कन्नौज: जिले में स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं. यहां मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला राजकीय मेडिकल कॉलेज में सामने आया है. मेडिकल कॉलेज में एक बुजुर्ग मरीज की इलाज के दौरान मौत होने पर परिजनों को न तो स्ट्रेचर मिला न ही एंबुलेंस मुहैया कराई गई. स्ट्रेचर व एंबुलेंस न मिलने पर थक हारकर परिजन शव को चादर में रखकर इमरजेंसी वार्ड से ट्रैक्टर तक ले गए. चादर से शव लेकर जाते समय किसी ने फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. मानवता को शर्मसार करने वाली फोटो वायरल होने के बाद जिम्मेदार मामला संज्ञान में न होने की बात कर पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं. मामला शनिवार की दोपहर का बताया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के मतौली गांव निवासी राम स्वरूप (70) की हालत बिगड़ने पर परिजनों ने शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. इलाज के दौरान बुजुर्ग की शनिवार को मौत हो गई. मौत की खबर से परिवार में कोहराम मच गया. लिखा-पढ़ी के बाद मेडिकल कॉलेज के स्टाफ ने परिजनों को शव सौंप दिया. इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने शव को वार्ड से बाहर ले जाने के लिए न तो स्ट्रेचर दिया और न ही घर तक जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया कराई. परिजन शव को वार्ड से बाहर ले जाने के लिए स्ट्रेचर के लिए इधर-उधर भटकते रहे, लेकिन किसी भी स्वास्थ्य कर्मी ने स्टेचर मुहैया कराने की जहमत तक नहीं उठाई.
इसे भी पढ़ें:- कोरोना महामारी पर आस्था भारी, फर्रुखाबाद और कन्नौज में प्रोटोकॉल की उड़ी धज्जियां
चादर पर रखकर शव को ले गए बाहर
आखिरकार थक हार कर परिजनों ने चादर को ही स्ट्रेचर बनाकर उस पर शव को रखकर बाहर ले आए. इस दौरान परिजनों को इमरजेंसी वार्ड के बाहर भी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा. शव को घर तक ले जाने के लिए एंबुलेंस न मिलने पर परिजनों ने गांव से ट्रैक्टर मांगवाया. ट्रैक्टर आने के बाद परिजन शव को उसमें रखकर घर ले गए.
सोशल मीडिया पर वायरल हुई फोटो
इमरजेंसी वार्ड से चादर में शव को लेकर जाने के दौरान किसी व्यक्ति ने फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. मेडिकल कॉलेज में मानवता को शर्मसार करने वाली फोटो वायरल होने पर एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं.
क्या बोले सीएमएस
मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. दिलीप सिंह का कहना है कि मृतक को स्ट्रेचर व एंबुलेंस न दिए जाने वाले मामले की जानकारी नहीं है. अगर ऐसा कुछ है तो मामले की जांच कराकर लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त स्ट्रेचर की व्यवस्था है. मरीजों को असुविधा न हो इसके लिए वार्ड ब्वॉय भी लगाए गए हैं. शव वाहन भी इमरजेंसी वार्ड के बाहर खड़ा रहता है. मृतक के परिजनों द्वारा डिमांड करने पर भेजी जाती है.