कन्नौज: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बीजेपी की ओर से टिकट न मिलने पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने और लड़वाने वाले पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं पर पार्टी ने बड़ी कार्रवाई की है. दूसरे प्रत्याशियों का समर्थन करने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की संस्तुति पर जिलाध्यक्ष ने सात पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. बताया जा रहा है कि अनुशासनहीनता के मामले में पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. जिलाध्यक्ष ने ऐसे सात पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित किया है जो स्वयं पदाधिकारी हैं या फिर उनका सीधा जुड़ाव किसी पदाधिकारी से और चुनाव में यह लोग भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के विरोध में चुनावी मैदान में कूदे हुए हैं. बता दें कि टिकट न मिलने पर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष मुनीश मिश्रा ने भाजपा के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे.
यूपी के सीएम भी उठा चुके हैं विधानसभा में नीरज हत्याकांड
इससे पूर्व में कुछ समय पहले सीएम योगी ने भी नीरज मिश्रा हत्याकांड का मुद्दा विधानसभा में उठाया था. उन्होंने कहा कि जिसने भाजपा के लिए शहादत दी. लेकिन उम्मीदवारों की सूची जारी होने पर नीरज मिश्रा की भाभी को ही पार्टी ने टिकट नहीं दिया. भाजपा जिला उपाध्यक्ष मुनीष मिश्रा की पत्नी ने जिला पंचायत सदस्य पद के लिए भाजपा के टिकट के लिए आवेदन किया था.
कैसे हुई थी नीरज की हत्या
दरअसल साल 2004 में लोक सभा चुनाव के दौरान फर्जी मतदान को लेकर सपा और भाजपा कार्यकर्ताओं में संघर्ष के बाद कसावा निवासी भाजपा नेता नीरज मिश्रा की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी. दूसरे दिन नीरज का सिर कटा शव ईशन नदी से बरामद हुआ था. मृतक के भाई सुनील मिश्रा ने पूर्व प्रधान बृजेंद्र स्वरूप उर्फ गांधी और कोतवाली में तैनात एक सिपाही समेत ग्राम कबीरगंज निवासी अशोक कुमार यादव, अवनीश कुमार यादव, सुनील कुमार यादव, मुन्नू यादव, पप्पू यादव, ग्राम मदारीपुर निवासी हरविलास यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी.