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कन्नौज बस हादसा: नियमों को ताक पर रखकर चल रही थी बस, एआरटीओ जांच में हुआ खुलासा

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में हुए बस हादसे के बाद जिलाधिकारी ने कहा कि मजिस्ट्रेट जांच कराई जा रही है. एआरटीओ की जांच के बाद बस में अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. जिलाधिकारी का कहना है कि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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नियमों को ताक पर रखकर चल रही थी बस.
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Published : Jan 15, 2020, 7:25 PM IST

कन्नौज: जिले में हुए बस हादसे में चौंका देने वाला खुलासा सामने आया है. इसमें अधिक सवारियों को बैठने को लेकर सीटें बढ़ाने के लिए बस की लम्बाई मानकों को ताख पर रखकर बढ़ाई गई थी, जिससे बस की सर्विस डोर की चौड़ाई घटाकर उसमें अधिक सीटें हो जाएं. हादसे के बाद इस बस की अनियमितताओं को लेकर जांच के आदेश दिए गए, जिसके बाद कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट जांच बैठाई है.

जानकारी देते जिलाधिकारी.

जांच के बाद बस में मिली अनियमितता

  • जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश करते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को जांच सौंपी है.
  • अभी तक की एआरटीओ की जांच में सामने आया है कि वाहन की लंबाई मानक से दशमलव आठ मीटर ज्यादा थी.
  • केंद्रीय मोटर यान अधिनियम के तहत बस की लंबाई का मानक 12 मीटर तय है, यह 12.8 मीटर थी.
  • बस 680 मिमी ओवरहैंग मिली है, यानी पिछले टायर के बाद इसका 680 मिमी हिस्सा ज्यादा बाहर निकला था.
  • वाहन की सीट 49 की जगह 54 थीं, सर्विस डोर की चौड़ाई मानक के हिसाब से 685 मिमी होनी चाहिए, बस में यह 640 मिमी थी.
  • डोर की चौड़ाई 45 मिमी. घटाई गई थी, बस में आपातकालीन द्वार नहीं था.
  • रियर विंड स्क्रीन (पीछे का शीशा) शीशे की बनी होनी चाहिए, लेकिन हादसे का शिकार हुई बस में रियर विंड स्क्रीन पर स्टील की चादर लगाई गई थी.
  • बस में यदि मानकों का ध्यान रखा जाता तो शायद हादसा न होता और लोगों की जान बच जाती.
  • 10 बिंदुओं पर की गई जांच में चतुर्वेदी बस सर्विस की यह बस छह बिंदुओं पर मानकविहीन मिली है.
  • यात्रियों की जिंदगी के साथ बस सर्विस के संचालक ने जमकर खिलवाड़ किया.
  • अतिरिक्त सीटें लगाने के लिए बस के सर्विस डोर की चौड़ाई घटा दी, बस की लंबाई भी मानक से ज्यादा थी.

मैंने मजिस्ट्रेट इनक्वारी के भी आदेश कर दिए हैं, ताकि कुल कितने यात्री थे, कुल घायल कितने थे, कुल मृतक कितने हैं, इसकी और एक विस्तृत जांच हो जाए. चूंकि मजिस्ट्रेट इनक्वारी में पेपर में निकलवाकर और एक जनसामान्य से भी अपेक्षा की जाती है कि इस सम्बन्ध में जो भी साक्ष्य हों, वह उपलब्ध करा दें. मैंने आज फिर से एआरटीओ को बहुत ही कड़े निर्देश दिए हैं कि किसी भी हालत में डग्गामार वाहन जो अवैध हैं, उनका संचालन नहीं होना चाहिए और यदि यह पाया जायेगा तो वाहन चालकों के खिलाफ तो कार्रवाई होगी ही, साथ ही जो सम्बन्धित अधिकारी है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी और प्रशासन को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी.
-रविंद्र कुमार, जिलाधिकारी

कन्नौज: जिले में हुए बस हादसे में चौंका देने वाला खुलासा सामने आया है. इसमें अधिक सवारियों को बैठने को लेकर सीटें बढ़ाने के लिए बस की लम्बाई मानकों को ताख पर रखकर बढ़ाई गई थी, जिससे बस की सर्विस डोर की चौड़ाई घटाकर उसमें अधिक सीटें हो जाएं. हादसे के बाद इस बस की अनियमितताओं को लेकर जांच के आदेश दिए गए, जिसके बाद कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट जांच बैठाई है.

