झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद में एक तेंदुआ बोरवेल में गिर गया था. वन विभाग द्वारा चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में उसको सकुशल बाहर निकाल लिया गया है. हालांकि इसमें वन विभाग को 15 घंटे का समय लगा और इटावा लॉयन सफारी की टीम को भी बुलाना पड़ा. माना जा रहा है कि तेंदुआ शिकार का पीछा करते या फिर अंधेरे में दिखाई न देने की वजह से कुएंनुमा बोरवेल में गिर गया. इससे उसके पैर में चोट भी आई है.
मामला झांसी के चिरगांव थाना क्षेत्र के पचार गांव का है. सोमवार की दोपहर खेत में बने बोरवेल में एक तेंदुआ गिर गया था. सूचना मिलने के कुछ समय बाद ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तेंदुए को बाहर निकालने के प्रयास में जुट गई थी. बोरवेल में गिरे तेंदुए को कोई व्यक्ति नुकसान न पहुंचाए, इसके लिए सबसे पहले तेंदुए को सुरक्षा घेरे में लिया गया.
वन विभाग के डीएफओ एमपी गौतम ने बताया कि बोरवेल की गहराई लगभग 20 से 22 फीट है. इस कारण इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद तेंदुआ घायल हो गया. उसके पैरों में चोट आई है. उनकी पहली प्राथमिकता तेंदुए को सुरक्षित रखना थी. क्योंकि, मौके पर ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी. इसके लिए उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से झांसी जिले के कप्तान राजेश एस से फोन पर बात की और उन्होंने संबंधित थाने का पुलिस फोर्स भेजकर भीड़ को दूर किया.
सबसे पहले वन विभाग की झांसी की टीम ने तेंदुए को बाहर निकालने के लिए सीढ़ी का उपयोग किया. लेकिन, तेंदुए के पैर में चोट होने के कारण उसको नहीं निकाला जा सका. इस पर उन्होंने लखनऊ के उच्चाधिकारियों को सूचना दी. तब रेस्क्यू करने के लिए इटावा लॉयन सफारी से डॉ. नसीर की टीम को भेजा गया. बुंदेलखंड में कहीं भी तेंदुए के पदचिन्ह नहीं देखे गए.
इसलिए उनका मानना है कि यह तेंदुआ बेतवा नदी के सहारे मध्य प्रदेश से भटकता हुआ यहां पर पहुंचा है. देर रात इटावा से झांसी पहुंची वन विभाग और झांसी डीएफओ की संयुक्त टीम ने लगभग दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुए को सकुशल ट्रैंकुलाइज कर बाहर निकाला और फिर उसको झांसी मोंठ के रेस्ट हाउस में सुरक्षित रखा गया है. इसके बाद उच्चाधिकारी जहां तेंदुए को भेजने के लिए कहेंगे उसे वहां भेज दिया जाएगा.
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