झांसी: कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लागू होने और उसके बाद हुई लोगों की वापसी की स्थिति के बीच बुन्देलखण्ड में हुए पलायन की व्यापक स्तर पर चर्चा हुई. जानकार यह दावा करते हैं कि जालौन और हमीरपुर जनपदों की दो विधानसभा सीटें परिसीमन के दौरान आबादी का घनत्व कम होने के कारण खत्म हो गईं. जानकार मानते हैं कि उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों की तुलना में बुन्देलखण्ड की आबादी का घनत्व पलायन के कारण कम होने की वजह से ये सीटें परिसीमन के दौरान कम हो गईं हैं.
30 लाख लोगों के पलायन का दावा
बुन्देलखण्ड महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बाबू लाल तिवारी बताते हैं कि उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड में 21 विधानसभा सीटें थीं. जब परिसीमन हुआ तो पलायन के कारण यहां दो सीटें कम कर दी गईं, क्योंकि यहां जनसंख्या ही नहीं रह गई थी. उन्होंने बताया कि एक मौदहा सीट है और दूसरी कोंच है. डॉ. बाबू लाल तिवारी ने बताया कि बुन्देलखण्ड से कम से कम 30 लाख लोग पलायन कर चुके थे. कोरोना महामारी के कारण इनमें से बहुत सारे लोग वापस आ रहे हैं, जिनकी वापसी का सिलसिला अभी जारी ही है.
पलायन के चलते घटी बुन्देलखण्ड की जनसंख्या
कांग्रेस पार्टी की पंचायत चुनाव समिति के केंद्रीय सदस्य डॉ. सुनील तिवारी ने बताया कि यह बात बिल्कुल सही है कि पलायन हुआ है. पलायन होने के साथ-साथ यहां की जनसंख्या भी कम हुई है. जो प्रवासी यहां से पलायन कर गए, उन्हें जनगणना में शामिल नहीं किया गया. इन्हें जनगणना में शामिल नहीं करने के कारण बुन्देलखण्ड में पहले 21 सीटें होती थीं, जो कि घटकर 19 रह गई हैं. इनमें एक कोंच और दूसरी मौदहा की सीट कम हुई है.