जानकारी देते जिलाधिकारी.

जांच के बाद बस में मिली अनियमितता

  • जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश करते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को जांच सौंपी है.
  • अभी तक की एआरटीओ की जांच में सामने आया है कि वाहन की लंबाई मानक से दशमलव आठ मीटर ज्यादा थी.
  • केंद्रीय मोटर यान अधिनियम के तहत बस की लंबाई का मानक 12 मीटर तय है, यह 12.8 मीटर थी.
  • बस 680 मिमी ओवरहैंग मिली है, यानी पिछले टायर के बाद इसका 680 मिमी हिस्सा ज्यादा बाहर निकला था.
  • वाहन की सीट 49 की जगह 54 थीं, सर्विस डोर की चौड़ाई मानक के हिसाब से 685 मिमी होनी चाहिए, बस में यह 640 मिमी थी.
  • डोर की चौड़ाई 45 मिमी. घटाई गई थी, बस में आपातकालीन द्वार नहीं था.
  • रियर विंड स्क्रीन (पीछे का शीशा) शीशे की बनी होनी चाहिए, लेकिन हादसे का शिकार हुई बस में रियर विंड स्क्रीन पर स्टील की चादर लगाई गई थी.
  • बस में यदि मानकों का ध्यान रखा जाता तो शायद हादसा न होता और लोगों की जान बच जाती.
  • 10 बिंदुओं पर की गई जांच में चतुर्वेदी बस सर्विस की यह बस छह बिंदुओं पर मानकविहीन मिली है.
  • यात्रियों की जिंदगी के साथ बस सर्विस के संचालक ने जमकर खिलवाड़ किया.
  • अतिरिक्त सीटें लगाने के लिए बस के सर्विस डोर की चौड़ाई घटा दी, बस की लंबाई भी मानक से ज्यादा थी.

मैंने मजिस्ट्रेट इनक्वारी के भी आदेश कर दिए हैं, ताकि कुल कितने यात्री थे, कुल घायल कितने थे, कुल मृतक कितने हैं, इसकी और एक विस्तृत जांच हो जाए. चूंकि मजिस्ट्रेट इनक्वारी में पेपर में निकलवाकर और एक जनसामान्य से भी अपेक्षा की जाती है कि इस सम्बन्ध में जो भी साक्ष्य हों, वह उपलब्ध करा दें. मैंने आज फिर से एआरटीओ को बहुत ही कड़े निर्देश दिए हैं कि किसी भी हालत में डग्गामार वाहन जो अवैध हैं, उनका संचालन नहीं होना चाहिए और यदि यह पाया जायेगा तो वाहन चालकों के खिलाफ तो कार्रवाई होगी ही, साथ ही जो सम्बन्धित अधिकारी है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी और प्रशासन को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी.
-रविंद्र कुमार, जिलाधिकारी

Intro:कन्नौज : डीएम के आदेश पर मजिस्ट्रेट जांच हुई शुरू जाॅच में हुआ खुलासा सर्विस डोर की चौड़ाई घटाकर बस में बढ़ाई गयी लम्बाई जिससे बढ़ सकें सीटें
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यूपी के कन्नौज में हुए बस हादसे का सच जांच में चौंका देने वाला खुलासा सामने आया है।  जिसमे सवारियों की अधिक बैठने की व्यवस्था को लेकर सीटें बढ़ाने के लिए इस बस की लम्बाई मानकों को ताख पर रखकर बढ़ाई गयी थी। जिससे बस की सर्विस डोर की चैड़ाई घटाकर बस में अधिक सीटें हो जायें। ज्यादा यात्रियों के आने से बस संचालकों को ज्यादा फायदा होता है क्यों कि यह बसें डग्गामार बसें होती है। जिनमें यात्रियों की संख्या अधिक होने पर आमदनी अधिक होती है। इसी लालच में सवारियांे से भी बस को ओवरलोड कर लिया जाता है। हादसे के बाद इस बस की अनियमितताओं को लेकर जाॅंच के आदेश दिये गये। जिसके बाद कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट जाॅच बैठाई ताकि सबकुल सच्चाई खुलकर सामने आ जाये और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाये तो वहीं बस में सवार यात्रियों का भी पूरी तरह से खुलासा हो सके। आइये देखते है कन्नौज से यह स्पेशल रिपोर्ट।

