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रेमडेसिवीर की कालाबाजारी करने वाले मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी सहित सात गिरफ्तार

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Published : May 1, 2021, 9:41 PM IST

झांसी में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले सात लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. एसएसपी रोहन पी कनय के मुताबिक इंजेक्शन की कालाबाजारी का गोरखधंधा मेडिकल कॉलेज से चल रहा था. इसमें मेडिकल स्टोर और नर्सिंग होम का स्टॉफ भी शामिल था.

रेमडेसिवीर की कालाबाजारी
रेमडेसिवीर की कालाबाजारी

झांसी: जिले के नवाबाद थाना पुलिस और एसओजी ने अस्पताल से चोरी कर और नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन की बिक्री करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस गिरोह के सात सदस्यों को शनिवार को गिरफ्तार किया है. पुलिस की गिरफ्त में आये अभी आरोपी मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पतालों के कर्मचारी हैं. आरोपियों के पास से नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन सहित कई मेडिकल उपकरण और नकदी बरामद हुए हैं.

मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी सहित सात गिरफ्तार.

ये लोग हुए गिरफ्तार
पुलिस ने जिन सातों लोगों को पकड़ा है, उनमें से जमुना प्रसाद और मनीष पाल मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स और वार्ड बॉय हैं. सचिन प्रजापति सन्मति अस्पताल में कंपाउंडर है. हिमांशु समाधिया जैनया नर्सिंग होम में और मानवेन्द्र पटेल मानस हॉस्पिटल में कंपाउंडर है. हरेंद्र पटेल मानस हॉस्पिटल में सुपरवाइजर है. इनके अलावा विशाल बिरथरे नाम का आरोपी भी गिरफ्तार हुआ है.

रेमडेसिवीर की कालाबाजारी
रेमडेसिवीर की कालाबाजारी.

पुलिस पूछताछ में दी जानकारी

जमुना प्रसाद और मनीष ने पुलिस को बताया कि मेडिकल कॉलेज में जब किसी मरीज की इलाज के दौरान मौत हो जाती थी तो उसके लिए आये रेमडेसिवीर इंजेक्शन को वो लोग छिपा लेते थे और उसे बाहर ले जाकर जरूरतमंद को तीस से चालीस हजार रुपये में बेच देते थे. सचिन ने बताया कि वह रेमडेसिवीर की खाली शीशी में तरल पदार्थ भरकर तीस से चालीस हजार रुपये में बेचता था. विशाल, हिमांशु और हरेंद्र भी अस्पताल से खाली शीशी लाकर उसमें तरल पदार्थ भरकर तीस से चालीस हजार में रेमडेसिवीर के नाम पर बेचा करते थे. विशाल बिरथरे भी इस काम में इन लोगों का सहयोग करता था. इस गिरोह में राजेंद्र कुशवाहा भी शामिल है, जिसकी अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है.

इसे भी पढ़ें-सीएम योगी का निर्देश, मरीजों के परिजनों के साथ करें संवेदनशील व्यवहार

दो लाख तीस हजार रुपये नकदी हुई बरामद
पुलिस ने आरोपियों के पास से दो असली रेमडेसिवीर इंजेक्शन, छह नकली रेमडेसिवीर, एक अधबना नकली रेमडेसिवीर सहित डिस्पोजेबल सिरिंज, प्लास्टिक और कांच की छोटी शीशियां, एंटीजेन कोरोना रैपिड टेस्ट किट सील पैक और दो लाख तीस हजार रुपये नकदी बरामद किया है.

ड्रग की कालाबाजारी को लेकर कई शिकायतें मिल रही थीं. हमने दो तरह के गैंग के लोगों को पकड़ा है. एक गैंग अस्पताल में वेंटिलेटर पर पड़े मरीज की रेमडेसिवीर गायब कर बाहर ऊंचे दामों पर बेचता था. दूसरा गैंग रेमडेसिवीर की खाली शीशी में स्टीरॉयड और डिस्टिल वाटर भरकर उसे असली बताकर बेचता था.
-रोहन पी कनय, एसएसपी

झांसी: जिले के नवाबाद थाना पुलिस और एसओजी ने अस्पताल से चोरी कर और नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन की बिक्री करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस गिरोह के सात सदस्यों को शनिवार को गिरफ्तार किया है. पुलिस की गिरफ्त में आये अभी आरोपी मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पतालों के कर्मचारी हैं. आरोपियों के पास से नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन सहित कई मेडिकल उपकरण और नकदी बरामद हुए हैं.

मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी सहित सात गिरफ्तार.

ये लोग हुए गिरफ्तार
पुलिस ने जिन सातों लोगों को पकड़ा है, उनमें से जमुना प्रसाद और मनीष पाल मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स और वार्ड बॉय हैं. सचिन प्रजापति सन्मति अस्पताल में कंपाउंडर है. हिमांशु समाधिया जैनया नर्सिंग होम में और मानवेन्द्र पटेल मानस हॉस्पिटल में कंपाउंडर है. हरेंद्र पटेल मानस हॉस्पिटल में सुपरवाइजर है. इनके अलावा विशाल बिरथरे नाम का आरोपी भी गिरफ्तार हुआ है.

रेमडेसिवीर की कालाबाजारी
रेमडेसिवीर की कालाबाजारी.

पुलिस पूछताछ में दी जानकारी

जमुना प्रसाद और मनीष ने पुलिस को बताया कि मेडिकल कॉलेज में जब किसी मरीज की इलाज के दौरान मौत हो जाती थी तो उसके लिए आये रेमडेसिवीर इंजेक्शन को वो लोग छिपा लेते थे और उसे बाहर ले जाकर जरूरतमंद को तीस से चालीस हजार रुपये में बेच देते थे. सचिन ने बताया कि वह रेमडेसिवीर की खाली शीशी में तरल पदार्थ भरकर तीस से चालीस हजार रुपये में बेचता था. विशाल, हिमांशु और हरेंद्र भी अस्पताल से खाली शीशी लाकर उसमें तरल पदार्थ भरकर तीस से चालीस हजार में रेमडेसिवीर के नाम पर बेचा करते थे. विशाल बिरथरे भी इस काम में इन लोगों का सहयोग करता था. इस गिरोह में राजेंद्र कुशवाहा भी शामिल है, जिसकी अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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दो लाख तीस हजार रुपये नकदी हुई बरामद
पुलिस ने आरोपियों के पास से दो असली रेमडेसिवीर इंजेक्शन, छह नकली रेमडेसिवीर, एक अधबना नकली रेमडेसिवीर सहित डिस्पोजेबल सिरिंज, प्लास्टिक और कांच की छोटी शीशियां, एंटीजेन कोरोना रैपिड टेस्ट किट सील पैक और दो लाख तीस हजार रुपये नकदी बरामद किया है.

ड्रग की कालाबाजारी को लेकर कई शिकायतें मिल रही थीं. हमने दो तरह के गैंग के लोगों को पकड़ा है. एक गैंग अस्पताल में वेंटिलेटर पर पड़े मरीज की रेमडेसिवीर गायब कर बाहर ऊंचे दामों पर बेचता था. दूसरा गैंग रेमडेसिवीर की खाली शीशी में स्टीरॉयड और डिस्टिल वाटर भरकर उसे असली बताकर बेचता था.
-रोहन पी कनय, एसएसपी

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