झांसीः उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मण्डल में कई स्थानों पर पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट यानी पीपीई के कवर ऑल बनाने का काम चल रहा है. कवर ऑल पीपीई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिसे रेलवे तैयार कर रहा है. पीपीई किट तैयार करने में इसका उपयोग होता है. झांसी रेलवे अस्पताल ने 14 अप्रैल को प्रायोगिक तौर पर बने दो कवर ऑल को उपयुक्त माना था, जिसके बाद से इन्हें बनाने का काम शुरू हुआ है.
एक अनुमान के मुताबिक अभी तक झांसी और ग्वालियर के रेलवे कारखाने में 2500 से अधिक कवर ऑल तैयार किये जा चुके हैं. उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मण्डल और रेलवे कारखानों में तैयार हो रहे इन कवर ऑल का उपयोग पीपीई किट तैयार करने में किया जा रहा है. जरूरत के मुताबिक इनकी संबंधित संस्थाओं को आपूर्ति भी की जा रही है.
झांसी मण्डल के जन सम्पर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मुख्य कारखाना में इन कवर ऑल का निर्माण किया जा रहा है. झांसी के अलावा उत्तर मध्य रेलवे के कई अन्य स्थानों पर भी इनका निर्माण हो रहा है. जहां इनकी जरूरत होती है. वहां इनकी आपूर्ति कराई जाती है. झांसी में इनके प्रोडक्शन का काम चल रहा है.
झांसी रेलवे के कारखाने में तैयार किये जा रहे हैं पीपीई के कवर ऑल - पीपीई के कवर ऑल
यूपी के झांसी मण्डल के रेलवे कारखानों में 2500 से अधिक पीपीई के कवर ऑल तैयार किये जा चुके हैं. इनका उपयोग पीपीई किट तैयार करने में किया जा रहा है.
झांसीः उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मण्डल में कई स्थानों पर पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट यानी पीपीई के कवर ऑल बनाने का काम चल रहा है. कवर ऑल पीपीई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिसे रेलवे तैयार कर रहा है. पीपीई किट तैयार करने में इसका उपयोग होता है. झांसी रेलवे अस्पताल ने 14 अप्रैल को प्रायोगिक तौर पर बने दो कवर ऑल को उपयुक्त माना था, जिसके बाद से इन्हें बनाने का काम शुरू हुआ है.
एक अनुमान के मुताबिक अभी तक झांसी और ग्वालियर के रेलवे कारखाने में 2500 से अधिक कवर ऑल तैयार किये जा चुके हैं. उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मण्डल और रेलवे कारखानों में तैयार हो रहे इन कवर ऑल का उपयोग पीपीई किट तैयार करने में किया जा रहा है. जरूरत के मुताबिक इनकी संबंधित संस्थाओं को आपूर्ति भी की जा रही है.
झांसी मण्डल के जन सम्पर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मुख्य कारखाना में इन कवर ऑल का निर्माण किया जा रहा है. झांसी के अलावा उत्तर मध्य रेलवे के कई अन्य स्थानों पर भी इनका निर्माण हो रहा है. जहां इनकी जरूरत होती है. वहां इनकी आपूर्ति कराई जाती है. झांसी में इनके प्रोडक्शन का काम चल रहा है.