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कन्नौज: किसान मेले के सम्मानित किसानों ने अधिकारियों पर लगाया लापरवाही का आरोप - कन्नौज समाचार

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में किसान मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में अनेक किसान उपस्थित रहे और उन्हें सम्मानित भी किया गया. इस मेले में उपस्थित किसानों ने अपनी समस्याओं को बताते हुए अधिकारियों की लापरवाही को भी सामने लाया.

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किसान मेले का किया गया आयोजन
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Published : Dec 25, 2019, 5:58 AM IST

कन्नौज: जिले में किसान सम्मान दिवस पर किसानों के लिए मेले का आयोजन किया गया. इस दौरान किसानों को सम्मान भी दिया गया, लेकिन किसानों की समस्याओं को किसी ने भी नहीं सुना. अधिकारी किसान मेला लगाकर सरकार के लाखों रुपयों को पानी की तरह खर्च कर रहे हैं, लेकिन किसान आज भी परेशान घूम रहे है. किसानों की मानें तो अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनकी समस्याएं हल नहीं हो पा रही हैं और इस कारण बदलते मौसम की वजह से फसलों में झुलसा रोग लग रहा है.

किसान मेले का किया गया आयोजन.
किसानों को मिला सम्मानजिले के कलेक्ट्रेट परिसर में किसान सम्मान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कृषि क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले 72 किसानों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में कृषि समेत उद्यान, पशुपालन और मत्स्य पालन क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले 72 किसानों को सम्मानित करने के लिए चयनित किया गया था. इन सभी चयनित किसानों को जनप्रतिनिधि समेत प्रशासनिक अफसरों ने सम्मानित किया.किसानों ने लगाया अधिकारियों पर लापरवाही का आरोपकिसान सम्मान दिवस पर किसानों की समस्याओं को देखते हुए जिला प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है, बल्कि कृषि विभाग तो इस और कतई ध्यान नहीं दे रहा है. इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. अधिकारी किसानों का सम्मान करते हुए उन्हें यह दिखाना चाह रहे हैं कि किसानों को कोई समस्या नहीं है, लेकिन किसान इस कार्यक्रम के दौरान खुद अपनी परेशानियों को बताया और विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया.

इसे भी पढ़ें:- कन्नौज : बोरवेल में गिरा सांड, पांच घंटे चले रेस्क्यू के बाद निकला सुरक्षित
प्राइवेट दुकानों पर किसानों को मिल रही है नकली दवा
किसान अमर सिंह यादव ने बताया कि जब हम लोग दवा खरीदने जाते हैं तो यदि 400 रुपये की दवा है तो दुकानदार उसको 300 रुपये में दे रहा है. अब दुकानदार उसमें क्या अपना ले रहा है पता नहीं. यदि दवा 400 रुपये की होती तो 300 रुपये में क्यों दे दी जाती. इसका मतलब यह है कि दवा नकली है और अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
झुलसे का प्रकोप झेल रहा है आलू किसान
किसान शमशाद अली ने बताया कि आलू पर झुलसे का प्रकोप चल रहा है. किसान की तरफ से कोई लापरवाही नहीं है क्योंकि किसान अपने पैसे से दवा ले रहा है, जो नकली मिलती है या 10 साल की रखी हुई मिलती है. इसका कोई प्रभाव नहीं होता और न ही कोई दुकानदार पर कोई कार्रवाई की जाती है.
अधिकारियों की लापरवाही के कारण लुट रहा है किसान
किसान मान सिंह कटियार ने बताया कि किसानों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आलू की फसल में झुलसा रोग लग गया है और बाजारों में भी नकली दवाईयां दी जा रही है. किसान फसलों में तीन बार स्प्रे कर चुके हैं लेकिन कोई भी फायदा नहीं हुआ है. सरकारी दुकानों पर दवा उपलब्ध न होने से मजबूर किसानों को प्राइवेट दुकानों पर दवा लेने जाना पड़ता है.

कन्नौज: जिले में किसान सम्मान दिवस पर किसानों के लिए मेले का आयोजन किया गया. इस दौरान किसानों को सम्मान भी दिया गया, लेकिन किसानों की समस्याओं को किसी ने भी नहीं सुना. अधिकारी किसान मेला लगाकर सरकार के लाखों रुपयों को पानी की तरह खर्च कर रहे हैं, लेकिन किसान आज भी परेशान घूम रहे है. किसानों की मानें तो अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनकी समस्याएं हल नहीं हो पा रही हैं और इस कारण बदलते मौसम की वजह से फसलों में झुलसा रोग लग रहा है.

