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कन्नौज: रुपयों की खातिर दोस्तों ने युवक को मार डाला - पुलिस ने किया हत्या का खुलासा

यूपी के कन्नौज में आठ दिन पहले नगर पालिका सफाई कर्मी की जलाकर हुई हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. दोस्तों ने ही रुपये की खातिर सफाई कर्मी की हत्या कर दी थी. पुलिस ने तीन दोस्तों को हिरासत में ले लिया है. पकड़े गए आरोपियों के पास हजारों रुपये की नगदी व एक बाइक पुलिस को मिली है.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.
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Published : Aug 28, 2020, 3:31 PM IST

कन्नौज: एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने मीडिया से रूबरू होकर शुक्रवार को मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के गहलो गांव निवासी धर्मेंद्र नगर पालिका में सफाई कर्मचारी के पद तैनात था. 20 अगस्त को जलाकर उसकी हत्या कर दी गई थी. शव सदर कोतवाली के खुसटिया गांव के बाहर एक निजी नलकूप के पास पड़ा मिला था.

मृतक के भाई शिवम ने बहनोई पर हत्या का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी. एसपी ने बताया कि खुलासे के लिए कोतवाली टीम को लगाया गया था. कांशीराम कॉलोनी ईदगाह निवासी मनीष बाल्मीकि, अनुज सक्सेना, सूरज बाथम ने रुपये की खातिर दोस्त धर्मेंद्र की हत्या की साजिश रची थी. आरोपितों को पता था कि सफाई कर्मी के खाते में छह लाख रुपये पड़े हैं. शाम के समय पाल चौराहा के पास ले जाकर गमछा से गला दबाकर हत्या करने के बाद शव को जला दिया. हत्या के बाद आरोपितों ने मृतक के खाते से 40 हजार रुपये निकाल लिए. पुलिस ने आरोपितों के पास से 30 हजार रुपये व एक बाइक बरामद की है.

एटीएम से रुपये निकालने में मदद करते थे आरोपी

एसपी ने बताया कि हत्या का मास्टरमाइंड मनीष बाल्मीकि कई बार मृतक के साथ एटीएम से रुपये निकलवाने गया था. उसको उसके मोबाइल में रुपये निकालने वाले एप्प का पिनकोड भी पता था. हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपितों ने दो बार 20-20 हजार रुपये एटीएम से निकाले थे.

डिजिटल साक्ष्यों की मदद से आरोपितों तक पहुंची पुलिस

मामले की जांच में लगी टीम डिजिटल साक्ष्यों की मदद से आरोपितों तक पहुंच सकी. हत्या के बाद भी आरोपित मृतक का फोन इस्तेमाल करते रहे. पुलिस से बचने के लिए अपना फोन तोड़कर नाले में फेंक दिया था.

कन्नौज: एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने मीडिया से रूबरू होकर शुक्रवार को मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के गहलो गांव निवासी धर्मेंद्र नगर पालिका में सफाई कर्मचारी के पद तैनात था. 20 अगस्त को जलाकर उसकी हत्या कर दी गई थी. शव सदर कोतवाली के खुसटिया गांव के बाहर एक निजी नलकूप के पास पड़ा मिला था.

मृतक के भाई शिवम ने बहनोई पर हत्या का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी. एसपी ने बताया कि खुलासे के लिए कोतवाली टीम को लगाया गया था. कांशीराम कॉलोनी ईदगाह निवासी मनीष बाल्मीकि, अनुज सक्सेना, सूरज बाथम ने रुपये की खातिर दोस्त धर्मेंद्र की हत्या की साजिश रची थी. आरोपितों को पता था कि सफाई कर्मी के खाते में छह लाख रुपये पड़े हैं. शाम के समय पाल चौराहा के पास ले जाकर गमछा से गला दबाकर हत्या करने के बाद शव को जला दिया. हत्या के बाद आरोपितों ने मृतक के खाते से 40 हजार रुपये निकाल लिए. पुलिस ने आरोपितों के पास से 30 हजार रुपये व एक बाइक बरामद की है.

एटीएम से रुपये निकालने में मदद करते थे आरोपी

एसपी ने बताया कि हत्या का मास्टरमाइंड मनीष बाल्मीकि कई बार मृतक के साथ एटीएम से रुपये निकलवाने गया था. उसको उसके मोबाइल में रुपये निकालने वाले एप्प का पिनकोड भी पता था. हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपितों ने दो बार 20-20 हजार रुपये एटीएम से निकाले थे.

डिजिटल साक्ष्यों की मदद से आरोपितों तक पहुंची पुलिस

मामले की जांच में लगी टीम डिजिटल साक्ष्यों की मदद से आरोपितों तक पहुंच सकी. हत्या के बाद भी आरोपित मृतक का फोन इस्तेमाल करते रहे. पुलिस से बचने के लिए अपना फोन तोड़कर नाले में फेंक दिया था.

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