Body:जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने मजिस्ट्रेट जाॅच के आदेश करते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को जाॅच सौंपी है। जिसमें अभीतक की जांच में सामने आया है कि जांच में सामने आया है कि वाहन की लंबाई मानक से दशमलव आठ मीटर ज्यादा थी। केंद्रीय मोटर यान अधिनियम के तहत बस की लंबाई का मानक 12 मीटर तय है। यह 12.8 मीटर थी। बस 680 मिमी ओवरहैंग मिली है। यानी पिछले टायर के बाद इसका 680 मिमी हिस्सा ज्यादा बाहर निकला था। वाहन की सीट 49 की जगह 54 थीं। सर्विस डोर की चौड़ाई मानक के हिसाब से 685 मिमी होनी चाहिए। बस में यह 640 मिमी थी। यानी 45 मिमी डोर की चौड़ाई घटाई गई थी। आपातकालीन द्वार नहीं था। रियर विंड स्क्रीन (पीछे का शीशा) शीशे की बनी होनी चाहिए। हादसे का शिकार हुई बस में रियर विंड स्क्रीन पर स्टील की चादर लगाई गई थी। बस में यदि मानकों का ध्यान रखा जाता तो शायद हादसा न होता और लोगों की जान बच जाती। 10 बिंदुओं पर की गई जांच में चतुर्वेदी बस सर्विस की यह बस छह पर मानक विहीन मिली है। यात्रियों की जिंदगी के साथ बस सर्विस के संचालक ने जमकर खिलवाड़ किया। अतिरिक्त सीटें लगाने के लिए बस के सर्विस डोर की ही चौड़ाई घटा दी। बस की लंबाई भी मानक से ज्यादा थी। पिछले हिस्से में शीशे की जगह को पूरी तरह से स्टील की चादर से ढक दिया गया था। इसके अलावा इमरजेंसी डोर का भी न होना यात्रियों के बस में फंस जाने का बड़ा कारण बना। हादसे के बाद यात्रियों ने तेजी से निकलने का प्रयास किया लेकिन कई अंदर ही फंसे रहे गए और जान गंवा बैठे।


Conclusion:जिलाधिकारी ने सौंपी मामले की मजिस्ट्रेट जांच

जिलाधिकारी के आदेश पर मजिस्ट्रेट जांच की शुरुआत कर दी गयी है और अब एआरटीओ और आरआई की जांच में जिस तरह से फर्रुखाबाद के परिवहन विभाग की लापरवाही सामने आई है, उससे शासन वहां के पूर्व और वर्तमान एआरटीओ के खिलाफ कार्रवाई करने जुट गया है इसके लिए जिलाधिकारी ने एडीएम बित्त एवं राजस्व को जांच सौंपी गयी है। जांच में पाया गया है कि मानक विहीन बस का न सिर्फ रजिस्ट्रेशन हुआ बल्कि परमिट भी जारी कराया गया। समय-समय पर फिटनेस भी हुई और हर बार बस को सड़क पर चलने लायक बताकर आगे बढ़ा दिया गया। हादसे का शिकार हुई बस का 18 दिसंबर 2019 को वर्तमान एआरटीओ प्रशासन फर्रुखाबाद शांतिभूषण पांडेय ने ही फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किया था। पूर्व एआरटीओ मोहम्मद हसीब भी कार्रवाई हो सकती हैं। क्योंकि पूर्व में भी इस बस की लापरवाही सामने आ चुकी है और इसके बावजूद इस बस के संचालन पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी थी।

