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कन्नौज में बस हादसे वाली जगह पर फिर हुआ हादसा, 8 घायल

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Published : Jan 12, 2020, 6:41 PM IST

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में दो दिन भी नहीं बीते कि रविवार को फिर उसी जगह एक और हादसा हो गया. इस हादसे में लोडर और ओमनी वैन आमने सामने से टकरा गई, जिसमें करीब 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को आनन-फानन में 100 शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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कन्नौज में एक और सड़क दुर्घटना.

कन्नौज: छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के ग्राम घिलोई में अभी दो दिन भी नहीं बीते कि रविवार को फिर उसी जगह हादसा हो गया. हादसे में तेज रफ्तार लोडर सामने से ओमनी वैन से टकरा गया, जिसमें 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को 100 शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं वैन चालक की हालत गंभीर होने पर उसको मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया है. ज्यादातर दुर्घटनाएं इसी स्थान पर होती है, इसलिए इस स्थान को ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया जा चुका है. हादसे की जानकारी लगते ही एसडीएम गौरव शुक्ला मरीजों का हालचाल लेने सौ शैय्या अस्पताल पहुंचे.

कन्नौज में एक और सड़क दुर्घटना.

फिर उसी स्थान पर हुआ एक और हादसा

छिबरामऊ के घिलोई में शुक्रवार की रात जिस जगह पर आपस में भिड़कर बस और ट्रक आग का गोला बन गई थी, वहीं पर रविवार को हादसा हुआ. इसमें एक पिकअप और एक वैन की आमने-सामने टक्कर हो गई. इस हादसे में 9 लोग जख्मी हुए हैं, जिसमे आठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.


मातमपुर्सी में शामिल होने जा रहे थे यह लोग
तालग्राम थाना के गांव बिरौली के रहने वाले प्रताप सिंह बैरागपुर गांव में बहन के घर मातमपुर्सी में शामिल होने जा रहे थे. तभी यह हादसा हो गया. इस हादसे में भोजापुर गांव के रहने वाले एक ही परिवार के आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. सभी को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है.

ये भी पढ़ें- कन्नौज हादसा: सपा विधायक ने मुआवजे पर सरकार का घेरा, कहा- मृतकों का आंकड़ा रहे छुपा


सरकारी आंकड़ों में भी यह जगह ब्लैक स्पॉट में दर्ज
सरकारी आंकड़ों की बात करें तो छिबरामऊ क्षेत्र में सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें अधिकतर सड़क हादसे इसी सड़क पर दर्ज हैं. प्रशासन ने मार्ग दुघटनाओं को लेकर इस जगह को चिन्हित भी किया है, जिससे इस जगह को ब्लैक स्पॉट के रूप में भी चिन्हित किया जा चुका है.


क्या है ब्लैक स्पॉट्स
लोगों को दुघर्टना से बचाने के लिए केन्द्र सरकार ने एक खास परियोजना शुरू की थी, जिसको ऑपरेशन ब्लैक स्पॉट्स के नाम से जाना जाता है. केंद्र सरकार की इस परियोजना में ऐसे दुर्घटना संभावित स्पॉट्स की जगह वैकल्पिक सड़क बनाए जाने की प्रक्रिया भी है. कुछ ऐसी सड़कें जो केवल हादसों के लिए जानी जाती हैं. इन सड़कों पर हादसा होने पर अधिकतर केसेज में मौत ही मिलती है. इसका सर्वे करने के बाद आरटीओ, ट्रैफिक और पीडब्ल्यूडी टीम के सर्वे के बाद इन्हें ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया जाता है.


अवेयर करने के लिए लगाए गए हैं स्लोगन लगे बोर्ड
एक ही स्पॉट पर जहां तीन साल में मिनिमम पांच से अधिक हादसे और तीन से ज्यादा मौतें हुई हैं. उस जगह को ब्लैक स्पॉट के रूप मे चिन्हित किया जाता है. इन ब्लैक स्पॉट से गुजरने वालों को अवेयर करने के लिए अधिकारियों ने कई चिन्ह लगवाए हैं, जिसमे धीरे चलें, दुर्घटना बाहुल्य इलाका है, सावधानी हटी, दुर्घटना घटी जैसे स्लोगन लगे बोर्ड इन ब्लैक स्पॉट्स पर हादसे को रोकने के लिए लगाए गए हैं. साथ ही तेज स्पीड को कंट्रोल करने के लिए ऐसे स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं, जहां पर तेज गति में कोई गाड़ी न गुजर पाए. रोड पर जेब्रा क्रॉसिंग भी बनाई जाती है.