किसान मेले का किया गया आयोजन.
किसानों को मिला सम्मानजिले के कलेक्ट्रेट परिसर में किसान सम्मान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कृषि क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले 72 किसानों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में कृषि समेत उद्यान, पशुपालन और मत्स्य पालन क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले 72 किसानों को सम्मानित करने के लिए चयनित किया गया था. इन सभी चयनित किसानों को जनप्रतिनिधि समेत प्रशासनिक अफसरों ने सम्मानित किया.किसानों ने लगाया अधिकारियों पर लापरवाही का आरोपकिसान सम्मान दिवस पर किसानों की समस्याओं को देखते हुए जिला प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है, बल्कि कृषि विभाग तो इस और कतई ध्यान नहीं दे रहा है. इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. अधिकारी किसानों का सम्मान करते हुए उन्हें यह दिखाना चाह रहे हैं कि किसानों को कोई समस्या नहीं है, लेकिन किसान इस कार्यक्रम के दौरान खुद अपनी परेशानियों को बताया और विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया.

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प्राइवेट दुकानों पर किसानों को मिल रही है नकली दवा
किसान अमर सिंह यादव ने बताया कि जब हम लोग दवा खरीदने जाते हैं तो यदि 400 रुपये की दवा है तो दुकानदार उसको 300 रुपये में दे रहा है. अब दुकानदार उसमें क्या अपना ले रहा है पता नहीं. यदि दवा 400 रुपये की होती तो 300 रुपये में क्यों दे दी जाती. इसका मतलब यह है कि दवा नकली है और अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
झुलसे का प्रकोप झेल रहा है आलू किसान
किसान शमशाद अली ने बताया कि आलू पर झुलसे का प्रकोप चल रहा है. किसान की तरफ से कोई लापरवाही नहीं है क्योंकि किसान अपने पैसे से दवा ले रहा है, जो नकली मिलती है या 10 साल की रखी हुई मिलती है. इसका कोई प्रभाव नहीं होता और न ही कोई दुकानदार पर कोई कार्रवाई की जाती है.
अधिकारियों की लापरवाही के कारण लुट रहा है किसान
किसान मान सिंह कटियार ने बताया कि किसानों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आलू की फसल में झुलसा रोग लग गया है और बाजारों में भी नकली दवाईयां दी जा रही है. किसान फसलों में तीन बार स्प्रे कर चुके हैं लेकिन कोई भी फायदा नहीं हुआ है. सरकारी दुकानों पर दवा उपलब्ध न होने से मजबूर किसानों को प्राइवेट दुकानों पर दवा लेने जाना पड़ता है.

Intro:कन्नौज : किसानों को मिला सम्मान लेकिन फिर भी है किसान परेशान

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यूपी के कन्नौज में किसान सम्मान दिवस पर किसानों के मेले का आयोजन किया गया, जहां किसान को सम्मान भी दिया गया। लेकिन किसानों की समस्या को किसी ने भी नहीं सुना । अधिकारी किसान मेला लगाकर सरकार के लाखों रुपयों को पानी की तरह खर्च कर रहे हैं, लेकिन किसान आज भी परेशान घूम रहा है । किसानों की माने तो अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनकी समस्याएं हल नहीं हो पा रही है और इस कारण बदलते मौसम की वजह से फसलों में झुलसा रोग लग रहा है। आइए देखते हैं कन्नौज से यह स्पेशल रिपोर्ट।




Body:कन्नौज के कलेक्ट्रेट परिसर में किसान सम्मान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कृषि क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले 72 किसानों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कृषि समेत उद्यान, पशुपालन व मत्स्य पालन क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले 72 किसानों को सम्मानित करने के चयनित किया गया था। इन सभी चयनित किसानों को जनप्रतिनिधि समेत प्रशासनिक अफसरों ने सम्मानित किया।

किसानों ने लगाया अधिकारियों की लापरवाही का आरोप

किसान सम्मान दिवस पर किसानों की समस्याओं को देखते हुए जिला प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है, बल्कि कृषि विभाग तो इस और कतई ध्यान नहीं दे रहा है और विभाग की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। यही वजह है आज किसान परेशान घूम रहा है और संबंधित विभाग के अधिकारी किसानों का सम्मान करते हुए उन्हें यह दिखाना चाह रहे हैं कि किसानों को कोई समस्या नहीं है, लेकिन किसान इस कार्यक्रम के दौरान खुद अपनी परेशानी बताते हुए विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि इन आरोपों से विभाग के अधिकारी बचते नजर आए ।


