झांसी: समोसे के साथ चटनी, छोले, सब्जी और रायते का चलन तो आमतौर पर लोग जानते हैं लेकिन बुन्देलखण्ड में समोसे के साथ कढ़ी के नाश्ते का काफी प्रचलन है. झांसी हो या फिर आसपास के अन्य जिले, हर जिले और जिले के कस्बों में ऐसी दुकानों की खास पहचान होती है, जहां समोसे के साथ कढ़ी तैयार होता है और खाने-पीने के शौकीन लोगों के लिए नाश्ते में उपलब्ध रहता है.
बुन्देलखंडी कढ़ी-समोसा: इस लजीज स्वाद के हैं लाखों दीवाने, आते हैं दूर-दूर से खाने
आज ईटीवी भारत की टीम पंहुच चुकी है हिंदुस्तान के सिरमौर बुंदेलखंड यानी कि झांसी. भारत भूमि का यह खंड वैसे तो वीर पुरोधाओं और वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के लिए याद किया जाता है. मगर स्वाद के मामले में भी कोई झांसी का सानी नहीं. यहां के समोसे, खस्ते, छोले का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. लोग सुबह नाश्ते में समोसे-छोले, समोसे-सब्जी और खस्ता-रायता खाकर खूब चटखारे लेते हैं. वैसे लोग समोसे के साथ चटनी, छोला, सब्जी और रायते का चलन तो जानते ही हैं. लेकिन बुन्देलखण्ड में समोसे के साथ खट्टी मीठी चटनी की जगह पर एक खास किस्म की कढ़ी का प्रचलन है. तो आइए और चलते हैं यूपी के एक और स्वाद के अड्डे का जायका लेने.
बुन्देलखंडी कढ़ी-समोसा
झांसी: समोसे के साथ चटनी, छोले, सब्जी और रायते का चलन तो आमतौर पर लोग जानते हैं लेकिन बुन्देलखण्ड में समोसे के साथ कढ़ी के नाश्ते का काफी प्रचलन है. झांसी हो या फिर आसपास के अन्य जिले, हर जिले और जिले के कस्बों में ऐसी दुकानों की खास पहचान होती है, जहां समोसे के साथ कढ़ी तैयार होता है और खाने-पीने के शौकीन लोगों के लिए नाश्ते में उपलब्ध रहता है.