झांसीः एनएसयूआई के बुन्देलखण्ड प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक प्रताप ने सोमवार को बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय मेंं कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपा. कुलपति के नाम ज्ञापन में विश्वविद्यालय के आदेश का हवाला देते हुए परीक्षा शुल्क के नाम पर ली जाने वाली धनराशि को माफ किये जाने की मांग की.
कुलपति को संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है. ऐसी स्थिति में कोविड 19 ने सभी वर्गों की कमर तोड़ रखी है. बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परीक्षा शुल्क के नाम पर 1500 और 2500 रुपये छात्रों से जमा करवाएगा. ऐसे में अधिकांश विद्यार्थी इसे देने में असमर्थ हैं.
एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक प्रताप ने बताया कि ललितपुर, झांसी और जालौन के छात्र फोन करके मदद की गुहार लगा रहे हैं. बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में करीब 5 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं. यदि कुलपति परीक्षा शुल्क में राहत देते हैं तो, इसका लाभ सीधे-सीधे बुन्देलखण्ड के 5 लाख से ज्यादा परिवारों को मिलेगा.
झांसीः परीक्षा शुल्क माफी के लिए एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन - covid 19
एनएसयूआई के बुन्देलखण्ड प्रदेश उपाध्यक्ष ने बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति से छात्रों की परीक्षा शुल्क माफ करने की मांग की है. उनका कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सभी छात्र परीक्षा शुल्क देने में असमर्थ है. ऐसे में विश्वविद्यालय परीक्षा शुल्क को माफ कर दे.
झांसीः एनएसयूआई के बुन्देलखण्ड प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक प्रताप ने सोमवार को बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय मेंं कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपा. कुलपति के नाम ज्ञापन में विश्वविद्यालय के आदेश का हवाला देते हुए परीक्षा शुल्क के नाम पर ली जाने वाली धनराशि को माफ किये जाने की मांग की.
कुलपति को संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है. ऐसी स्थिति में कोविड 19 ने सभी वर्गों की कमर तोड़ रखी है. बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परीक्षा शुल्क के नाम पर 1500 और 2500 रुपये छात्रों से जमा करवाएगा. ऐसे में अधिकांश विद्यार्थी इसे देने में असमर्थ हैं.
एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक प्रताप ने बताया कि ललितपुर, झांसी और जालौन के छात्र फोन करके मदद की गुहार लगा रहे हैं. बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में करीब 5 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं. यदि कुलपति परीक्षा शुल्क में राहत देते हैं तो, इसका लाभ सीधे-सीधे बुन्देलखण्ड के 5 लाख से ज्यादा परिवारों को मिलेगा.