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चार एकड़ आलू की फसल खराब होने से किसान की सदमे से हुई मौत, परिवार में मचा कोहराम

कन्नौज में नकली आलू शोधन वाली दवा से किसानों की हजारों बीघा आलू की फसल बर्बाद हो गई है. परिजनों के मुताबिक, आलू की फसल बर्बाद होने की खबर से बुजुर्ग किसान की सदमा लगने से मौत हो गई है.

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Published : Nov 12, 2022, 10:27 PM IST

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किसान

कन्नौजः जिले भर में नकली आलू शोधन वाली दवा से किसानों की हजारों बीघा आलू की फसल बर्बाद हो गई है. जलालाबाद ब्लॉक क्षेत्र के मसीदपुरवा गांव में भी किसानों की आलू की फसल खराब हो गई हैं. परिजनों के मुताबिक, आलू की फसल बर्बाद होने की खबर से बुजुर्ग किसान की सदमा लगने से मौत हो गई है. किसान के बेटे की करीब चार एकड़ आलू की फसल नकली दवा के चलते खराब हो गई है. हालांकि परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराए बगैर ही अंतिम संस्कार कर दिया है. मामला संज्ञान में आने के बाद एडीएम ने मामले की जांच कराए जाने की बात कही है. मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

दरअसल, इत्रनगरी में बड़े पैमाने पर फफूंदी नाशक दवाई से किसानों की हजारों बीघा आलू की फसल बर्बाद हो गई है. फसल खराब होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले मानीमऊ व उसके आसपास के गांवों में आलू फसल खराब होने की बात सामने आई थी. जांच में करीब एक हजार बीघा से ज्यादा आलू की फसल खराब हुई थी. इसके बाद अब तिर्वा, ठठिया व जलालाबाद में आलू की फसल खराब होने की बात सामने आई है.

जलालाबाद ब्लॉक क्षेत्र के अंर्तगत मसीदपुरवा गांव के रहने वाले छुन्नू यादव ने करीब चार एकड़ में आलू की फसल बोई थी. उन्होंने भी फसल की बुवाई करने से पहले आलू के बीज का फफूंदी नाशक दवाई से शोधन किया था. जब बुवाई के करीब 25 दिन बाद भी बेल बाहर नहीं आई तो उन्होंने फसल खोदकर देखी. खोदकर देखने पर पता चला कि बीज जमीन में ही सड़ कर खराब हो गया है. फसल खराब होने की जानकारी छुन्ना यादव ने अपने बीमार 85 वर्षीय पिता रामसेवक को नहीं दी.

जब कृषि विभाग के कर्मचारी गांव में बर्बाद हुई आलू की फसल की जांच करने पहुंचे, तो राम सेवक को आलू की फसल बर्बाद होने की जानकारी मिली. वह पहले से ही बीमार चल रहे थे. जब उन्हें फसल खराब होने की जानकारी मिली तो सदमा लग गया. इससे उनकी तबियत और बिगड गई. हालत बिगड़ने पर परिजन आनन फानन में डॉक्टर के पास लेकर जाने लगे. तभी राम सेवक ने दम तोड़ दिया. शनिवार को परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराए बगैर ही अंतिम संस्कार कर दिया.

एडीएम गजेंद्र सिंह ने बताया कि किसान की मौत खबर मिली है. उनकी उम्र 80 से अधिक थी. परिजनों से पोस्टमार्टम के लिए कहा गया था, लेकिन पोस्टमार्टम नहीं कराया. तहसीलदार को जांच के लिए कहा गया है. जांच में स्थित साफ होने पर आगे की नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ेंः अम्बेडकरनगर में गहराया फर्टिलाइजर का संकट, DAP खाद ढूंढ रहे हैं किसान

कन्नौजः जिले भर में नकली आलू शोधन वाली दवा से किसानों की हजारों बीघा आलू की फसल बर्बाद हो गई है. जलालाबाद ब्लॉक क्षेत्र के मसीदपुरवा गांव में भी किसानों की आलू की फसल खराब हो गई हैं. परिजनों के मुताबिक, आलू की फसल बर्बाद होने की खबर से बुजुर्ग किसान की सदमा लगने से मौत हो गई है. किसान के बेटे की करीब चार एकड़ आलू की फसल नकली दवा के चलते खराब हो गई है. हालांकि परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराए बगैर ही अंतिम संस्कार कर दिया है. मामला संज्ञान में आने के बाद एडीएम ने मामले की जांच कराए जाने की बात कही है. मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

दरअसल, इत्रनगरी में बड़े पैमाने पर फफूंदी नाशक दवाई से किसानों की हजारों बीघा आलू की फसल बर्बाद हो गई है. फसल खराब होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले मानीमऊ व उसके आसपास के गांवों में आलू फसल खराब होने की बात सामने आई थी. जांच में करीब एक हजार बीघा से ज्यादा आलू की फसल खराब हुई थी. इसके बाद अब तिर्वा, ठठिया व जलालाबाद में आलू की फसल खराब होने की बात सामने आई है.

जलालाबाद ब्लॉक क्षेत्र के अंर्तगत मसीदपुरवा गांव के रहने वाले छुन्नू यादव ने करीब चार एकड़ में आलू की फसल बोई थी. उन्होंने भी फसल की बुवाई करने से पहले आलू के बीज का फफूंदी नाशक दवाई से शोधन किया था. जब बुवाई के करीब 25 दिन बाद भी बेल बाहर नहीं आई तो उन्होंने फसल खोदकर देखी. खोदकर देखने पर पता चला कि बीज जमीन में ही सड़ कर खराब हो गया है. फसल खराब होने की जानकारी छुन्ना यादव ने अपने बीमार 85 वर्षीय पिता रामसेवक को नहीं दी.

जब कृषि विभाग के कर्मचारी गांव में बर्बाद हुई आलू की फसल की जांच करने पहुंचे, तो राम सेवक को आलू की फसल बर्बाद होने की जानकारी मिली. वह पहले से ही बीमार चल रहे थे. जब उन्हें फसल खराब होने की जानकारी मिली तो सदमा लग गया. इससे उनकी तबियत और बिगड गई. हालत बिगड़ने पर परिजन आनन फानन में डॉक्टर के पास लेकर जाने लगे. तभी राम सेवक ने दम तोड़ दिया. शनिवार को परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराए बगैर ही अंतिम संस्कार कर दिया.

एडीएम गजेंद्र सिंह ने बताया कि किसान की मौत खबर मिली है. उनकी उम्र 80 से अधिक थी. परिजनों से पोस्टमार्टम के लिए कहा गया था, लेकिन पोस्टमार्टम नहीं कराया. तहसीलदार को जांच के लिए कहा गया है. जांच में स्थित साफ होने पर आगे की नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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