झांसी: महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में बने कोविड अस्पताल में इलाज के दौरान कोरोना संक्रमित की मौत हो गई थी. वहीं संक्रमित मरीज के मरने से पहले वायरल हुए वीडियो के मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने लिखित बयान जारी कर सफाई दी है. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने लापरवाही के आरोपों को नकारा है.
कोरोना संक्रमित ने वायरल वीडियो में आरोप लगाया था कि यहां देखभाल और इलाज की व्यवस्थाएं खराब हैं और पानी तक पीने को नहीं मिल रहा है. वीडियो वायरल करने वाले मरीज की सोमवार को मौत हो गई थी. मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. साधना कौशिक ने जारी लिखित बयान में कहा है कि मरीज संजय को मेडिकल कॉलेज में 19 जुलाई को सांस में तकलीफ और बुखार के साथ भर्ती किया गया था, लेकिन ऑक्सीजन लगाकर इलाज शुरू किया गया.
23 जुलाई को संजय की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई. संजय मधुमेह से पीड़ित थे और एक्सरे में एआरडीएस के चेंजेज बढ़ रहे थे. इसे देखते हुए उन्हें 26 जुलाई को इंजेक्शन टॉक्लीजूमेब लगाया गया और इंजेक्शन रेमडेशिविर चालू कर दिया गया. प्रधानाचार्य के मुताबिक गिर रहे ऑक्सीजन सेचुरेशन के कारण संजय को वेंटिलेटर पर डालना पड़ा. पहले सीपैप वेंटिलेटर लगाया गया और इस पर भी ऑक्सीजन की कमी पूरी नहीं हुई तो इनवेसिव वेंटिलेटर लगाया गया.
जारी पत्र में कहा है कि देखभाल और जरूरी इलाज के बावजूद 27 जुलाई की दोपहर संजय की मौत हो गई. प्रधानाचार्य के मुताबिक इलाज के दौरान वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. क्षितिज से मृतक संजय के तीमारदार की छह बार बातचीत हुई. प्रधानाचार्य के मुताबिक इस वायरल वीडियो से चिकित्सकजन आहत हैं, क्योंकि वे खुद की और परिवार की परवाह किये बिना नियमित रूप से दिन-रात कोविड पॉजिटिव मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं.