कन्नौजः करीब 17 साल पहले रास्ते से निकलने को लेकर हुए विवाद में गोली मारकर हत्या के मामले में आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने 2 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 40 हजार 5 सौ रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी. यह फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम विशंभर प्रसाद ने सुनाया है. मामले में कुल 4 आरोपी नामजद किए गए थे. जिसमें दो की मृत्यु हो चुकी है. सुनवाई के दौरान कोर्ट में कुल 9 गवाह पेश किए गए.
कन्नौज अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी तरुण चंद्रा ने बताया कि छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के करनौली गांव निवासी उदयभान सिंह पुत्र सूबेदार ने 26 सितंबर 2005 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि उसके भतीजे सिद्धार सिंह व वीरभान सिंह के घर पास में ही हैं. गांव के ही रहने वाले गोकुल, सुल्तानपुर गांव निवासी रामू, नगल गांव निवासी राजवीर उसके दरवाजे से निकले. जिस पर उसके नाती रंजीत ने दरवाजे से निकलने पर मना किया. जिस पर उक्त लोगों ने गाली गलौज शुरू कर दी. विरोध करने पर लाठी-डंडा व ईंट पत्थर से उस पर हमला कर दिया. शोरगुल सुनकर भाई सिकदार सिंह बीच बचाव करने लगे. इसी दौरान गोकुल ने अपने पिता वीरभान सिंह के हाथों से लाइसेंसी बंदूक लेकर भाई के ऊपर फायर झोंक दिया. जिसमें उसके भाई सिकदार की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि भाभी बिट्टा, सिद्धार सिंह, रंजीत घायल हो गए.
पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर रामू, राजवीर, गोकुल सिंह व वीरभान सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल की. पुलिस ने विवेचना कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 9 गवाह पेश किए गए. अधिवक्ता ने बताया कि आरोपी राजवीर सिंह व वीरभान सिंह की मुकदमा विचारण के दौरान मृत्यु हो गई. आरोप सिद्ध होने पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम विशंभर प्रसाद ने आरोपी रामू व गोकुल सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों दोषियों पर 40 हजार 5 सौ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट ने धारा 302 में आजीवन कारावास व 25-25 हजार रुपये, धारा 307 में दस-दस वर्ष कारावास व 15-15 हजार रुपये, धारा 504 में छह-छह माह कारावास व 500-500 रुपये का जुर्माना लगाया है.
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