कन्नौज: जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए, इत्र पर रिसर्च करने वाले सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र एफएफडीसी ने सैनिटाइजर का उत्पादन कार्य शुरू कर दिया है. पूरे देश में करोना महामारी को लेकर सैनिटाइजर की मांग बढ़ गई है. यही कारण है कि बढ़ती मांग के चलते सैनिटाइजर की कमी देखने को मिल रही है. ऐसे में जो बाजारों में सैनिटाइजर आ रहा है वह महंगा होने के साथ साथ उसकी क्वालिटी भी अच्छी नहीं है.
सैनिटाइजर की बड़ी किल्लत को देखते हुए सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र ने अपनी संस्थान में जिला प्रशासन से संपर्क कर सैनिटाइजर बनाने की मंजूरी मांगी है. जिसके बाद एफएफडीसी ने इसके लिए जिला प्रशासन से ड्रग और अल्कोहल का लाइसेंस जारी करवाया. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद भारत सरकार के एमएसएमई के तहत कार्य करने वाले एफएफडीसी के वैज्ञानिकों की टीम ने सैनिटाइजर तैयार कर लिया है.
इस सैनिटाइजर को 8 दिनों से भी कम समय में 5 हजार बोतल की पहली खेप में तैयार कर लिया गया है. इसी तरह से एफएफडीसी के वैज्ञानिकों ने हर रोज 5 हजार लीटर सैनीटाइजर तैयार करने का लक्ष्य रखा है. इसे लोगों की सुविधा के मुताबिक अलग-अलग साइज की बोतल में रखा गया है.
अच्छा और सस्ता है इत्र नगरी का सैनिटाइजर
बाजार में मिलने वाले अन्य दूसरी कंपनियों के सैनिटाइजर की कीमत काफी ज्यादा है. कोई कंपनी 100ml की बोतल ₹200 से ज्यादा दे रही है, तो कोई कंपनी 100ml की बोतल 100 से ₹120 में दे रही है. जबकि एफएफडीसी ने 200ml की बोतल की कीमत मात्र ₹28 ही तय की है. वहीं 1 लीटर की बोतल की कीमत ₹98 है.
डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन से बनाया गया है यह सैनिटाइजर
इत्र नगरी में स्थापित सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) में तैयार हो रहा सैनिटाइजर को यहां के विशेषज्ञों ने विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) की गाइडलाइन के मुताबिक तैयार किया है. सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) के डायरेक्टर शक्ति विनय शुक्ला ने बताया कि पहले उनकी प्राथमिकता स्वास्थ्य महकमे को पर्याप्त मातरा में सैनिटाइजर उपलब्ध करवाने की है.
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य महकमे की जरूरत पूरी होने के बाद इसे बाजार में उपलब्ध करवाया जाएगा. इसके साथ ही नॉर्थन सेंट्रल रेलवे ने भी सैनिटाइजर के लिए एफएफडीसी से संपर्क किया है. जिससे जल्द ही रेलवे को भी सैनिटाइजर बनाकर उपलब्ध कराया जाएगा. बताया कि सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र एक सरकारी संस्थान है. यहां पर बनाए जा रहे सैनीटाइजर को बाजार की कम कीमत से और कम लागत में तैयार किया जा रहा है.