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कन्नौज: प्रधानमंत्री आवास के लिए दर दर भटक रहा दिव्यांग जोड़ा

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए एक दंपति सरकारी दफ्तर के चक्कर काट रहा है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि इस तरह का मामला संज्ञान में नहीं आया है.

दिव्यांग दंपति से बातचीत.
दिव्यांग दंपति से बातचीत.
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Published : Sep 12, 2020, 7:16 PM IST

कन्नौज: सरकारी की तरफ से लोगों को छत मुहैया कराने के लिए प्रधानंत्री आवास योजना चलाई जा रही है. प्रधानमंत्री आवास व पेंशन पाने के लिए एक दिव्यांग जोड़ा कई महीनों से अधिकारियों के चक्कर काट रहा है. बताया जा रहा है कि इस दंपति को बेटों ने घर से बाहर निकाल दिया है. आवास की आस में दिव्यांग घण्टों खंड विकास कार्यालय के बाहर आकर बैठा रहता है.

दिव्यांग दंपति से बातचीत.

विकासखंड हसेरन क्षेत्र अंतर्गत ग्राम अरुहो निवासी 60 वर्षीय दयाराम अपनी पत्नी के साथ गांव में झोपड़ी डालकर रह रहे हैं. दोनों पति-पत्नी दिव्यांग हैं. दयाराम के दो पुत्र व चार बेटियां हैं. शादी होने के बाद बेटों ने दोनों को घर से बाहर निकाल दिया. दयाराम ने बताया कि उन्हें अभी तक किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं दिया गया है. ग्राम प्रधान व सचिव से आवास और वृद्धा पेंशन दिलाए जाने की गुहार लगाई जा रही है.

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पाने के लिए विकास खंड के चक्कर लगा रहे हैं. कोई भी अधिकारी बात तक सुनने को तैयार नहीं है. वह अपनी पत्नी के साथ सुबह से ही हसेरन ब्लॉक मुख्यालय पहुंचे हैं.

दंपति का कहना है कि इससे पहले एक बार शिकायत पत्र दिया था, लेकिन अभी तक न ही कोई सुनवाई हुई और न ही आवास दिया गया. वहीं खंड विकास अधिकारी रामसमुझ ने बताया कि इस तरह का मामला संज्ञान में नहीं आया है. मामले की जानकारी मिलते ही पात्रता के अनुसार सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.

कन्नौज: सरकारी की तरफ से लोगों को छत मुहैया कराने के लिए प्रधानंत्री आवास योजना चलाई जा रही है. प्रधानमंत्री आवास व पेंशन पाने के लिए एक दिव्यांग जोड़ा कई महीनों से अधिकारियों के चक्कर काट रहा है. बताया जा रहा है कि इस दंपति को बेटों ने घर से बाहर निकाल दिया है. आवास की आस में दिव्यांग घण्टों खंड विकास कार्यालय के बाहर आकर बैठा रहता है.

दिव्यांग दंपति से बातचीत.

विकासखंड हसेरन क्षेत्र अंतर्गत ग्राम अरुहो निवासी 60 वर्षीय दयाराम अपनी पत्नी के साथ गांव में झोपड़ी डालकर रह रहे हैं. दोनों पति-पत्नी दिव्यांग हैं. दयाराम के दो पुत्र व चार बेटियां हैं. शादी होने के बाद बेटों ने दोनों को घर से बाहर निकाल दिया. दयाराम ने बताया कि उन्हें अभी तक किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं दिया गया है. ग्राम प्रधान व सचिव से आवास और वृद्धा पेंशन दिलाए जाने की गुहार लगाई जा रही है.

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पाने के लिए विकास खंड के चक्कर लगा रहे हैं. कोई भी अधिकारी बात तक सुनने को तैयार नहीं है. वह अपनी पत्नी के साथ सुबह से ही हसेरन ब्लॉक मुख्यालय पहुंचे हैं.

दंपति का कहना है कि इससे पहले एक बार शिकायत पत्र दिया था, लेकिन अभी तक न ही कोई सुनवाई हुई और न ही आवास दिया गया. वहीं खंड विकास अधिकारी रामसमुझ ने बताया कि इस तरह का मामला संज्ञान में नहीं आया है. मामले की जानकारी मिलते ही पात्रता के अनुसार सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.

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