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2700 हेक्टेयर भूमि पर रोपे जाएंगे 21 लाख पौधे, गंगा किनारे बनेगा रामायण वन - Ramayana forest will be built on gange bank

यूपी के कासगंज में विश्व पर्यावरण दिवस पर डीएम ने 2700 हेक्टेयर भूमि पर 21 लाख पौधों को रोपित करने का संकल्प लिया है. इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

गंगा के किनारे बनेगा रामायण वन
गंगा के किनारे बनेगा रामायण वन
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Published : Jun 5, 2021, 9:52 PM IST

Updated : Jun 5, 2021, 11:05 PM IST

कासगंज: जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह के अथक प्रयासों से कासगंज में देश का पहला गंगा ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किया गया है. इसके बाद विश्व पर्यावरण दिवस पर कासगंज डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने 2700 हेक्टेयर भूमि पर 21 लाख पौधों को रोपित करने का संकल्प लिया है.

देश का पहला 9 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाने के बाद कासगंज डीएम ने गंगा के किनारे रामायण वन बनाने का और जिले भर में 2700 हेक्टेयर भूमि पर 21 लाख पौधे रोपित करने का संकल्प लिया है. इसके लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इससे पहले कासगंज में वर्ष 2019 में नमामि गंगे परियोजना के तहत लगभग 97 हेक्टेयर भूमि पर गंगा वन स्थापित किया जा चुका है. गंगा वन में औषधीय पौधों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के 1 लाख 11 हजार पौधों को रोपित किया जा चुका है. उसके बाद 2020 में गंगा से सटी 315 हेक्टेयर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराकर वन विभाग द्वारा 3 लाख 51 हजार पौधों को रोपित किया गया है. यह देश का पहला सबसे बड़ा ग्रीन कॉरिडोर होगा, जो गंगा के किनारे दोनों आरक्षित वन क्षेत्रों को जोड़ने का काम करेगा.

कासगंज के जिला वन्य अधिकारी दिवाकर वशिष्ठ के अनुसार कासगंज के प्रभारी मंत्री और वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल शर्मा ने कासगंज के गंगा वन और भगीरथ वन के मॉडल को प्रदेश के 27 गंगा के किनार बसे शहरों में लागू करने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत भेजा है.

कासगंज: जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह के अथक प्रयासों से कासगंज में देश का पहला गंगा ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किया गया है. इसके बाद विश्व पर्यावरण दिवस पर कासगंज डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने 2700 हेक्टेयर भूमि पर 21 लाख पौधों को रोपित करने का संकल्प लिया है.

देश का पहला 9 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाने के बाद कासगंज डीएम ने गंगा के किनारे रामायण वन बनाने का और जिले भर में 2700 हेक्टेयर भूमि पर 21 लाख पौधे रोपित करने का संकल्प लिया है. इसके लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इससे पहले कासगंज में वर्ष 2019 में नमामि गंगे परियोजना के तहत लगभग 97 हेक्टेयर भूमि पर गंगा वन स्थापित किया जा चुका है. गंगा वन में औषधीय पौधों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के 1 लाख 11 हजार पौधों को रोपित किया जा चुका है. उसके बाद 2020 में गंगा से सटी 315 हेक्टेयर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराकर वन विभाग द्वारा 3 लाख 51 हजार पौधों को रोपित किया गया है. यह देश का पहला सबसे बड़ा ग्रीन कॉरिडोर होगा, जो गंगा के किनारे दोनों आरक्षित वन क्षेत्रों को जोड़ने का काम करेगा.

कासगंज के जिला वन्य अधिकारी दिवाकर वशिष्ठ के अनुसार कासगंज के प्रभारी मंत्री और वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल शर्मा ने कासगंज के गंगा वन और भगीरथ वन के मॉडल को प्रदेश के 27 गंगा के किनार बसे शहरों में लागू करने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत भेजा है.

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Last Updated : Jun 5, 2021, 11:05 PM IST
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