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कोविड से लड़ रहे लोगों को जिंदगी देने की अनूठी पहल

देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच झांसी में कुछ युवाओं ने मिलकर एक अनोखी पहल की है, जिससे वो लोगों की जान बचा रहे हैं. ये युवा कोरोना से ठीक हुए मरीजों को ढूंढ कर उसे प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित करते हैं.

प्लाज्मा डोनेट करने के लिए अनोखी पहल
प्लाज्मा डोनेट करने के लिए अनोखी पहल
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Published : May 3, 2021, 10:27 AM IST

झांसी: दुनिया में बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जो इंसानियत को बचाए रखने की मुहिम में जी जान से जुटे हैं. झांसी में भारत विकास परिषद की विवेकानंद शाखा ने कोविड मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए प्लाज्मा हेल्पलाइन नम्बर की शुरुआत की है. प्लाज्मा की जरूरत पड़ने पर पहले इस संस्था के लोग अपने सदस्यों से सम्पर्क करते हैं और मरीज को प्लाज्मा दिलाने की कोशिश करते हैं. यदि संस्था के लोगों के पास प्लाज्मा उपलब्ध नहीं होता है तो ये लोग कोविड से उबर चुके लोगों को फोन करके उन्हें प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित करते हैं.

अब तक 125 लोगों की जान बचाई जा चुकी है

संस्था के लोगों का कहना है कि यह अभियान पूरी तरह से नि:शुल्क है. औसतन हर रोज तीस से चालीस लोगों के फोन प्लाज्मा के लिए आते हैं और अब तक 125 लोगों की जान बचाई जा चुकी है.

पढ़ें: झांसी: टोल कम्पनी जानवरों के सींगों पर लगा रही रेडियम, कम होंगी दुर्घटनाएं

इस अनोखी पहल को पूरे देश में शुरू करना चाहते हैं नीरज

संस्था के सचिव नीरज सिंह इस पहल को पूरे देश में शुरू करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों की मदद के लिए फेसबुक पर एक पेज भी बनाया गया है, जिसके माध्यम से लोग सम्पर्क कर सकते हैं. संस्था में नीरज, निशांत, गौरव जैसे सदस्यों की टीम है, जिसने पिछले वर्ष भी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों के बीच जाकर उन्हें भोजन, चप्पलें और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराने का काम काफी समय तक किया था.

झांसी: दुनिया में बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जो इंसानियत को बचाए रखने की मुहिम में जी जान से जुटे हैं. झांसी में भारत विकास परिषद की विवेकानंद शाखा ने कोविड मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए प्लाज्मा हेल्पलाइन नम्बर की शुरुआत की है. प्लाज्मा की जरूरत पड़ने पर पहले इस संस्था के लोग अपने सदस्यों से सम्पर्क करते हैं और मरीज को प्लाज्मा दिलाने की कोशिश करते हैं. यदि संस्था के लोगों के पास प्लाज्मा उपलब्ध नहीं होता है तो ये लोग कोविड से उबर चुके लोगों को फोन करके उन्हें प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित करते हैं.

अब तक 125 लोगों की जान बचाई जा चुकी है

संस्था के लोगों का कहना है कि यह अभियान पूरी तरह से नि:शुल्क है. औसतन हर रोज तीस से चालीस लोगों के फोन प्लाज्मा के लिए आते हैं और अब तक 125 लोगों की जान बचाई जा चुकी है.

पढ़ें: झांसी: टोल कम्पनी जानवरों के सींगों पर लगा रही रेडियम, कम होंगी दुर्घटनाएं

इस अनोखी पहल को पूरे देश में शुरू करना चाहते हैं नीरज

संस्था के सचिव नीरज सिंह इस पहल को पूरे देश में शुरू करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों की मदद के लिए फेसबुक पर एक पेज भी बनाया गया है, जिसके माध्यम से लोग सम्पर्क कर सकते हैं. संस्था में नीरज, निशांत, गौरव जैसे सदस्यों की टीम है, जिसने पिछले वर्ष भी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों के बीच जाकर उन्हें भोजन, चप्पलें और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराने का काम काफी समय तक किया था.

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