कन्नौज: हरियाणा के गुडगांव से यूपी के हरदोई जिले तक की दूरी करीब 500 किलोमीटर की है. जिस दूरी को चार पहिया वाहनों से भी तय करने में लोगों को थकावट का अहसास होने लगता था. वहीं आज संकट के समय अपनी व अपने परिवार की जान बचाने के लिए एक शख्स ने पैदल ही उस दूरी को नाप डाला. इतना ही नहीं अपनी पत्नी व बच्चे को ठेले पर बैठाकर वह शनिवार दोपहर कन्नौज तक पहुंच गया.
हरियाणा से हरदोई के लिए निकले आशाराम
पैदल जा रहे परिवार के मुखिया ने बताया कि उसका नाम आशाराम है. वह हरियाणा के गुडगांव में रहकर मजदूरी कर के परिवार को पाल रहा था, लेकिन कोरोना फैलने के बाद सब काम ठप हो गया. परिवार को पालने के लिए जब पैसे नहीं बचे तो जान पर खेलकर ही जान बचाने का रास्ता सामने बचा था. उसने बताया कि वह हरदोई जा रहा है.
कन्नौज से 80 किलोमीटर का सफर
ऐसे में ठेले पर पत्नी और बच्चे को बैठाकर पैदल ही चलने का मुश्किल भरा निर्णय कर लिया. हालांकि जब कई दिनों का सफर कर के परिवार लेकर आशाराम अपने जिले के पड़ोसी जनपद कन्नौज पहुंचे तो उनके चेहरे पर सुकून साफ दिखाई देने लगा था. इसके बाद भी उनको करीब 80 किलोमीटर का सफर तय करना था.
परिवारों को पैदल और साइकिल से ले जा रहे मजदूर
बता दें कि रास्ते में उन्हें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा. साथ ही भूखे-प्यासे रहकर खुले आसमान के नीचे रातें बितानी पड़ीं. वहीं रास्ते में किसी अफसर ने कोई सुध नहीं ली. यह हकीकत सिर्फ एक आशाराम की ही नहीं है, बल्कि हर दिन हजारों की संख्या में ऐसे आशाराम को जीटी रोड से और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से परिवार को लेकर पैदल और साइकिलों से जाते हुए देखा जा सकता है.
पैतृक गांव में करेंगे नए जीवन की शुरुआत
मजदूरों का मानना है कि चलते-चलते यदि वह अपने गांव और अपने घर पहुंच गए तो नए सिरे से जीवन शुरू कर सकेंगे, लेकिन परदेश में रह कर उन्हें जीवन की कोई आश नजर नहीं आ रही.
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