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कन्नौज: नहीं मिला स्ट्रेचर तो बुजुर्ग पिता ने गोद में उठाकर बेटी को पहुंचाया इमरजेंसी वार्ड

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में सौ शैय्या अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां एक बुजुर्ग पिता अपनी बीमार बेटी को लेकर इलाज के लिए पहुंचा, लेकिन उसे इमरजेंसी वार्ड तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला. इसके बाद पिता ने बीमार बेटी को गोद में उठाकर इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया.

पिता ने गोद में उठाकर बीमार बेटी को इमरजेंसी वार्ड तक पहुंचाया.
पिता ने गोद में उठाकर बीमार बेटी को इमरजेंसी वार्ड तक पहुंचाया.
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Published : Oct 12, 2020, 12:40 PM IST

कन्नौज: शासन के लाख कोशिशों के बावजूद जिले की स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही है. सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गई हैं, जिसका एक नजारा छिबरामऊ के सौ शैय्या अस्पताल में देखने को मिला. यहां एक बुजुर्ग पिता अपनी जवान बीमार बेटी को गोद में उठाकर भर्ती कराने के लिए इधर-उधर भटकता रहा, लेकिन किसी भी स्वास्थ्य कर्मी ने लाचार पिता को स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं कराया. इतना ही नहीं, गोद में बेटी को उठाए भागते-दौड़ते पिता को वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मी खड़े होकर देखते रहे, लेकिन किसी ने परेशान पिता की मदद करना मुनासिब नहीं समझा.

पिता ने गोद में उठाकर बीमार बेटी को इमरजेंसी वार्ड तक पहुंचाया.
बता दें, कहने को तो जिले में कई बड़े सरकारी अस्पताल हैं. जिसमें जिला अस्पताल, सौ शैय्या अस्पताल, मेडिकल कॉलेज तक शामिल हैं. इसके बावजूद आमजन को यहां पर सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. ऐसा ही एक मामला छिबरामऊ स्थित सौ शैय्या अस्पताल में देखने को मिला. विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के जोत गांव निवासी रामबरन की बेटी रश्मि की अचानक तबियत बिगड़ गई. बताया जा रहा है कि उसको सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी.

पिता ने गोद में लेकर बेटी को पहुंचाया इमरजेंसी वार्ड
इसके बाद पिता अपनी बेटी को सौ शैय्या अस्पताल लेकर पहुंचे. वाहन से उतरने के बाद बीमार महिला को इमरजेंंसी वार्ड तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक नहीं मिला. इससे परेशान होकर पिता ने बेटी को गोद में उठा लिया. पिता बेटी को भर्ती कराने के लिए गोद में लेकर इधर-उधर काफी देर तक भटकते रहे. अस्पताल के कर्मचारी मूकदर्शक की तरह सब देखते रहे, लेकिन किसी ने मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया. आखिरकार किसी तरह बूढ़े पिता ने गोद में उठाकर बीमार बेटी को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया.

गेट पर ही रहते हैं स्ट्रेचर
सौ शैय्या अस्पताल छिबरामऊ के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि मरीजों को लाने व ले जाने के लिए अस्पताल के गेट के पास ही स्ट्रेचर रखे रहते हैं. अगर इमरजेंसी में मरीज को स्ट्रेचर नहीं मिला है, तो मामले की जांच कर दोषी कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

कन्नौज: शासन के लाख कोशिशों के बावजूद जिले की स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही है. सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गई हैं, जिसका एक नजारा छिबरामऊ के सौ शैय्या अस्पताल में देखने को मिला. यहां एक बुजुर्ग पिता अपनी जवान बीमार बेटी को गोद में उठाकर भर्ती कराने के लिए इधर-उधर भटकता रहा, लेकिन किसी भी स्वास्थ्य कर्मी ने लाचार पिता को स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं कराया. इतना ही नहीं, गोद में बेटी को उठाए भागते-दौड़ते पिता को वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मी खड़े होकर देखते रहे, लेकिन किसी ने परेशान पिता की मदद करना मुनासिब नहीं समझा.

पिता ने गोद में उठाकर बीमार बेटी को इमरजेंसी वार्ड तक पहुंचाया.
बता दें, कहने को तो जिले में कई बड़े सरकारी अस्पताल हैं. जिसमें जिला अस्पताल, सौ शैय्या अस्पताल, मेडिकल कॉलेज तक शामिल हैं. इसके बावजूद आमजन को यहां पर सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. ऐसा ही एक मामला छिबरामऊ स्थित सौ शैय्या अस्पताल में देखने को मिला. विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के जोत गांव निवासी रामबरन की बेटी रश्मि की अचानक तबियत बिगड़ गई. बताया जा रहा है कि उसको सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी.

पिता ने गोद में लेकर बेटी को पहुंचाया इमरजेंसी वार्ड
इसके बाद पिता अपनी बेटी को सौ शैय्या अस्पताल लेकर पहुंचे. वाहन से उतरने के बाद बीमार महिला को इमरजेंंसी वार्ड तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक नहीं मिला. इससे परेशान होकर पिता ने बेटी को गोद में उठा लिया. पिता बेटी को भर्ती कराने के लिए गोद में लेकर इधर-उधर काफी देर तक भटकते रहे. अस्पताल के कर्मचारी मूकदर्शक की तरह सब देखते रहे, लेकिन किसी ने मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया. आखिरकार किसी तरह बूढ़े पिता ने गोद में उठाकर बीमार बेटी को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया.

गेट पर ही रहते हैं स्ट्रेचर
सौ शैय्या अस्पताल छिबरामऊ के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि मरीजों को लाने व ले जाने के लिए अस्पताल के गेट के पास ही स्ट्रेचर रखे रहते हैं. अगर इमरजेंसी में मरीज को स्ट्रेचर नहीं मिला है, तो मामले की जांच कर दोषी कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

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