ये भी पढ़ें- कन्नौज बस दुर्घटना पर बोले राज्य परिवहन मंत्री, 'दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई'


तेज रफ्तार और ओवरटेक करने पर हुआ था हादसा
यूपी के कन्नौज में शुक्रवार को हुए हादसे में बस ड्राइवर द्वारा तेजी और लापरवाही से गाड़ी चलाकर ओवरटेक करना हादसे का कारण होना सामने आया है, जबकि 2016 में हुए सर्वे के अनुसार अधिकारियों की जांच में हादसों का सबसे बड़ा कारण गाड़ी की तेज रफ्तार थी. साथ ही दूसरा सबसे बड़ा कारण लापरवाही से गाड़ी चलाना सामने आया था. इसके अलावा बीते तीन साल का सर्वे करने के बाद 2019 में अधिकारियों ने हादसों की सर्वे रिपोर्ट तैयार की है. इसमें हादसों का सबसे बड़ा कारण तेज रफ्तार में गाड़ी चलाना है. वहीं दूसरा कारण ओवर टेक करना सामने आया है. इसके बावजूद आज भी इसी घटनास्थल पर एक और हादसे ने सभी को हिलाकर रख दिया है.

कन्नौज: छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के ग्राम घिलोई में अभी दो दिन भी नहीं बीते कि रविवार को फिर उसी जगह हादसा हो गया. हादसे में तेज रफ्तार लोडर सामने से ओमनी वैन से टकरा गया, जिसमें 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को 100 शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं वैन चालक की हालत गंभीर होने पर उसको मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया है. ज्यादातर दुर्घटनाएं इसी स्थान पर होती है, इसलिए इस स्थान को ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया जा चुका है. हादसे की जानकारी लगते ही एसडीएम गौरव शुक्ला मरीजों का हालचाल लेने सौ शैय्या अस्पताल पहुंचे.

कन्नौज में एक और सड़क दुर्घटना.

फिर उसी स्थान पर हुआ एक और हादसा

छिबरामऊ के घिलोई में शुक्रवार की रात जिस जगह पर आपस में भिड़कर बस और ट्रक आग का गोला बन गई थी, वहीं पर रविवार को हादसा हुआ. इसमें एक पिकअप और एक वैन की आमने-सामने टक्कर हो गई. इस हादसे में 9 लोग जख्मी हुए हैं, जिसमे आठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.


मातमपुर्सी में शामिल होने जा रहे थे यह लोग
तालग्राम थाना के गांव बिरौली के रहने वाले प्रताप सिंह बैरागपुर गांव में बहन के घर मातमपुर्सी में शामिल होने जा रहे थे. तभी यह हादसा हो गया. इस हादसे में भोजापुर गांव के रहने वाले एक ही परिवार के आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. सभी को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है.

ये भी पढ़ें- कन्नौज हादसा: सपा विधायक ने मुआवजे पर सरकार का घेरा, कहा- मृतकों का आंकड़ा रहे छुपा


सरकारी आंकड़ों में भी यह जगह ब्लैक स्पॉट में दर्ज
सरकारी आंकड़ों की बात करें तो छिबरामऊ क्षेत्र में सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें अधिकतर सड़क हादसे इसी सड़क पर दर्ज हैं. प्रशासन ने मार्ग दुघटनाओं को लेकर इस जगह को चिन्हित भी किया है, जिससे इस जगह को ब्लैक स्पॉट के रूप में भी चिन्हित किया जा चुका है.


क्या है ब्लैक स्पॉट्स
लोगों को दुघर्टना से बचाने के लिए केन्द्र सरकार ने एक खास परियोजना शुरू की थी, जिसको ऑपरेशन ब्लैक स्पॉट्स के नाम से जाना जाता है. केंद्र सरकार की इस परियोजना में ऐसे दुर्घटना संभावित स्पॉट्स की जगह वैकल्पिक सड़क बनाए जाने की प्रक्रिया भी है. कुछ ऐसी सड़कें जो केवल हादसों के लिए जानी जाती हैं. इन सड़कों पर हादसा होने पर अधिकतर केसेज में मौत ही मिलती है. इसका सर्वे करने के बाद आरटीओ, ट्रैफिक और पीडब्ल्यूडी टीम के सर्वे के बाद इन्हें ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया जाता है.