महिला के नाम से है बस का रजिस्ट्रेशन, मामला हुआ दर्ज

जाॅच में सामने आया कि इस हादसे में क्षतिग्रस्त बस का रजिस्ट्रेशन श्रीमती प्रीती चतुर्वेदी के नाम से है। जो चतुर्वेदी बस सर्विस फर्म के अन्तर्गत संचालित हो रही थी। जाॅच में पायी गयी लापरवाही और अनियमितताओं के चलते एआरटीओ संजय कुमार झाॅ की तरफ से छिबरामऊ कोतवाली में तहरीर देकर वाहनस्वामिनी श्रीमती प्रीती चतुर्वदी पत्नी विमल चतुर्वेदी निवासी गद्दी जदीद, जनपद फर्रूखाबाद व वाहन स्वामिनी द्वारा अधिकृत टिकट वितरक नाम व पता अज्ञात एवं बसचालक अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

गूगल लोकेशन की मदद से कर रहा डग्गामार बसों का विभाग चालान

कन्नौज में हुए बस हादसे के बाद भी एआरटीओ विभाग डग्गामार बसों के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ साबित हो रहा है हालांकि हादसे के बाद से प्राइवेट बसें दिखना ही कम हो गई हैं। मंगलवार को काफी प्रयास के बाद एआरटीओ संजय झा ने तिर्वा में एक बस और एक हरदोई रोड पर पकड़ी है। यह दोनों बसें रोडवेज बस अड्डे की एक किमी से की परिधि में सवारियां भर रही थीं। नियमानुसार, कोई भी प्राइवेट वाहन रोडवेज बस अड्डे की एक किमी की परिधि में सवारी नहीं बैठा सकता है। चालान के समय एआरटीओ विभाग इसका भी ध्यान खासतौर से रख रहा है कि जरूरत पड़ने पर वह यह सिद्ध भी कर दे कि कार्रवाई की जद में आई बस रोडवेज बस अड्डे से कितनी दूरी पर खड़ी थी। ऐसे में एआरटीओ विभाग के अधिकारी ई-चालान करते समय अब गूगल लोकेशन भी चालान के साथ अटैच कर रहे हैं। इससे यह पता चलते रहे कि बस का जब चालान किया गया तो उसकी वास्तविक लोकेशन क्या थी। ताकि कोर्ट में साक्ष्य मांगे जाएं तो वह यह सिद्ध कर सकें।
हादसे में मजिस्ट्रेट जांच के हुए आदेश

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि मैने मजिस्ट्रेट इनक्वारी के भी आदेश कर दिये है। ताकि कुल कितने यात्री थे, कुल घायल कितने थे, कुल मृतक कितने है, इसकी और एक विस्तृत जाॅच हो जाये। चूंकि मजिस्ट्रेट इनक्वारी में पेपर में निकलवाकर और एक जनसामान्य से भी अपेक्षा की जाती है कि इस सम्बन्ध में जो भी साक्ष्य हों। वह उपलब्ध करा दें। अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व को मैने जाॅच सौंपी है और उनसे 15 दिनों में यह अपेक्षा की है कि वह पूर्ण विस्तृत जाॅच करके यात्रियों के बारे में दें, और बस संचालन के बारेें भी विस्तृत रिपोर्ट दें कि बस का संचालन नियमानुसार हो रहा था कि नही। इसके बारे में भी पहले भी एआरटीओ को, पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये गये है, मैने आज फिर से एआरटीओ को बहुत ही कड़े निर्देश दिये गये है कि किसी भी हालत में डग्गामार वाहन जो अवैध वाहन है, उनका संचालन नही होना चाहिए और यदि यह पाया जायेगा तो वाहन चालकों के खिलाफ तो कार्यवाही होगी ही, साथ ही जो सम्बन्धित अधिकारी है, उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जायेगी और प्रशासन को भी रिपोर्ट भेजी जायेगी।

बाइट - रविन्द्र कुमार जिलाधिकारी कन्नौज
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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
09415168969
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