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भाजपा ने सात पदाधिकारियों को किया निष्कासित - भाजपा ने सात लोगों को निकाला

कन्नौज जिले में भारतीय जनता पार्टी ने अपने सात पदाधिकारियों को अनुशासनहीनता के चलते निष्कासित कर दिया है. वहीं भाजपा के जिला उपाध्यक्ष मुनीश मिश्रा ने बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे.

यूपी बीजेपी
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Published : Apr 14, 2021, 9:39 PM IST

कन्नौज: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बीजेपी की ओर से टिकट न मिलने पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने और लड़वाने वाले पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं पर पार्टी ने बड़ी कार्रवाई की है. दूसरे प्रत्याशियों का समर्थन करने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की संस्तुति पर जिलाध्यक्ष ने सात पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. बताया जा रहा है कि अनुशासनहीनता के मामले में पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. जिलाध्यक्ष ने ऐसे सात पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित किया है जो स्वयं पदाधिकारी हैं या फिर उनका सीधा जुड़ाव किसी पदाधिकारी से और चुनाव में यह लोग भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के विरोध में चुनावी मैदान में कूदे हुए हैं. बता दें कि टिकट न मिलने पर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष मुनीश मिश्रा ने भाजपा के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे.

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दूसरे प्रत्याशियों का समर्थन करने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की संस्तुति पर जिलाध्यक्ष ने सात पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
जानिए पूरा मामलादरअसल भाजपा द्वारा जिले की 28 जिला पंचायत सदस्य सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई थी. लिस्ट जारी होने के बाद जिले की भाजपा यूनिट के अंदर घमासान शुरू हो गया था. उम्मीदवारों का नाम लिस्ट में होने के बावजूद कई पदाधिकारियों के नाम काट दिए गए थे, जिस पर टिकट न मिलने से नाराज पदाधिकारियों ने पार्टी द्वारा घोषित अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ या तो अपनी पत्नी को निर्दलीय मैदान में उतार दिया है या फिर दूसरे प्रत्याशियों की मदद करनी शुरू कर दी. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ऐसे पदाधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिस पर भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र राजपूत ने बुधवार को सात पदाधिकारियों को अनुशासनहीन के मामले में पार्टी से निष्कासित कर दिया. इन पदाधिकारियों पर हुई कार्रवाईबीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की संस्तुति पर जिलाध्यक्ष नरेंद्र राजपूत ने बुधवार को भाजपा जिला उपाध्यक्ष मुनीष मिश्रा की पत्नी विनीता मिश्रा, युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष ओमकार शाक्य की पत्नी प्रिया शाक्य, पिछड़ा मोर्चा मंडल अध्यक्ष सुनील राजपूत की पत्नी सुशीला देवी, मंडल मंत्री रवि भदौरिया, प्रवेंद्र सिंह, सेक्टर प्रभारी सुनील कुशवाहा व पूर्व मंडल अध्यक्ष मदन अग्निहोत्री को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. भाजपा जिला उपाध्यक्ष ने लगाए थे गंभीर आरोपजिले के बहुचर्चित भाजपा नेता नीरज मिश्रा हत्याकांड पर उनके बड़े भाई मुनीश मिश्रा ने पत्नी विनीता मिश्रा को जिला पंचायत सदस्य का टिकट न मिलने पर भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि भाजपा उनके भाई नीरज मिश्रा की हत्या पर अपनी राजनीति रोटियां सेंकती है. हर मंच पर नीरज मिश्रा के नाम का इस्तेमाल करती है.

यूपी के सीएम भी उठा चुके हैं विधानसभा में नीरज हत्याकांड

इससे पूर्व में कुछ समय पहले सीएम योगी ने भी नीरज मिश्रा हत्याकांड का मुद्दा विधानसभा में उठाया था. उन्होंने कहा कि जिसने भाजपा के लिए शहादत दी. लेकिन उम्मीदवारों की सूची जारी होने पर नीरज मिश्रा की भाभी को ही पार्टी ने टिकट नहीं दिया. भाजपा जिला उपाध्यक्ष मुनीष मिश्रा की पत्नी ने जिला पंचायत सदस्य पद के लिए भाजपा के टिकट के लिए आवेदन किया था.