अवेयर करने के लिए लगाए गए हैं स्लोगन लगे बोर्ड
एक ही स्पॉट पर जहां तीन साल में मिनिमम पांच से अधिक हादसे और तीन से ज्यादा मौतें हुई हैं. उस जगह को ब्लैक स्पॉट के रूप मे चिन्हित किया जाता है. इन ब्लैक स्पॉट से गुजरने वालों को अवेयर करने के लिए अधिकारियों ने कई चिन्ह लगवाए हैं, जिसमे धीरे चलें, दुर्घटना बाहुल्य इलाका है, सावधानी हटी, दुर्घटना घटी जैसे स्लोगन लगे बोर्ड इन ब्लैक स्पॉट्स पर हादसे को रोकने के लिए लगाए गए हैं. साथ ही तेज स्पीड को कंट्रोल करने के लिए ऐसे स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं, जहां पर तेज गति में कोई गाड़ी न गुजर पाए. रोड पर जेब्रा क्रॉसिंग भी बनाई जाती है.

ये भी पढ़ें- कन्नौज बस दुर्घटना पर बोले राज्य परिवहन मंत्री, 'दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई'


तेज रफ्तार और ओवरटेक करने पर हुआ था हादसा
यूपी के कन्नौज में शुक्रवार को हुए हादसे में बस ड्राइवर द्वारा तेजी और लापरवाही से गाड़ी चलाकर ओवरटेक करना हादसे का कारण होना सामने आया है, जबकि 2016 में हुए सर्वे के अनुसार अधिकारियों की जांच में हादसों का सबसे बड़ा कारण गाड़ी की तेज रफ्तार थी. साथ ही दूसरा सबसे बड़ा कारण लापरवाही से गाड़ी चलाना सामने आया था. इसके अलावा बीते तीन साल का सर्वे करने के बाद 2019 में अधिकारियों ने हादसों की सर्वे रिपोर्ट तैयार की है. इसमें हादसों का सबसे बड़ा कारण तेज रफ्तार में गाड़ी चलाना है. वहीं दूसरा कारण ओवर टेक करना सामने आया है. इसके बावजूद आज भी इसी घटनास्थल पर एक और हादसे ने सभी को हिलाकर रख दिया है.

Intro:कन्नौज में हुए बस हादसे वाली जगह पर फिर हुआ एक और हादसा, यहां चिन्हित है ब्लैक स्पॉट

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कन्नौज में एक दिन पहले हुए बस हादसे की जगह पर आज फिर एक हादसा हो गया । तेज रफ्तार आ रहा लोडर सामने से ओमनी वैन से टकरा गया। जिसमें 8 लोग गंभीररूप से घायल हो गए। जिनको 100 शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया गया। वही ओमनी वैन के चालक की हालत गंभीर होने पर उसको मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया है। ज्यादातर मार्ग दुर्घटनाएं इसी जगह पर होती है इसलिए इस जगह को ब्लैक स्पॉट में भी चिन्हित किया जा चुका है।  आइये देखते है कन्नौज से यह स्पेशल रिपोर्ट।  

कन्नौज के छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के ग्राम घिलोई में अभी दो दिन भी नहीं बीते कि आज फिर से उसी जगह पर एक और हादसा हो गया। हम आपको बताते चलें कि अभी एक दिन पहले एक बड़ा दर्दनाक बस हादसा हो गया था । इस हादसे में 10 से ज्यादा लोग जिंदा जल गए थे और करीब 23 लोग घायल हो गए थे । उसी जगह पर आज फिर एक हादसा हो गया है, जिसमें लोडर और ओमनी वैन आमने सामने से टकरा गई, जिसमें करीब 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए । जिनको आनन-फानन में सौ शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया गया । हादसे की जानकारी लगते ही मरीजों का हालचाल लेने सौ शैय्या अस्पताल एसडीएम गौरव शुक्ला पहुंचे उन्होंने घायलों का हालचाल लिया ।

Body:फिर हुआ उसी जगह पर एक और हादसा

कन्नौज के छिबरामऊ के घिलोई में शुक्रवार की रात में जिस जगह पर आपस मे भिड़कर बस और ट्रक आग का गोला बन गई थी, वहां पर आज रविवार को फिर उसी जगह पर हादसा हुआ। इसमें एक पिकअप और एक वैन की आमने-सामने टक्कर हो गई, इस हादसे में 9 लोग जख्मी हुए हैं। जिसमे आठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मातमपुर्सी में शामिल होने जा रहे थे यह लोग