Conclusion:प्राइवेट दुकानों पर किसानों को मिल रही है नकली दवा

इस मौके पर मौजूद किसान अमर सिंह यादव ने बताया कि किसान जो कृषि से संबंधित दवाई की जो जानकारी दी गई है, किसान को सबसे बड़ी समस्या यह आती है कि किसान जहां दवा खरीदने जाता है, तो अगर एमआरपी ₹400 है तो दुकानदार उसको ₹300 में दे रहा है। अब दुकानदार उसमें क्या अपना ले रहा है पता नहीं । यही कारण है कि एमआरपी अगर ₹400 पड़ी है तो दवा है ही नहीं। दवा अगर होती तो ₹400 की दवा ₹300 में क्यों दे दी जाती। नकली दवाई आ रही है । बिल्कुल अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और अधिकारी भी जानते हैं कि दवा में जो फ्रॉड होता है उसकी सही तरह से कोई जांच-पड़ताल नहीं होती है।

झुलसे का प्रकोप झेल रहा है आलू किसान

आलू किसान की समस्या बताते हुए किसान शमशाद अली ने बताया कि आलू पर झुलसे का प्रकोप चल रहा है। किसान की तरफ से कोई लापरवाही नहीं है क्योंकि किसान अपने पैसे से दवा ले रहा है, जो नकली मिलती है या 10 साल की रखी हुई मिलती है। जिसका कोई प्रभाव नहीं है और न कोई दुकानदार पर कोई कार्यवाही हो रही है। अभी तक किसान बहुत परेशान है और झुलसे का प्रकोप बहुत कसके है, जो रुक नहीं रहा है। जो कुछ रुका भी है वह हवा से जो पछियाओ हवा चली उससे थोड़ा बहुत रुका है। दवा का छिड़काव तो अधिकारी कहीं दिलाते नहीं, किसान जाता है और बगैर कच्ची बिल के दवा दी जाती है। किसानों की परेशानी वैसी ही है। किसान को कोई लाभ नहीं है।

अधिकारियों की लापरवाही के कारण लुट रहा है किसान

किसानों को दवाइयों से कोई फायदा नहीं होने की बात कहते हुए किसान मान सिंह कटियार ने बताया कि किसानों को बहुत परेशानी आ रही है । हर तरह की परेशानी है । किसानों को इस समय आलू की फसल है, तो उसमें झुलसा रोग लग गया है। जितनी दवाई बता रहे हैं यहां पर वैज्ञानिक, हम लोगों को आज जितना छिड़काव करने को बताया। उससे इतनी ज्यादा हम लोग तीन बार स्प्रे कर चुके हैं लेकिन कोई भी फायदा नहीं हुआ है और यह जो दवाइयां है । सरकारी जो दुकान है, उसपर यह उपलब्ध नहीं है। मजबूर किसान को जाना पड़ता है प्राइवेट दुकानों पर। और वहां किसानों को लाइन लगाकर लूटा जा रहा है।

क्या बोले जिम्मेदार

किसान मेला में मौजूद उप कृषि निदेशक आर0 एन0 सिंह ने किसानों की समस्याओं के बारे में पूछने पर बताया कि जो मेनको जिंक नामक दवा है, उसका उपयोग करें । जिससे किसान भाई उसकी रोकथाम कर सकें। फिलहाल तो यही दवा है, अभी कोई दिक्कत नहीं है और अगर कोई बहुत बड़ी दिक्कत आती है जिले में, तो सलाहकारी सेवा किसान भाइयों को समय पर दी जाएगी। जिससे उसका बचाव कर सकें । यह एक दिवसीय कार्यक्रम होता है, आज का और इसमें हमने 72 किसानों का सम्मान भी किया है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में अच्छा काम कर रहे हैं । लगभग हर ब्लॉक से किसान आए थे और किसानों की संख्या 6-7 सौ किसानों की रही होगी ।

बाइट - अमर सिंह यादव - किसान

बाइट - शमशाद अली - किसान

बाइट - मान सिंह कटियार - किसान

बाइट - आर० एन० सिंह - उप कृषि निदेशक कन्नौज
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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
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