कैसे हुई थी नीरज की हत्या

दरअसल साल 2004 में लोक सभा चुनाव के दौरान फर्जी मतदान को लेकर सपा और भाजपा कार्यकर्ताओं में संघर्ष के बाद कसावा निवासी भाजपा नेता नीरज मिश्रा की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी. दूसरे दिन नीरज का सिर कटा शव ईशन नदी से बरामद हुआ था. मृतक के भाई सुनील मिश्रा ने पूर्व प्रधान बृजेंद्र स्वरूप उर्फ गांधी और कोतवाली में तैनात एक सिपाही समेत ग्राम कबीरगंज निवासी अशोक कुमार यादव, अवनीश कुमार यादव, सुनील कुमार यादव, मुन्नू यादव, पप्पू यादव, ग्राम मदारीपुर निवासी हरविलास यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

कन्नौज: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बीजेपी की ओर से टिकट न मिलने पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने और लड़वाने वाले पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं पर पार्टी ने बड़ी कार्रवाई की है. दूसरे प्रत्याशियों का समर्थन करने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की संस्तुति पर जिलाध्यक्ष ने सात पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. बताया जा रहा है कि अनुशासनहीनता के मामले में पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. जिलाध्यक्ष ने ऐसे सात पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित किया है जो स्वयं पदाधिकारी हैं या फिर उनका सीधा जुड़ाव किसी पदाधिकारी से और चुनाव में यह लोग भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के विरोध में चुनावी मैदान में कूदे हुए हैं. बता दें कि टिकट न मिलने पर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष मुनीश मिश्रा ने भाजपा के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे.

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दूसरे प्रत्याशियों का समर्थन करने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की संस्तुति पर जिलाध्यक्ष ने सात पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
जानिए पूरा मामलादरअसल भाजपा द्वारा जिले की 28 जिला पंचायत सदस्य सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई थी. लिस्ट जारी होने के बाद जिले की भाजपा यूनिट के अंदर घमासान शुरू हो गया था. उम्मीदवारों का नाम लिस्ट में होने के बावजूद कई पदाधिकारियों के नाम काट दिए गए थे, जिस पर टिकट न मिलने से नाराज पदाधिकारियों ने पार्टी द्वारा घोषित अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ या तो अपनी पत्नी को निर्दलीय मैदान में उतार दिया है या फिर दूसरे प्रत्याशियों की मदद करनी शुरू कर दी. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ऐसे पदाधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिस पर भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र राजपूत ने बुधवार को सात पदाधिकारियों को अनुशासनहीन के मामले में पार्टी से निष्कासित कर दिया. इन पदाधिकारियों पर हुई कार्रवाईबीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की संस्तुति पर जिलाध्यक्ष नरेंद्र राजपूत ने बुधवार को भाजपा जिला उपाध्यक्ष मुनीष मिश्रा की पत्नी विनीता मिश्रा, युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष ओमकार शाक्य की पत्नी प्रिया शाक्य, पिछड़ा मोर्चा मंडल अध्यक्ष सुनील राजपूत की पत्नी सुशीला देवी, मंडल मंत्री रवि भदौरिया, प्रवेंद्र सिंह, सेक्टर प्रभारी सुनील कुशवाहा व पूर्व मंडल अध्यक्ष मदन अग्निहोत्री को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. भाजपा जिला उपाध्यक्ष ने लगाए थे गंभीर आरोपजिले के बहुचर्चित भाजपा नेता नीरज मिश्रा हत्याकांड पर उनके बड़े भाई मुनीश मिश्रा ने पत्नी विनीता मिश्रा को जिला पंचायत सदस्य का टिकट न मिलने पर भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि भाजपा उनके भाई नीरज मिश्रा की हत्या पर अपनी राजनीति रोटियां सेंकती है. हर मंच पर नीरज मिश्रा के नाम का इस्तेमाल करती है.

यूपी के सीएम भी उठा चुके हैं विधानसभा में नीरज हत्याकांड

इससे पूर्व में कुछ समय पहले सीएम योगी ने भी नीरज मिश्रा हत्याकांड का मुद्दा विधानसभा में उठाया था. उन्होंने कहा कि जिसने भाजपा के लिए शहादत दी. लेकिन उम्मीदवारों की सूची जारी होने पर नीरज मिश्रा की भाभी को ही पार्टी ने टिकट नहीं दिया. भाजपा जिला उपाध्यक्ष मुनीष मिश्रा की पत्नी ने जिला पंचायत सदस्य पद के लिए भाजपा के टिकट के लिए आवेदन किया था.

कैसे हुई थी नीरज की हत्या

दरअसल साल 2004 में लोक सभा चुनाव के दौरान फर्जी मतदान को लेकर सपा और भाजपा कार्यकर्ताओं में संघर्ष के बाद कसावा निवासी भाजपा नेता नीरज मिश्रा की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी. दूसरे दिन नीरज का सिर कटा शव ईशन नदी से बरामद हुआ था. मृतक के भाई सुनील मिश्रा ने पूर्व प्रधान बृजेंद्र स्वरूप उर्फ गांधी और कोतवाली में तैनात एक सिपाही समेत ग्राम कबीरगंज निवासी अशोक कुमार यादव, अवनीश कुमार यादव, सुनील कुमार यादव, मुन्नू यादव, पप्पू यादव, ग्राम मदारीपुर निवासी हरविलास यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

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