ETV Bharat / state

कन्नौज में घर-घर खोजे जाएंगे टीबी मरीज

यूपी के कन्नौज में 26 दिसंबर से 25 जनवरी तक में एक्टिव केस फाइंडिग अभियान (एसीएफ) चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत टीबी मरीजों की खोज की जाएगी. उनकी स्क्रीनिंग कर बलगम की जांच करेंगी. इस दौरान एचआईवी और डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की विशेष रुप से जांच की जाएगी.

author img

By

Published : Dec 25, 2020, 11:05 PM IST

कन्नौज में घर-घर खोजे जाएंगे टीबी मरीज
कन्नौज में घर-घर खोजे जाएंगे टीबी मरीज

कन्नौज: टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 26 दिसंबर से 25 जनवरी तक तीन चरणों में एक्टिव केस फाइंडिग अभियान (एसीएफ) चलाया जाएगा. यह अभियान राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत होगा. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर टीबी मरीजों की खोज करेंगी. इस दौरान कोरोना की भी जांच की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों को टीबी के लक्षणों के बारे में भी जानकारी देगी.

तीन चरणों में चलेगा टीबी रोगी खोज अभियान

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जेजे राम ने बताया कि पहले चरण में 26 दिसंबर से एक जनवरी तक अनाथालय, वृद्धाश्रम, जिला कारागार, बाल संरक्षण गृह, नारी निकेतन, शेल्टर होम, मदरसा, नवोदय विद्यालय में टीमें जाकर क्षय रोगियों की खोज करेंगी. इसका दूसरा चरण दो जनवरी से 12 जनवरी तक चलेगा. इसमें टीमें शहरी और ग्रामीण इलाकों की मलिन बस्तियों में क्षय रोग की टीमें घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर बलगम की जांच करेंगी. इस दौरान एचआईवी और डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की विशेष रुप से जांच की जाएगी. तीसरे चरण में 13 जनवरी से 25 जनवरी तक जनपद के निजी अस्पतालों में क्षय रोग की टीमें जाकर चिकित्सकों से संपर्क कर क्षय रोगियों के बारे में डाटा एकत्र करेंगी. इसके बाद मरीजों का निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण कर उनको इलाज मुहैया कराया जाएगा. इसके साथ ही रोगियों की कोविड जांच भी की जाएगी.

यह हैं टीबी रोग के लक्षण

⦁ तीन सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार जो खासतौर पर शाम को बढ़ता है.

⦁ छाती में दर्द.

⦁ वजन का घटना.

⦁ भूख में कमी.

⦁ बलगम के साथ खून आना.

⦁ फेफड़ों का इंफेक्शन बहुत ज्यादा होना.

⦁ सांस लेने में दिक्कत.

डॉक्टर की सलाह पर ही बंद करें टीबी का इलाज

डॉ. जेजे राम ने बताया कि टीबी के जीवाणुओं का पता लगाने के लिए लगातार तीन दिन तक कफ की जांच करानी चाहिए. क्षय रोगी को कम से कम छ: महीने तक दवा लगातार लेनी चाहिए. कभी-कभी दवा को एक साल तक भी लेना पड़ सकता है. उन्होंने बताया कि केवल डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लेना बंद करना चाहिए. पूरा इलाज न कराने पर रोग लाइलाज हो सकता है. इतना ही नहीं यह जानलेवा भी हो सकता है. क्षयरोगी को बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तम्बाकु, शराब अथवा किसी भी नशीली वस्तु से परहेज करना चाहिए.

कन्नौज: टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 26 दिसंबर से 25 जनवरी तक तीन चरणों में एक्टिव केस फाइंडिग अभियान (एसीएफ) चलाया जाएगा. यह अभियान राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत होगा. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर टीबी मरीजों की खोज करेंगी. इस दौरान कोरोना की भी जांच की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों को टीबी के लक्षणों के बारे में भी जानकारी देगी.

तीन चरणों में चलेगा टीबी रोगी खोज अभियान

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जेजे राम ने बताया कि पहले चरण में 26 दिसंबर से एक जनवरी तक अनाथालय, वृद्धाश्रम, जिला कारागार, बाल संरक्षण गृह, नारी निकेतन, शेल्टर होम, मदरसा, नवोदय विद्यालय में टीमें जाकर क्षय रोगियों की खोज करेंगी. इसका दूसरा चरण दो जनवरी से 12 जनवरी तक चलेगा. इसमें टीमें शहरी और ग्रामीण इलाकों की मलिन बस्तियों में क्षय रोग की टीमें घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर बलगम की जांच करेंगी. इस दौरान एचआईवी और डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की विशेष रुप से जांच की जाएगी. तीसरे चरण में 13 जनवरी से 25 जनवरी तक जनपद के निजी अस्पतालों में क्षय रोग की टीमें जाकर चिकित्सकों से संपर्क कर क्षय रोगियों के बारे में डाटा एकत्र करेंगी. इसके बाद मरीजों का निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण कर उनको इलाज मुहैया कराया जाएगा. इसके साथ ही रोगियों की कोविड जांच भी की जाएगी.

यह हैं टीबी रोग के लक्षण

⦁ तीन सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार जो खासतौर पर शाम को बढ़ता है.

⦁ छाती में दर्द.

⦁ वजन का घटना.

⦁ भूख में कमी.

⦁ बलगम के साथ खून आना.

⦁ फेफड़ों का इंफेक्शन बहुत ज्यादा होना.

⦁ सांस लेने में दिक्कत.

डॉक्टर की सलाह पर ही बंद करें टीबी का इलाज

डॉ. जेजे राम ने बताया कि टीबी के जीवाणुओं का पता लगाने के लिए लगातार तीन दिन तक कफ की जांच करानी चाहिए. क्षय रोगी को कम से कम छ: महीने तक दवा लगातार लेनी चाहिए. कभी-कभी दवा को एक साल तक भी लेना पड़ सकता है. उन्होंने बताया कि केवल डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लेना बंद करना चाहिए. पूरा इलाज न कराने पर रोग लाइलाज हो सकता है. इतना ही नहीं यह जानलेवा भी हो सकता है. क्षयरोगी को बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तम्बाकु, शराब अथवा किसी भी नशीली वस्तु से परहेज करना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.