोनी का है. यहां एक महिला के सुरक्षित प्रसव न होने पर बच्चे की मौत हो गई. यह एरिया कोरोना हॉटस्पॉट घोषित है. काशीराम कॉलोनी में रहने वाले मोहम्मद शहजाद की पत्नी शाहजहां को बीती रात 9:00 बजे प्रसव पीड़ा हुई. पति शहजाद ने एंबुलेंस को कई बार फोन लगाया, लेकिन समय पर एंबुलेंस न पहुंची, जिसके बाद आसपास के लोगों ने प्रसव घर पर ही करने की कोशिश की. इस दौरान रात में ही डिलीवरी हो गई, लेकिन बच्चे की मौत हो गई. पीड़ित परिवार का कहना है कि एंबुलेंस को कई बार फोन किया गया, लेकिन वह समय पर नही पहुंची. यदि वह समय से पहुंच जाती तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी.
रास्ते में हुआ प्रसव
दूसरा मामला तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के गाजीपुर्वा गांव का है. यहां के निवासी महेंद्र सिंह की पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद उन्होंने एंबुलेंस को फोन लगाया. जब एंबुलेंस काफी देर तक नही पहुंची तो इंतजार करने के बाद वह अपनी पत्नी को रिक्शा से लेकर अस्पताल पहुंचा. यहां रास्ते में ही प्रसुता को प्रसव हो गया, जिसके बाद महेंद्र ने अपनी पत्नी को तिर्वा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया.
102 एंबुलेंस पूरी तरह से जच्चा-बच्चा के लिए ही रखी गई हैं. उनसे और कोई काम नहीं लिया जा रहा है. यह जांच का विषय है कि उन्होंने फोन कब किया था और कितनी देर बाद एंबुलेंस पहुंची थी. इस संबंध में कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई है. इसकी जांच की जाएगी, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उनकी कंपनी को लिखेंगे.
-कृष्ण स्वरूप, मुख्य चिकित्साधिकारी
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