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कन्नौज: देश के लिए बेटे ने दिया प्राणों का बलिदान, परिवार को सरकार दे रही आश्वासन - kannauj news related to Shaheed Pankaj Dubey

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में शहीद का परिवार सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है. लेकिन मदद के बदले हमेशा आश्वासन दे दिया जाता है. जिसकी आस के सहारे परिवार के लोग अपना जीवन काट रहे हैं.

शहीद पंकज दुबे को किया गया याद.
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Published : Aug 16, 2019, 2:19 PM IST

कन्नौज: जहां गंगधरापुर गांव के एक परिवार ने अपने बेटे को इस देश के लिए समर्पित कर दिया. वहीं, आज उसी शहीद बेटे का परिवार सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं के लिए गुहार लगा-लगाकर थक चुका है, लेकिन गुहार के बदले मिलता है तो सिर्फ आश्वासन. इस आस के सहारे परिवार के लोग अपना जीवन काटने को मजबूर हैं.

शहीद पंकज दुबे को किया गया याद.

स्वतंत्रता दिवस पर शहीद को किया गया याद-

  • गंगधरापुर गांव में शहीद पंकज दुबे को याद किया गया.
  • वहीं शहीद के पिता शांति स्वरूप दुबे को सम्मानित किया गया.
  • इस दौरान उन्होंने कहा कि वो सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
  • अभी तक न तो परिवार के किसी भी सदस्य को नौकरी दी गई है.
  • न हीं उनके शहीद बेटे का स्मारक बनाया गया है.

यह भी पढ़े: कन्नौज: युवाओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच निकाली तिरंगा यात्रा

जानिए शहीद पंकज दुबे के शहीद होने तक का सफर-

  • शहीद पंकज दुबे अगस्त 2015 में कानपुर से सेना में भर्ती हुए थे.
  • नवंबर 2018 में उनकी तैनाती रेडियो ऑपरेटर के पद पर कश्मीर घाटी के तंगधार में हुई थी.
  • दिसंबर 2018 में वह 55 दिन की छुट्टी लेकर घर आए थे. 31 जनवरी 2019 को वापस गए थे.
  • 23 मार्च की सुबह उनके भाई जवाहरलाल दुबे को जेसीओ ने सूचना दी.
  • रात में चले सर्च ऑपरेशन में पंकज दुबे आतंकियों की गोली से घायल हो गए हैं.
  • गोली सिर में लगी थी, उन्हें गंभीर हालत में उधमपुर के कमांड हॉस्पिटल में भर्ती किया गया.
  • जहां उनका ऑपरेशन किया गया, जिसके बाद 4 अप्रैल को पंकज दुबे ने अंतिम सांस ली.
  • गोली लगने से एक दिन पहले ही मां और भाई से फोन पर बात हुई थी.

यह भी पढ़े: कन्नौज: बेटी के लिए इंसाफ की गुहार लगा रहा एक परिवार, पुलिस पर लापरवाही का आरोप

सरकार ने अभी तक न तो छोटे बेटे को नौकरी ही दी है. और ना ही शहीद बेटे का स्मारक बनवाया है.
-शांति स्वरूप दुबे, शहीद के पिता

इस बार 26 जनवरी गणतंत्र दिवस से पहले ही स्मारक बनवाने की पूरी कोशिश की जाएगी.
-शैलेंद्र अग्निहोत्री, नगर पालिका अध्यक्ष

कन्नौज: जहां गंगधरापुर गांव के एक परिवार ने अपने बेटे को इस देश के लिए समर्पित कर दिया. वहीं, आज उसी शहीद बेटे का परिवार सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं के लिए गुहार लगा-लगाकर थक चुका है, लेकिन गुहार के बदले मिलता है तो सिर्फ आश्वासन. इस आस के सहारे परिवार के लोग अपना जीवन काटने को मजबूर हैं.

शहीद पंकज दुबे को किया गया याद.

स्वतंत्रता दिवस पर शहीद को किया गया याद-

  • गंगधरापुर गांव में शहीद पंकज दुबे को याद किया गया.
  • वहीं शहीद के पिता शांति स्वरूप दुबे को सम्मानित किया गया.
  • इस दौरान उन्होंने कहा कि वो सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
  • अभी तक न तो परिवार के किसी भी सदस्य को नौकरी दी गई है.
  • न हीं उनके शहीद बेटे का स्मारक बनाया गया है.

