कन्नौज: शासन के लाख कोशिशों के बावजूद जिले की स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही है. सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गई हैं, जिसका एक नजारा छिबरामऊ के सौ शैय्या अस्पताल में देखने को मिला. यहां एक बुजुर्ग पिता अपनी जवान बीमार बेटी को गोद में उठाकर भर्ती कराने के लिए इधर-उधर भटकता रहा, लेकिन किसी भी स्वास्थ्य कर्मी ने लाचार पिता को स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं कराया. इतना ही नहीं, गोद में बेटी को उठाए भागते-दौड़ते पिता को वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मी खड़े होकर देखते रहे, लेकिन किसी ने परेशान पिता की मदद करना मुनासिब नहीं समझा.
पिता ने गोद में लेकर बेटी को पहुंचाया इमरजेंसी वार्ड
इसके बाद पिता अपनी बेटी को सौ शैय्या अस्पताल लेकर पहुंचे. वाहन से उतरने के बाद बीमार महिला को इमरजेंंसी वार्ड तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक नहीं मिला. इससे परेशान होकर पिता ने बेटी को गोद में उठा लिया. पिता बेटी को भर्ती कराने के लिए गोद में लेकर इधर-उधर काफी देर तक भटकते रहे. अस्पताल के कर्मचारी मूकदर्शक की तरह सब देखते रहे, लेकिन किसी ने मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया. आखिरकार किसी तरह बूढ़े पिता ने गोद में उठाकर बीमार बेटी को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया.
गेट पर ही रहते हैं स्ट्रेचर
सौ शैय्या अस्पताल छिबरामऊ के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि मरीजों को लाने व ले जाने के लिए अस्पताल के गेट के पास ही स्ट्रेचर रखे रहते हैं. अगर इमरजेंसी में मरीज को स्ट्रेचर नहीं मिला है, तो मामले की जांच कर दोषी कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.