कन्नौजः शासन के निर्देश पर जिले में कई गौशालाएं बनाई गई हैं. इसके लिए सरकार ने अच्छी खासी रकम भी खर्च की है. गौशालाओं की देखरेख न होने की वजह से रोजाना मवेशियों के मरने की बात सामने आ रही है. साथ ही दर्जनों मवेशी भूख प्यास से मरने की कगार पर हैं. जलालबाद ब्लॉक खंड के जसपुरापुर सरैया गांव में स्थित करीब 1.20 करोड़ की लागत से बने वृद्ध गौ संरक्षण केंद्र की हालत दयनीय है. यहां पर रोजाना गौवंशों की मरने की बात सामने आ रही है. सूत्रों के अनुसार एक सप्ताह में ही सात से ज्यादा गौवंश व गाय मौत के आगोश में समा चुकी हैं. ग्रामीणों के मुताबिक जो जानवर मर जाते हैं, ग्राम प्रधान बिना उच्च अधिकारियों को जानकारी दिए नाला में फेंकवा देते है. गौशाला में कई गौवंशों की आंखें फूट गई हैं. 10 से 12 मवेशी अभी मरणासन्न की स्थिति में हैं.
1.20 करोड़ की लागत से बनी थी गौशाला, अब निराश्रित मवेशियों की कब्रगाह - Gaushala in Jalabad of Kannauj
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में भारी-भरकम बजट खर्च कर गौशाला का निर्माण किया गया था. कुछ ही समय में यहां की व्यवस्था इतनी बदहाल हो गईं कि गायों की मौत तक हो रही है.
कन्नौजः शासन के निर्देश पर जिले में कई गौशालाएं बनाई गई हैं. इसके लिए सरकार ने अच्छी खासी रकम भी खर्च की है. गौशालाओं की देखरेख न होने की वजह से रोजाना मवेशियों के मरने की बात सामने आ रही है. साथ ही दर्जनों मवेशी भूख प्यास से मरने की कगार पर हैं. जलालबाद ब्लॉक खंड के जसपुरापुर सरैया गांव में स्थित करीब 1.20 करोड़ की लागत से बने वृद्ध गौ संरक्षण केंद्र की हालत दयनीय है. यहां पर रोजाना गौवंशों की मरने की बात सामने आ रही है. सूत्रों के अनुसार एक सप्ताह में ही सात से ज्यादा गौवंश व गाय मौत के आगोश में समा चुकी हैं. ग्रामीणों के मुताबिक जो जानवर मर जाते हैं, ग्राम प्रधान बिना उच्च अधिकारियों को जानकारी दिए नाला में फेंकवा देते है. गौशाला में कई गौवंशों की आंखें फूट गई हैं. 10 से 12 मवेशी अभी मरणासन्न की स्थिति में हैं.