यह भी पढ़े: कन्नौज: युवाओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच निकाली तिरंगा यात्रा

जानिए शहीद पंकज दुबे के शहीद होने तक का सफर-

  • शहीद पंकज दुबे अगस्त 2015 में कानपुर से सेना में भर्ती हुए थे.
  • नवंबर 2018 में उनकी तैनाती रेडियो ऑपरेटर के पद पर कश्मीर घाटी के तंगधार में हुई थी.
  • दिसंबर 2018 में वह 55 दिन की छुट्टी लेकर घर आए थे. 31 जनवरी 2019 को वापस गए थे.
  • 23 मार्च की सुबह उनके भाई जवाहरलाल दुबे को जेसीओ ने सूचना दी.
  • रात में चले सर्च ऑपरेशन में पंकज दुबे आतंकियों की गोली से घायल हो गए हैं.
  • गोली सिर में लगी थी, उन्हें गंभीर हालत में उधमपुर के कमांड हॉस्पिटल में भर्ती किया गया.
  • जहां उनका ऑपरेशन किया गया, जिसके बाद 4 अप्रैल को पंकज दुबे ने अंतिम सांस ली.
  • गोली लगने से एक दिन पहले ही मां और भाई से फोन पर बात हुई थी.

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सरकार ने अभी तक न तो छोटे बेटे को नौकरी ही दी है. और ना ही शहीद बेटे का स्मारक बनवाया है.
-शांति स्वरूप दुबे, शहीद के पिता

इस बार 26 जनवरी गणतंत्र दिवस से पहले ही स्मारक बनवाने की पूरी कोशिश की जाएगी.
-शैलेंद्र अग्निहोत्री, नगर पालिका अध्यक्ष

Intro:राष्ट्रीय पर्व के मौके पर याद किया जाता है सहित आज दिन तक नहीं बन सका इस शहीद का स्मारक

कन्नौज में एक शहीद का परिवार आज भी सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है, लेकिन पीड़ित पिता की गुहार कब पूरी होगी यह तो समय ही बताएगा । आज जब वह मदद मांगता है तो उसको सिर्फ आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिलता है। इसी आश्वासन के सहारे वह अपना समय काट रहा है। शहीद का पिता अपने शहीद बेटे की जगह पर एक नौकरी और उसके स्मारक की मांग कर रहा है, जो सरकार ने अब तक पूरी नहीं की है। आइए देखते हैं कन्नौज से यह स्पेशल रिपोर्ट।


Body:कन्नौज में शहीदों के बलिदान को याद किया गया । इस मौके पर शहीद पंकज दुबे के पिता ग्राम गंगधरापुर निवासी शांति स्वरूप दुबे को सम्मानित किया गया । शहीद पंकज दुबे 22 साल के थे। जब वह भारतीय सेना की आर्टिलरी कोर में रेडियो ऑपरेटर के पद पर कश्मीर घाटी के तंगधार सेक्टर में तैनात थे । उनके शहीद होने पर सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं से आज भी पीड़ित परिवार वंचित है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि अभी तक शहीद का स्मारक भी नहीं बन सका है और न ही परिवार के किसी व्यक्ति को नौकरी दी गई है, जिससे पीड़ित पिता शांति स्वरूप दुबे ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

23 मार्च को लगी थी सिर में गोली, 4 अप्रैल 2019 को ली थी आखरी सांस

शहीद पंकज दुबे अगस्त 2015 में कानपुर से सेना में भर्ती हुए थे। मार्च 2017 में उन्हें श्रीनगर भेजा गया। नवंबर 2018 में उनकी तैनाती रेडियो ऑपरेटर के पद पर कश्मीर घाटी के तंगधार इलाके में हुई थी । दिसंबर 2018 में वह 55 दिन की छुट्टी लेकर घर पर आए थे और 31 जनवरी 2019 को छुट्टी काटकर वापस गए थे । 23 मार्च की सुबह 4:00 बजे के करीब उनके भाई जवाहरलाल दुबे को जेसीओ (जूनियर कमीशंड ऑफीसर) ने सूचना दी कि रात में चले सर्च ऑपरेशन में पंकज दुबे आतंकियों की गोली से घायल हो गए हैं । गोली सिर में लगी थी, उन्हें गंभीर हालत में उधमपुर के कमांड हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जहां उनका ऑपरेशन किया गया, जिसके बाद 4 अप्रैल को पंकज दुबे ने अंतिम सांस ली । गोली लगने से एक दिन पहले ही मां और भाई से फोन पर बात भी की थी।



Conclusion:चेयरमैन ने दिया स्मारक बनाए जाने का आश्वासन

शहीद पंकज दुबे के पिता शांति स्वरूप दुबे का सम्मान नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र अग्निहोत्री और सदर कोतवाल विनोद मिश्रा द्वारा किया गया। इस दौरान शांति स्वरूप दुबे ने सरकार द्वारा पूर्णतया मदद न किए जाने की बात कही, कि सरकार ने अभी तक न तो उनके छोटे बेटे को नौकरी ही दी है और ना ही शहीद पंकज दुबे का स्मारक ही बना है । इस दौरान मौके पर मौजूद नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र अग्निहोत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द ही स्मारक बन जाएगा । उनका कहना है कि अबकी गणतंत्र दिवस आने से पहले ही स्मारक बनकर तैयार होगा।

बाइट- शांति स्वरूप दुबे - शहीद पंकज दुबे के पिता

बाइट - शैलेंद्र अग्निहोत्री - नगर पालिका अध्यक्ष कन्नौज
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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
094 15 16 8969
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