झांसी: जनपद में डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसके साथ ही मलेरिया, स्क्रब टाइफस और वायरल सहित कई अन्य बीमारियों ने भी बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में लिया है. वर्तमान में झांसी जनपद में डेंगू के 42, मलेरिया के 8 और स्क्रब टाइफस के 2 मरीज सामने आ चुके हैं, जिनका महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज सहित अन्य अस्पतालों में इलाज चल रहा है. टाइफस की जनपद में उपस्थिति ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी हैं क्योंकि यह बुखार डेंगू से भी कई गुना अधिक खतरनाक माना जाता है.
जिले के अलग-अलग हिस्सों में वायरल, डेंगू और मलेरिया बुखार की दस्तक से स्वास्थ्य महकमे ने अभियान चलाकर बुखार के मरीजों को चिह्नित करने का काम शुरू किया है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर बुखार के मरीजों को चिह्नित करने के काम में जुटी हैं. इसके साथ ही ये टीमें नियमित टीकाकरण से छूट गए बच्चे और गर्भवती महिलाओं की जानकारी भी जुटा रही हैं. साथ ही 45 वर्ष से अधिक के उन लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है, जिन्होंने अभी तक कोविड का टीका नहीं लगवाया है.
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राम बाबू सिंह बताते हैं कि ओपीडी में रोज तीन सौ के लगभग मरीज दिखाने आ रहे हैं, जिनमें से आधे मरीज में बुखार के लक्षण रहते हैं. जब हम उनकी जांच कराते हैं तो एक से तीन मरीज भर्ती लायक निकलते हैं. हम इन्हें भर्ती कर लेते हैं. मेडिकल कॉलेज में पृथक डेंगू वार्ड की व्यवस्था की गई है. यहां सारी दवाइयां उपलब्ध हैं और इलाज की पूरी व्यवस्था है. मेडिकल कॉलेज में जम्बो प्लेटलेट की व्यवस्था भी हो गई है, जो पहले बाहर से मंगाना पड़ता था.
डेंगू, मलेरिया, टाइफस और वायरल की चपेट में झांसी, हर रोज बढ़ रही मरीजों की संख्या - dengue malaria typhus and viral in jhansi
झांसी में डेंगू के मामलों के साथ ही मलेरिया, स्क्रब टाइफस और वायरल सहित कई अन्य बीमारियों के रोगी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. जिसको लेकर स्वास्थ्य महकमे ने अभियान चलाकर बुखार के मरीजों को चिह्नित करने का काम शुरू किया है.
झांसी: जनपद में डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसके साथ ही मलेरिया, स्क्रब टाइफस और वायरल सहित कई अन्य बीमारियों ने भी बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में लिया है. वर्तमान में झांसी जनपद में डेंगू के 42, मलेरिया के 8 और स्क्रब टाइफस के 2 मरीज सामने आ चुके हैं, जिनका महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज सहित अन्य अस्पतालों में इलाज चल रहा है. टाइफस की जनपद में उपस्थिति ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी हैं क्योंकि यह बुखार डेंगू से भी कई गुना अधिक खतरनाक माना जाता है.
जिले के अलग-अलग हिस्सों में वायरल, डेंगू और मलेरिया बुखार की दस्तक से स्वास्थ्य महकमे ने अभियान चलाकर बुखार के मरीजों को चिह्नित करने का काम शुरू किया है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर बुखार के मरीजों को चिह्नित करने के काम में जुटी हैं. इसके साथ ही ये टीमें नियमित टीकाकरण से छूट गए बच्चे और गर्भवती महिलाओं की जानकारी भी जुटा रही हैं. साथ ही 45 वर्ष से अधिक के उन लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है, जिन्होंने अभी तक कोविड का टीका नहीं लगवाया है.
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राम बाबू सिंह बताते हैं कि ओपीडी में रोज तीन सौ के लगभग मरीज दिखाने आ रहे हैं, जिनमें से आधे मरीज में बुखार के लक्षण रहते हैं. जब हम उनकी जांच कराते हैं तो एक से तीन मरीज भर्ती लायक निकलते हैं. हम इन्हें भर्ती कर लेते हैं. मेडिकल कॉलेज में पृथक डेंगू वार्ड की व्यवस्था की गई है. यहां सारी दवाइयां उपलब्ध हैं और इलाज की पूरी व्यवस्था है. मेडिकल कॉलेज में जम्बो प्लेटलेट की व्यवस्था भी हो गई है, जो पहले बाहर से मंगाना पड़ता था.