ETV Bharat / state

शाम ढलते ही कन्नौज-कानपुर सीमा से नदारद होते हैं सिपाही, जारी है बेरोक-टोक आवा-जाही

कोरोना संक्रमण को लेकर कन्नौज-कानपुर सीमा पर बैरिकेडिंग की गई है, लेकिन यहां बने चेकपोस्ट पर शाम होते ही पुलिस कर्मी गायब हो जाते हैं. जिस कारण बिना किसी रुकावट के वाहन जिले में प्रवेश कर रहे हैं.

राम भरोसे कन्नौज-कानपुर की सीमा.
राम भरोसे कन्नौज-कानपुर की सीमा.
author img

By

Published : Apr 17, 2020, 4:12 PM IST

कन्नौज: देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिए लॉकडाउन-2 जारी है. राज्यों से लेकर जिलों तक की सीमाएं सील हैं, लेकिन कन्नौज जिले में लॉक डाउन-2 के शुरुआती दौर से ही लापरवाही और सुस्ती नजर आने लगी है. यहां पड़ोसी जिलों की सीमाओं में बैरिकेडिंग पर पहरा दे रहे सिपाही शाम ढलते ही वापस चले जाते हैं, जिस वजह से लोगों का आना-जाना सीमा पर जारी है.

राम भरोसे कन्नौज-कानपुर की सीमा

कोरोना से बचाव का एक मात्र विकल्प है कि लोग घरों से बाहर न निकलें. इसलिए सीमाओं पर बैरिकेडिंग की गई है. यूं तो कन्नौज जिले की सीमा औरैया, इटावा, मैनपुरी, कानपुर देहात, कानपुर नगर और हरदोई जिले से जुड़ी हुई है. सीमाओं पर लॉक डाउन-1 के दौरान कुछ सख्ती नजर आई थी. लेकिन दूसरे चरण का लॉक डाउन लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है. शाम होते ही सीमाओं से पुलिस नदारद होती है. फिर सीमाओं की सुरक्षा सिर्फ राम भरोसे रह जाती है.

रुकावट के लिए खेद नहीं बेझिझक आइए

सुरक्षा व्यवस्था में ढिलाई बरतने से सीमाओं पर लोगों की चहल-पहल देखी जा रही है. जिले के भदौसी-मकनपुर स्थित कन्नौज-कानपुर सीमा पर बने चेकपोस्ट पर शाम होते ही पुलिस कर्मी गायब हो जाते हैं. जिस कारण कानपुर नगर से आने-जाने वाले वाहन बेझिझक आसानी से कन्नौज में प्रवेश कर जाते हैं, जबकि जिले में अब तक पांच कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं. ऐसे में पुलिस कर्मियों की लापरवाही जनपद वासियों पर भारी पड़ सकती है.

अनदेखी का परिणाम होगा नुकसानदेह

कोराना की महमारी से बचने के लिए लॉकडाउन का पालन और सोशल डिस्टेंसिंग ही सही उपाय है. कोरोना को हराने के लिए लापरवाही नहीं समझदारी से काम लेना होगा. इसकी अनदेखी हुई तो इसका परिणाम नुकसानदेह साबित होगा.

कन्नौज: देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिए लॉकडाउन-2 जारी है. राज्यों से लेकर जिलों तक की सीमाएं सील हैं, लेकिन कन्नौज जिले में लॉक डाउन-2 के शुरुआती दौर से ही लापरवाही और सुस्ती नजर आने लगी है. यहां पड़ोसी जिलों की सीमाओं में बैरिकेडिंग पर पहरा दे रहे सिपाही शाम ढलते ही वापस चले जाते हैं, जिस वजह से लोगों का आना-जाना सीमा पर जारी है.

राम भरोसे कन्नौज-कानपुर की सीमा

कोरोना से बचाव का एक मात्र विकल्प है कि लोग घरों से बाहर न निकलें. इसलिए सीमाओं पर बैरिकेडिंग की गई है. यूं तो कन्नौज जिले की सीमा औरैया, इटावा, मैनपुरी, कानपुर देहात, कानपुर नगर और हरदोई जिले से जुड़ी हुई है. सीमाओं पर लॉक डाउन-1 के दौरान कुछ सख्ती नजर आई थी. लेकिन दूसरे चरण का लॉक डाउन लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है. शाम होते ही सीमाओं से पुलिस नदारद होती है. फिर सीमाओं की सुरक्षा सिर्फ राम भरोसे रह जाती है.

रुकावट के लिए खेद नहीं बेझिझक आइए

सुरक्षा व्यवस्था में ढिलाई बरतने से सीमाओं पर लोगों की चहल-पहल देखी जा रही है. जिले के भदौसी-मकनपुर स्थित कन्नौज-कानपुर सीमा पर बने चेकपोस्ट पर शाम होते ही पुलिस कर्मी गायब हो जाते हैं. जिस कारण कानपुर नगर से आने-जाने वाले वाहन बेझिझक आसानी से कन्नौज में प्रवेश कर जाते हैं, जबकि जिले में अब तक पांच कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं. ऐसे में पुलिस कर्मियों की लापरवाही जनपद वासियों पर भारी पड़ सकती है.

अनदेखी का परिणाम होगा नुकसानदेह

कोराना की महमारी से बचने के लिए लॉकडाउन का पालन और सोशल डिस्टेंसिंग ही सही उपाय है. कोरोना को हराने के लिए लापरवाही नहीं समझदारी से काम लेना होगा. इसकी अनदेखी हुई तो इसका परिणाम नुकसानदेह साबित होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.