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कमीशन के लालच में आशा बहू ने प्रसूता को निजी अस्पताल में भर्ती कराया, प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की मौत

सौरिख कस्बा स्थित स्मार्ट हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी सेंटर में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल के स्टॉफ और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

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राधा
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Published : Aug 31, 2022, 11:47 AM IST

कन्नौज: सौरिख कस्बा स्थित स्मार्ट हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी सेंटर में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल के स्टॉफ और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने जमकर हंगामा काटा. मामले की भनक मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई. परिजनों ने कार्रवाई की मांग को लेकर शवों को नहीं उठने दिया. मौके पर तनाव की स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स और पीएसी बल तैनात कर दिया गया है. घटना के बाद अस्पताल संचालक मौके से फरार हो गया. पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. बताया जा रहा है कि आशा बहू ने कमीशन के लालच में प्रसूता को अस्पताल में भर्ती कराया था.

क्या है पूरा मामला
सौरिख थाना क्षेत्र के करसा रामपुर गांव निवासी राधा (22) की शादी करीब एक साल पहले मैनपुरी जनपद के किशनी थाना क्षेत्र के सौनासी गांव निवासी कृष्ण कांत के साथ हुई थी. वह नौ माह की गर्भवती थी. राधा करीब डेढ़ माह से अपने मायके में रह रही थी. प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों सीएचसी हसेरन लेकर पहुंचे थे. जहां पर कुछ देर रूकने के बाद आशा बहू देवपुरापुर गांव निवासी सुनीता ने परिजनों से मरीज को रेफर करवा कर सौरिख कस्बा स्थित स्मार्ट हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी सेंटर में भर्ती करवा दिया. बुधवार की सुबह करीब तीन बजे प्रसूता ने बच्चे को जन्म दिया.

जन्म के कुछ देर बाद ही नवजात ने दम तोड़ दिया. परिजन जब तक कुछ समझ पाते प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया. मामले की भनक लगते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई. लेकिन परिजनों ने कार्रवाई की मांग करते हुए दोनों शवों को उठने नहीं दिया. पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया. जिसके बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए.

इसे भी पढ़ेंः बरेली अस्पताल में भर्ती युवती के साथ शोहदे ने किया छेड़छाड़, गिरफ्तार

तनाव की स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस बल और पीएसी तैनात कर दी गई है. बताया जा रहा है कि परिजनों ने पहले प्रसूता को सीएचसी में भर्ती कराया था. लेकिन आशा बहू सुनीता के कहने पर प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था. जच्चा-बच्चा की मौत की खबर मिलने के बाद एसीएमओ डॉ. धीरेंद्र आर्या ने मौके पर जांच पड़ताल की. साथ ही आशा बहू पर कार्रवाई का आश्वासन दिया.

पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतका के पति कृष्णकांत ने बताया कि उसकी पत्नी राधा को प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी हसेरन में भर्ती कराया था. भर्ती करने के बाद वहां पर कोई ट्रीटमेंट नहीं किया गया. करीब साढ़े चार बजे तक सीएचसी में रूके. बताया कि आशा बहू ने सीएचसी से छुट्टी करवाकर निजी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी.

पत्नी को यहां पर भर्ती कराया. रात को सारा स्टॉफ चला गया. तीन बजे डिलीवरी के बाद पहले बच्चा फिर पत्नी ने दम तोड़ दिया. एसीएमओ डॉ. धीरेंद्र आर्या ने बताया कि एक आशा प्रसूता को लेकर निजी अस्पताल में आई थी. जहां जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद आशा पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. कहा कि जिले में चल रहे अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी.

बताया जा रहा है कि आशा बहू सुनीता की पुत्री नेहा स्मार्ट हॉस्पिटल में काम करती है. कमीशन के लालच में आशा बहू प्रसूता का सीएचसी से रेफर करवाकर निजी अस्पताल लेकर पहुंची थी. बता दें कि, कस्बों में संचालित अवैध अस्पताल डिलीवरी केस लाने पर आशा बहुओं को कमीशन देते हैं, जिसके चलते ज्यादा आशा बहुएं गर्भवतियों को सरकारी अस्पताल की बजाए निजी अस्पतालों में भर्ती करने की सलाह देती है.

