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झांसी: इस अंदाज में मनाई जाएगी रानी लक्ष्मीबाई और गंगाधर राव के विवाह की वर्षगांठ

रानी लक्ष्मीबाई और गंगाधर राव का विवाह 19 मई को झांसी के जिस गणेश मंदिर में हुआ था, उसी स्थान पर 19 मई को सामाजिक सहयोग से एक कन्या का विवाह कराया जाएगा. इस कार्यक्रम में झांसी के विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के लोग अपनी हिस्सेदारी निभाएंगे.

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Published : May 18, 2019, 10:59 PM IST

19 मई मनाई जाएगी रानी लक्ष्मीबाई और गंगाधर राव के विवाह की वर्षगांठ.

झांसी : वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की शादी की 177वीं वर्षगांठ 19 मई को इस बार फिर धूमधाम से मनाई जाएगी. इस दिन को यादगार बनाने के लिए झांसी में कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. जिस गणेश मंदिर में रानी लक्ष्मीबाई और गंगाधर राव का विवाह हुआ था, उसी स्थान पर 19 मई को सामाजिक सहयोग से एक गरीब कन्या का विवाह कराया जाएगा.

19 मई मनाई जाएगी रानी लक्ष्मीबाई और गंगाधर राव के विवाह की वर्षगांठ.

19 मई 1842 को हुई था रानी लक्ष्मीबाई का विवाह

बैसाख शुक्ल दशमी संवत 1899 (19 मई 1842) को रानी लक्ष्मीबाई का विवाह झांसी के राजा गंगाधर राव के साथ संपन्न हुआ था. शादी समारोह वैवाहिक कार्यक्रम शहर में पानी वाली धर्मशाला के निकट स्थित प्राचीन गणेश मंदिर में आयोजित किए गए थे.

शादी के पत्र से मालूम हुई तिथि

रानी के विवाह की तिथि की जानकारी उनकी शादी के निमंत्रण पत्र से हुई. यह पत्रिका गंगाधर राव के पिता सदाशिव नारायण की ओर से दतिया नरेश को भेजी गई थी वर्ष 2016 में इतिहास के इस महत्वपूर्ण दस्तावेज के सामने आने पर रानी की शादी की 174वीं वर्षगांठ आयोजित की गई थी.

19 मई को होगा भव्य आयोजन

पहली बार हुए इस आयोजन में शहर के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. महाराष्ट्र गणेश मंदिर कमेटी की इस बार और भी भव्य आयोजन की तैयारी है. 19 मई के दिन एक भव्य बारात निकाली जाएगी, जिसमें महाराज गंगाधर राव के साथ कई राजाओं की झांकियां भी देखने को मिलेंगी. इस बारात में झांसी के विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के लोग अपनी हिस्सेदारी निभाएंगे.

गरीब कन्या का होगा विवाह

इस बारात में झांसी के विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के लोग अपनी हिस्सेदारी निभाएंगे. इस बारात में झांसी के विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के लोग अपनी हिस्सेदारी निभाएंगे. इसके साथ ही महाराष्ट्र गणेश मंदिर में 19 मई को सामाजिक सहयोग से एक गरीब कन्या का विवाह कराया जाएगा.

महाराष्ट्र गणेश मंदिर झांसी के पुजारी विश्राम तांबे का कहना है कि इस आयोजन का इतिहास यह है कि लोगों को इस इतिहास की जानकारी मिले कि 19 मई को रानी लक्ष्मीबाई और गंगाधर राव का विवाह हुआ था. इस कार्यक्रम में एक गरीब परिवार की लड़की का विवाह संपन्न किया जा रहा है. हर साल इसी तरह एक गरीब परिवार की कन्या का विवाह करने का निर्णय लिया गया है.

झांसी : वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की शादी की 177वीं वर्षगांठ 19 मई को इस बार फिर धूमधाम से मनाई जाएगी. इस दिन को यादगार बनाने के लिए झांसी में कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. जिस गणेश मंदिर में रानी लक्ष्मीबाई और गंगाधर राव का विवाह हुआ था, उसी स्थान पर 19 मई को सामाजिक सहयोग से एक गरीब कन्या का विवाह कराया जाएगा.

