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झांसी: घर जाने के लिए भूखे पेट मीलों पैदल चल रहे मजदूर - laborers walking for miles to go home

कानपुर हाईवे पर घर जाने के लिए पैदल सफर करके आ रहे सैकड़ों मजदूरों को कांग्रेस किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने प्रवासी मजदूरों को भोजन खिलाया. वहीं मजदूरों का कहना था कि सरकार ने उनके लिए भोजन और परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं की है.

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घर जाने के लिए मीलों पैदल चल रहे मजदूर
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Published : Apr 28, 2020, 6:07 AM IST

झांसी: कानपुर हाईवे पर पैदल अपने घरों के लिए जा रहे सैकड़ों मजदूरों को पारीछा में स्थानीय लोगों ने भोजन कराया. कुछ मजदूर रात में ठहरे भी ओर भोजन प्राप्त कर फिर पैदल अपने मुकाम के लिये निकल गए. मजदूरों ने बताया कि वह जालंधर, बैंगलोर, नासिक, भिवंडी से कई दिनों से पैदल चल कर अपने घर जा रहे है.

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घर जाने के लिए मीलों पैदल चल रहे मजदूर

मजदूरों के लिए प्रशासन ने नहीं कराई व्यवस्था

मजदूरों के मुताबिक सरकार ने भोजन और परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं की हैं, जबकि कुछ समय पूर्व सरकार ने कोटा के छात्रों के लिए बसों का प्रबंध करके, उनके घरों तक पहुंचाया. प्रवासी मजदूरों की बढ़ती हुई परेशानी को देखते हुए मुन्ना सिंह मार्केट के संचालक और कांग्रेस किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने प्रवासी मजदूरों को भोजन खिलाया.

फूट-फूट कर रोए प्रवासी मजदूर
कांग्रेस किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह जादौन ने बताया कि विगत शाम वह अपने मार्केट के सामने खड़े हुए थे. अचानक देखा कि करीब 200 मजदूर अपने-अपने परिवारों के साथ पैदल हाइवे से निकल रहे है. उन लोगों को रोक कर सबका हाल पूछा तो कुछ तो बुरी तरह रोने लगे कि कई दिनों से भूखे हैं. उनके साथ बच्चे भी भूख से तड़प रहे थे. मजदूरों की व्यथा सुनकर तत्काल सभी को मार्केट में रोक कर भोजन बनवाया गया. भरपेट भोजन पाकर कई मजदूर तो रात में वहीं ठहर गए. सुबह को फिर से भोजन के पैकेट लेकर अपने घरों के लिए कूच कर गए.

भूखे, प्यासे रहकर जाना चाहते है गांव
मजदूरों ने बताया कि वह दिन भर तपती धूप में भूखे, प्यासे रहकर पैदल चलकर अपने गांव जाना चाहते है क्योंकि लॉकडाउन के चलते उनकी मजदूरी बंद है. रोजगार का संकट आने से अपने गांव जाना मजबूरी है. बिना मजदूरी के वह अपने परिवार का भरण-पोषण करने मे असमर्थ हैं.

किसी ने नहीं पूछा भोजन के लिए
गोंडा के रईस अहमद का कहना है कि उन लोगों को रास्तों में कहीं भी किसी भी जगह प्रशासन या किसी अधिकारी ने नहीं टोका और ना ही रोका. भोजन के लिए भी किसी ने नहीं पूछा.

झांसी: कानपुर हाईवे पर पैदल अपने घरों के लिए जा रहे सैकड़ों मजदूरों को पारीछा में स्थानीय लोगों ने भोजन कराया. कुछ मजदूर रात में ठहरे भी ओर भोजन प्राप्त कर फिर पैदल अपने मुकाम के लिये निकल गए. मजदूरों ने बताया कि वह जालंधर, बैंगलोर, नासिक, भिवंडी से कई दिनों से पैदल चल कर अपने घर जा रहे है.

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घर जाने के लिए मीलों पैदल चल रहे मजदूर

मजदूरों के लिए प्रशासन ने नहीं कराई व्यवस्था

मजदूरों के मुताबिक सरकार ने भोजन और परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं की हैं, जबकि कुछ समय पूर्व सरकार ने कोटा के छात्रों के लिए बसों का प्रबंध करके, उनके घरों तक पहुंचाया. प्रवासी मजदूरों की बढ़ती हुई परेशानी को देखते हुए मुन्ना सिंह मार्केट के संचालक और कांग्रेस किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने प्रवासी मजदूरों को भोजन खिलाया.

फूट-फूट कर रोए प्रवासी मजदूर
कांग्रेस किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह जादौन ने बताया कि विगत शाम वह अपने मार्केट के सामने खड़े हुए थे. अचानक देखा कि करीब 200 मजदूर अपने-अपने परिवारों के साथ पैदल हाइवे से निकल रहे है. उन लोगों को रोक कर सबका हाल पूछा तो कुछ तो बुरी तरह रोने लगे कि कई दिनों से भूखे हैं. उनके साथ बच्चे भी भूख से तड़प रहे थे. मजदूरों की व्यथा सुनकर तत्काल सभी को मार्केट में रोक कर भोजन बनवाया गया. भरपेट भोजन पाकर कई मजदूर तो रात में वहीं ठहर गए. सुबह को फिर से भोजन के पैकेट लेकर अपने घरों के लिए कूच कर गए.

भूखे, प्यासे रहकर जाना चाहते है गांव
मजदूरों ने बताया कि वह दिन भर तपती धूप में भूखे, प्यासे रहकर पैदल चलकर अपने गांव जाना चाहते है क्योंकि लॉकडाउन के चलते उनकी मजदूरी बंद है. रोजगार का संकट आने से अपने गांव जाना मजबूरी है. बिना मजदूरी के वह अपने परिवार का भरण-पोषण करने मे असमर्थ हैं.

किसी ने नहीं पूछा भोजन के लिए
गोंडा के रईस अहमद का कहना है कि उन लोगों को रास्तों में कहीं भी किसी भी जगह प्रशासन या किसी अधिकारी ने नहीं टोका और ना ही रोका. भोजन के लिए भी किसी ने नहीं पूछा.

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