इसे भी पढ़ेंः विशेष औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों की जरूरत के अनुसार सुविधाओं का हो विकास, सीएम ने दिये ये निर्देश

कन्नौज: सौरिख कस्बा स्थित स्मार्ट हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी सेंटर में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल के स्टॉफ और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने जमकर हंगामा काटा. मामले की भनक मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई. परिजनों ने कार्रवाई की मांग को लेकर शवों को नहीं उठने दिया. मौके पर तनाव की स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स और पीएसी बल तैनात कर दिया गया है. घटना के बाद अस्पताल संचालक मौके से फरार हो गया. पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. बताया जा रहा है कि आशा बहू ने कमीशन के लालच में प्रसूता को अस्पताल में भर्ती कराया था.

क्या है पूरा मामला
सौरिख थाना क्षेत्र के करसा रामपुर गांव निवासी राधा (22) की शादी करीब एक साल पहले मैनपुरी जनपद के किशनी थाना क्षेत्र के सौनासी गांव निवासी कृष्ण कांत के साथ हुई थी. वह नौ माह की गर्भवती थी. राधा करीब डेढ़ माह से अपने मायके में रह रही थी. प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों सीएचसी हसेरन लेकर पहुंचे थे. जहां पर कुछ देर रूकने के बाद आशा बहू देवपुरापुर गांव निवासी सुनीता ने परिजनों से मरीज को रेफर करवा कर सौरिख कस्बा स्थित स्मार्ट हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी सेंटर में भर्ती करवा दिया. बुधवार की सुबह करीब तीन बजे प्रसूता ने बच्चे को जन्म दिया.

जन्म के कुछ देर बाद ही नवजात ने दम तोड़ दिया. परिजन जब तक कुछ समझ पाते प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया. मामले की भनक लगते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई. लेकिन परिजनों ने कार्रवाई की मांग करते हुए दोनों शवों को उठने नहीं दिया. पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया. जिसके बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए.

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तनाव की स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस बल और पीएसी तैनात कर दी गई है. बताया जा रहा है कि परिजनों ने पहले प्रसूता को सीएचसी में भर्ती कराया था. लेकिन आशा बहू सुनीता के कहने पर प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था. जच्चा-बच्चा की मौत की खबर मिलने के बाद एसीएमओ डॉ. धीरेंद्र आर्या ने मौके पर जांच पड़ताल की. साथ ही आशा बहू पर कार्रवाई का आश्वासन दिया.

पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतका के पति कृष्णकांत ने बताया कि उसकी पत्नी राधा को प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी हसेरन में भर्ती कराया था. भर्ती करने के बाद वहां पर कोई ट्रीटमेंट नहीं किया गया. करीब साढ़े चार बजे तक सीएचसी में रूके. बताया कि आशा बहू ने सीएचसी से छुट्टी करवाकर निजी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी.

पत्नी को यहां पर भर्ती कराया. रात को सारा स्टॉफ चला गया. तीन बजे डिलीवरी के बाद पहले बच्चा फिर पत्नी ने दम तोड़ दिया. एसीएमओ डॉ. धीरेंद्र आर्या ने बताया कि एक आशा प्रसूता को लेकर निजी अस्पताल में आई थी. जहां जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद आशा पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. कहा कि जिले में चल रहे अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी.

बताया जा रहा है कि आशा बहू सुनीता की पुत्री नेहा स्मार्ट हॉस्पिटल में काम करती है. कमीशन के लालच में आशा बहू प्रसूता का सीएचसी से रेफर करवाकर निजी अस्पताल लेकर पहुंची थी. बता दें कि, कस्बों में संचालित अवैध अस्पताल डिलीवरी केस लाने पर आशा बहुओं को कमीशन देते हैं, जिसके चलते ज्यादा आशा बहुएं गर्भवतियों को सरकारी अस्पताल की बजाए निजी अस्पतालों में भर्ती करने की सलाह देती है.

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