19 मई मनाई जाएगी रानी लक्ष्मीबाई और गंगाधर राव के विवाह की वर्षगांठ.

19 मई 1842 को हुई था रानी लक्ष्मीबाई का विवाह

बैसाख शुक्ल दशमी संवत 1899 (19 मई 1842) को रानी लक्ष्मीबाई का विवाह झांसी के राजा गंगाधर राव के साथ संपन्न हुआ था. शादी समारोह वैवाहिक कार्यक्रम शहर में पानी वाली धर्मशाला के निकट स्थित प्राचीन गणेश मंदिर में आयोजित किए गए थे.

शादी के पत्र से मालूम हुई तिथि

रानी के विवाह की तिथि की जानकारी उनकी शादी के निमंत्रण पत्र से हुई. यह पत्रिका गंगाधर राव के पिता सदाशिव नारायण की ओर से दतिया नरेश को भेजी गई थी वर्ष 2016 में इतिहास के इस महत्वपूर्ण दस्तावेज के सामने आने पर रानी की शादी की 174वीं वर्षगांठ आयोजित की गई थी.

19 मई को होगा भव्य आयोजन

पहली बार हुए इस आयोजन में शहर के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. महाराष्ट्र गणेश मंदिर कमेटी की इस बार और भी भव्य आयोजन की तैयारी है. 19 मई के दिन एक भव्य बारात निकाली जाएगी, जिसमें महाराज गंगाधर राव के साथ कई राजाओं की झांकियां भी देखने को मिलेंगी. इस बारात में झांसी के विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के लोग अपनी हिस्सेदारी निभाएंगे.

गरीब कन्या का होगा विवाह

इस बारात में झांसी के विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के लोग अपनी हिस्सेदारी निभाएंगे. इस बारात में झांसी के विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के लोग अपनी हिस्सेदारी निभाएंगे. इसके साथ ही महाराष्ट्र गणेश मंदिर में 19 मई को सामाजिक सहयोग से एक गरीब कन्या का विवाह कराया जाएगा.

महाराष्ट्र गणेश मंदिर झांसी के पुजारी विश्राम तांबे का कहना है कि इस आयोजन का इतिहास यह है कि लोगों को इस इतिहास की जानकारी मिले कि 19 मई को रानी लक्ष्मीबाई और गंगाधर राव का विवाह हुआ था. इस कार्यक्रम में एक गरीब परिवार की लड़की का विवाह संपन्न किया जा रहा है. हर साल इसी तरह एक गरीब परिवार की कन्या का विवाह करने का निर्णय लिया गया है.

Intro:झांसी. रानी लक्ष्मीबाई और गंगाधर राव का विवाह 19 मई को हुआ था। इस दिन को यादगार बनाने के लिए झांसी में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। जिस गणेश मंदिर में रानी लक्ष्मी बाई और गंगाधर राव का विवाह हुआ था, उसी स्थान पर 19 मई को सामाजिक सहयोग से एक कन्या का विवाह कराया जाएगा। इसके साथ ही कई अन्य तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे।


Body:19 मई के दिन एक भव्य बारात निकाली जाएगी जिसमें महाराज गंगाधर राव के साथ आसपास के कई राजाओं की झांकियां भी देखने को मिलेंगी। इस बारात में बुंदेली और मराठी संस्कृति का मिला जुला रूप देखने को मिलेगा। इस बारात में झांसी के विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के लोग अपनी हिस्सेदारी निभाएंगे। पिछले कुछ वर्षों से आयोजित हो रहे इस खास आयोजन में लोग बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।





Conclusion:महाराष्ट्र गणेश मंदिर झांसी के पुजारी विश्राम तांबे बताते हैं कि इस आयोजन का इतिहास यह है कि लोगो को इस इतिहास की जानकारी मिले कि 19 को इनका विवाह संपन्न हुआ था। कुछ लोगों ने विरोध भी किया था। इस 19 को एक गरीब परिवार की लड़की का विवाह संपन्न किया जा रहा है। हर साल इसी तरह गरीब परिवार की कन्या का विवाह करने का निर्णय लिया गया है।

बाइट - विश्राम तांबे - पुजारी, महाराष्ट्र गणेश मंदिर

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045
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