तालग्राम थाना के गांव बिरौली के रहने वाले प्रताप सिंह बैरागपुर गांव में बहन के घर मातमपुर्सी में शामिल होने जा रहे थे। तभी इनकी वैन घिलोई में बस हादसे के ठीक पीछे सामने से आ रही पिकअप से भिड़ गई। इस हादसे में भोजापुर गांव के रहने वाले एक ही परिवार के आठ लोग गंभीरुप से घायल हो गए। सभी को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है।

सरकारी आंकड़ों में भी यह जगह है ब्लैक स्पॉट में दर्ज

सरकारी आंकड़ों की बात करें तो छिबरामऊ क्षेत्र में सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए है जिसमे अधिकतर सड़क हादसे इसी सड़क पर दर्ज है। प्रशासन ने मार्ग दुघटनाओं को लेकर इस जगह को चिन्हित भी किया है जिससे इस जगह को ब्लैक स्पॉट के रूप में भी चिन्हित किया जा चुका है।

क्या है ब्लैक स्पॉट्स

लोगों को दुघर्टना से बचाने के लिए केन्द्र सरकार ने एक खास परियोजना शुरू की थी, जिसको ऑपरेशन ब्लैक स्पॉट्स के नाम से जाना जाता है । केंद्र सरकार की इस परियोजना में ऐसे दुर्घटना संभावित स्पॉट्स की जगह वैकल्पिक सड़क बनाए जाने की प्रक्रिया भी है। कुछ ऐसी सड़कें जो केवल हादसों के लिए जानी जाती हैं। इन सड़कों पर हादसा होने पर अधिकतर केसेज में मौत ही मिलती है। इसका सर्वे करने के बाद आरटीओ, ट्रैफिक और पीडब्ल्यूडी टीम के सर्वे के बाद इन्हें ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया जाता है। एक ही स्पॉट पर जहां तीन साल में मिनिमम पांच से अधिक हादसे और तीन से ज्यादा मौतें हुई हैं उस जगह को ब्लैक स्पॉट के रूप मे चिन्हित किया जाता है। इन ब्लैक स्पॉट से गुजरने वालों को अवेयर करने के लिए अधिकारियों ने कई चिन्ह लगवाए हैं। जिसमे धीरे चलें, दुर्घटना बाहुल्य इलाका है, सावधानी हटी, दुर्घटना घटी जैसे स्लोगन लगे बोर्ड इन ब्लैक स्पॉट्स पर हादसे को रोकने के लिए लगाए गए हैं। साथ ही तेज स्पीड को कंट्रोल करने के लिए ऐसे स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं, जहां पर तेज गति में कोई गाड़ी ना गुजर पाए। रोड पर जेब्रा क्रॉसिंग भी बनाई जाती है।

Conclusion:तेज रफ़्तार और ओवरटेक करने पर हुआ था कन्नौज में यह बड़ा हादसा

यूपी के कन्नौज में शुक्रवार को हुए हादसे में बस ड्राइवर द्वारा तेजी और लापरवाही से गाडी चलाकर ओवरटेक करना हादसे का कारण होना सामने आया है जबकि 2016 में हुए सर्वे के अनुसार अधिकारियों की जांच में हादसों का सबसे बड़ा कारण गाड़ी की तेज रफ्तार थी। साथ ही दूसरा सबसे बड़ा कारण लापरवाही से गाड़ी चलाना सामने आया था। इसके अलावा बीते तीन साल का सर्वे करने के बाद 2019 में अधिकारियों ने हादसों की सर्वे रिपोर्ट तैयार की है। इसमें हादसों का सबसे बड़ा कारण तेज रफ्तार में गाड़ी चलाना है। वहीं दूसरा कारण ओवर टेक करना सामने आया है। इसके बावजूद आज भी इसी घटनास्थल पर एक और हादसे ने सभी को हिलाकर रख दिया है।

बाइट - रणवीर - (घायलों के परिजन)
बाइट - कुलदीप यादव - सीएमएस - सौ शैय्या अस्पताल छिबरामऊ, कन्नौज
बाइट - गौरव शुक्ला - एसडीएम छिबरामऊ, कन्नौज
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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
09415168969
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