कन्नौज: राज्यपाल आनंदी पटेल के आदेश के बाद पुलिस महानिरीक्षक कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल ने अपने अधीनस्थ सभी पुलिस अधिकारियों को एक पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि सभी पुलिस अधिकारी सहित थानाध्यक्ष और दारोगा अपने-अपने क्षेत्रों में टीबी रोगियों को गोद लें और स्वास्थ्य विभाग की मदद से उनका बेहतर इलाज दिलाएं.
पत्र में कहा गया है कि इस मामले में कोई भी लापरवाही नहीं बर्दाश्त की जाएगी. वहीं हर 15 दिन में इसकी मॉनीटरिंग भी की जाएगी.
टीबी रोगियों को मिलेगा बेहतर इलाज
पुलिस अधीक्षक अमरेन्द्र प्रसाद ने बताया कि आईजी महोदय कानपुर के निर्देश के क्रम में यह कार्यवाही की गई है. आईजी महोदय का निर्देश है कि सभी अधिकारी टीबी से ग्रसित 18 वर्ष से कम उम्र के बालक-बालिका को गोद लेंगे. इसका आशय यह है कि टीवी की बीमारी से दवा डिस्कन्टीन्यू करने से समस्या और ज्यादा गम्भीर हो जाती है, तो उसमें थोड़ा सा जागृति आए. कन्टीन्यू चले, तो एक पहल है, एक एक्सपेरिमेन्ट है. स्वास्थ्य विभाग इसके लिए सभी कार्यवाही कर रहा है और सरकार देश को टीबी मुक्त कराने के लिए कटिबद्ध है.
समाज में फैली है अफवाह, टीबी लाइलाज बीमारी
आदेशों के बाद अब पुलिस महकमे में इसका असर देखने को मिलने लगा है. कन्नौज पुलिस इस ओर पहल करने के लिए कदम बढ़ा रही है. पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रसाद ने बताया कि पुलिस ने अभी थाना सौरिख में एक लड़की टीवी से ग्रसित थी, उसे गोद लिया है. पीड़ित लड़की के पास जाकर उसे कुछ फल बगैरह उपहार दिए हैं. टीवी से जो ग्रसित है उसे कई बार समाज यह मान लेता है कि यह एक असाध्य रोग है, जिसका इलाज सम्भव नहीं है, लेकिन इसका इलाज सम्भव है. अगर नौ महीने तक इसका सही तरह से इलाज कराया जाए तो यह बिल्कुल ठीक हो जाती है.