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झांसी: अंतिम चरण में डिफेंस कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य अंतिम चरण में है. हालांकि अभी यहां काम में और भी अधिक तेजी लाने की आवश्यकता है.

डॉ. संजय सिंह.
डॉ. संजय सिंह.
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Published : Oct 21, 2020, 12:51 PM IST

झांसी: डिफेंस कॉरिडोर को लेकर सरकार के तमाम दावों के बीच जानकारों की राय है कि इसके काम में तेजी लाये जाने की जरूरत है. झांसी के एरच में डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण का काम अंतिम चरण में है और कई देशी-विदेशी निवेशकों ने यहां निवेश की इच्छा भी जताई है. ईटीवी भारत से बातचीत में जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. संजय सिंह ने कहा कि कारखानों के स्थापित हो जाने के बाद यहां रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी.

जानकारी देते डॉ. संजय सिंह.

निवेशकों को दिया जाए डेडलाइन

डॉ. संजय सिंह के मुताबिक अभी यह परियोजना सिर्फ प्लानिंग स्टेज में है. किसी भी बड़े समूह ने अभी कारखाना स्थापित नहीं किया है. अभी यह भी सामने नहीं आया है कि कितने रोजगार के अवसर सृजित होंगे. यदि सरकार को वास्तव में बुन्देलखण्ड में कुछ करना है तो जिन लोगों ने डिफेंस कॉरिडोर में एमओयू साइन किये हैं, उन्हें डेडलाइन दें कि निर्धारित समय में उत्पादन शुरू करना पड़ेगा.

लोगों को मिलेंगे रोजगार के अवसर

डॉ. संजय सिंह के मुताबिक डिफेंस कॉरिडोर के तीन बड़े आयाम थे. यहां बड़े आयुध के निर्माण होंगे. डिफेंस के लिए गोले-बारूद तैयार होंगे. कोई बड़ी फैक्ट्री लगेगी तो उनके सहायक उपकरणों के लिए छोटे-छोटे कारखाने लगेंगे. इसके बाद ट्रांसपोर्ट और अन्य तरह के बाजार विकसित होंगे और रोजगार के सृजन की संभावना बढ़ेगी. अभी डिफेंस कॉरिडोर प्लानिंग, डीपीआर और फाइलों के स्तर पर है. इसे फाइल से निकालकर जमीन पर लाना होगा तभी लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा.

झांसी: डिफेंस कॉरिडोर को लेकर सरकार के तमाम दावों के बीच जानकारों की राय है कि इसके काम में तेजी लाये जाने की जरूरत है. झांसी के एरच में डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण का काम अंतिम चरण में है और कई देशी-विदेशी निवेशकों ने यहां निवेश की इच्छा भी जताई है. ईटीवी भारत से बातचीत में जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. संजय सिंह ने कहा कि कारखानों के स्थापित हो जाने के बाद यहां रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी.

जानकारी देते डॉ. संजय सिंह.

निवेशकों को दिया जाए डेडलाइन

डॉ. संजय सिंह के मुताबिक अभी यह परियोजना सिर्फ प्लानिंग स्टेज में है. किसी भी बड़े समूह ने अभी कारखाना स्थापित नहीं किया है. अभी यह भी सामने नहीं आया है कि कितने रोजगार के अवसर सृजित होंगे. यदि सरकार को वास्तव में बुन्देलखण्ड में कुछ करना है तो जिन लोगों ने डिफेंस कॉरिडोर में एमओयू साइन किये हैं, उन्हें डेडलाइन दें कि निर्धारित समय में उत्पादन शुरू करना पड़ेगा.

लोगों को मिलेंगे रोजगार के अवसर

डॉ. संजय सिंह के मुताबिक डिफेंस कॉरिडोर के तीन बड़े आयाम थे. यहां बड़े आयुध के निर्माण होंगे. डिफेंस के लिए गोले-बारूद तैयार होंगे. कोई बड़ी फैक्ट्री लगेगी तो उनके सहायक उपकरणों के लिए छोटे-छोटे कारखाने लगेंगे. इसके बाद ट्रांसपोर्ट और अन्य तरह के बाजार विकसित होंगे और रोजगार के सृजन की संभावना बढ़ेगी. अभी डिफेंस कॉरिडोर प्लानिंग, डीपीआर और फाइलों के स्तर पर है. इसे फाइल से निकालकर जमीन पर लाना होगा तभी लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा.

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