कन्नौज : तीन साल के बच्चे के अपहरण के करीब 11 साल पुराने में दोष सिद्ध होने पर कोर्ट ने सोमवार को दोषियों को सजा सुनाई. विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) जज गीता सिंह ने महिला समेत तीन दोषियों को सात-सात साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भी भोगना होगा. अभियोजन पक्ष की ओर से इस केस में नौ गवाह पेश किए गए.
जिला शासकीय अधिवक्ता बृजेश शुक्ला ने बताया कि बबलू तालग्राम थाना क्षेत्र स्थित कृषि बीज भंडार के पास झोपड़ी डालकर परिवार के साथ रहता था. 19 जुलाई 2012 को थाने में उसने अपने बेटे के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. दर्ज रिपोर्ट में बताया गया था कि 18 जुलाई 2012 की रात उसकी पत्नी तीन वर्षीय बेटे के साथ झोपड़ी के अंदर लेटी थी. रात करीब 12 बजे गांधी नगर कस्बा निवासी साफिया अपने तीन अन्य साथियों के साथ आया और हत्या करने के इरादे से बेटे का अपहरण कर लिया. तभी उसकी पत्नी जाग गई. चीख पुकार सुनकर वह भी जाग गया. शोर गुल मचाने पर अन्य लोग भी मौके पर आ गए.
लोगों ने बबलू के बेटे को ले जाने वालों का पीछा किया लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका. पुलिस ने बाद में बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया. जांच के दौरान सामने आया कि बालक के अपहरण में साफिया के अलावा पाल सिंह और ऊषा तिवारी भी शामिल थीं. पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से नौ गवाह पेश किए गए. साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोष सिद्ध होने पर सोमवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट की जज गीता सिंह ने तीनों दोषियों को सात-सात साल कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर एक-एक साल का अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी.
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