कन्नौज: जिले में हुए बस हादसे में लापता और मृत यात्रियों की शिनाख्त डीएनए टेस्ट से करने के लिए 6 स्वजनों के ब्लड सैम्पल लिए गए. जिला प्रशासन के साथ सभी स्वजन और उनके रिश्तेदारों का कोर्ट के आदेश पर जिला अस्पताल में सैंपल लिये जाने की प्रक्रिया पूरी की गई है.
10 जनवरी को कन्नौज के छिबरामऊ में हुई बस-ट्रक की टक्कर के बाद दोनों वाहनों में भीषण आग लग गई थी. हादसे में बस में फंसकर 10 लोग जलकर राख हो गए. उनकी शिनाख्त भी नहीं हो पा रही थी. प्रशासन ने डीएनए टेस्ट के जरिए शिनाख्त कराने की बात कही थी. हादसे में जिन लोगों के परिजन लापता हैं, प्रशासन उनके डीएनए सैम्पल इकट्ठा कर रहा है.
अगर पहले ही हो जाती कार्रवाई तो नहीं होता इतना बड़ा हादसा
यूपी के कन्नौज जिले के छिबरामऊ में हुए बस हादसे ने सभी को झकझोर दिया, लेकिन इस हादसे के जिम्मेदार लोग अब भी बचते दिख रहे हैं. लापरवाही की जानकारी होने के बावजूद भी इस ट्रैवल्स पर पहले कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
इसे भी पढ़ें - कन्नौज: 45 यात्रियों से भरी बस ट्रक से टकराई, आग लगने से 10 यात्री जिंंदा जले
पहले भी की थी शिकायत
छिबरामऊ-इंदरगढ़ मोटर यूनियन के पदाधिकारी मोहम्मद शाहदीन, सगीर, राजेश कुमार, राघवेंद्र सिंह, माजिद, मनमोहन और बृजेश सिंह के अलावा अशोक कुमार दुबे और अधिवक्ता शिवकुमार सिंह ने 10 जनवरी की सुबह जिलाधिकारी रवींद्र कुमार से मिलकर उनके सामने इंदरगढ़-छिबरामऊ मार्ग पर अवैध तरीके से टूरिस्ट बसों का संचालन होने, डग्गामार व अन्य वाहनों के चलने की शिकायत की थी. इन्होंने कहा था कि एआरटीओ और पुलिस विभाग की मिलीभगत से ऐसा किया जा रहा है. इससे परिवहन निगम को राजस्व का चूना लग रहा है. अकेले इंदरगढ़-छिबरामऊ मार्ग पर 28 बसों का संचालन गलत तरीके से किया जा रहा है.
शिकायतकर्ताओं ने यह भी दावा किया कि उन्होंने इसकी जानकारी 16 अगस्त 2019 को पूर्व राज्यमंत्री अर्चना पांडेय को भी दी थी. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा, लेकिन संचालन बंद नहीं हुआ. पदाधिकारियों का कहना है कि यदि समय रहते एआरटीओ ने अवैध तरीके से सवारियां ढोने वाली बसों पर कार्रवाई करती तो शायद 10 जनवरी की रात हुआ बस हादसा बच सकता था.
शिनाख्त के लिए 6 परिवारों का डीएनए परीक्षण
कन्नौज के छिबरामऊ में हुए बस हादसे में मृतकों की शिनाख्त के लिए लिए गये सैम्पलों में छिबरामऊ के मोहल्ला जेरकिला निवासी नूरी पत्नी नाजिम और उनकी बेटी शामिया की शिनाख्त के लिए नूरी के भाई और उसकी मां का ब्लड सैंपल लिया गया. वहीं फर्रूखाबाद के कमालगंज निवासी लईक, उनकी पत्नी शाहिदा, बेटी सादिया, बेटा शान व सैफ की शिनाख्त के लिए लईक के दो भाइयों व शाहिदा के दो भाइयों के ब्लड सैंपल लिये गए. इसी तरह से जयपुर के सांगानेर तहसील निवासी प्रिया पुत्री कृपा शंकर भी लापता हैं, जिनके सैंपल के लिए उनकी मां और भाई का भी डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल लिया गया है.
डीएनए सैम्पल के लिए 6 लोग आए हुए थे. छः लोगों का सैम्पल ले लिया गया है, सील बन्द करके जांच के लिए भेजा गया है.
- डॉ. सतेन्द्र कुमार साहू, इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर