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अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस : कोविड काल में बिना रुके दे रहे ड्यूटी को अंजाम

अपनी सुख-सुविधा को छोड़कर पीड़ितों की सेवा करना ही एक नर्स का कर्तव्य होता है. इस महामारी में भी प्रत्येक नर्स अपने इस कर्तव्य को बखूबी निभा रही है. झांसी में सरकारी और गैर सरकारी सेवाओं में कार्यरत महिला और पुरुष नर्स अपने कार्यों से मिसाल पेश कर रहे हैं. पढे़ं ये रिपोर्ट..

केरल की ज्योति
केरल की ज्योति
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Published : May 12, 2021, 3:03 PM IST

झांसी : हर साल 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है. नर्सिंग को समर्पित यह दिन इस कोविड काल में नर्सों के योगदान को अलग तरह से रेखांकित करने का अवसर है. झांसी जनपद में सरकारी और गैर सरकारी सेवाओं में कार्यरत बहुत से महिला और पुरुष नर्स इस आपदा काल में अपने कार्यों से मिसाल पेश कर रहे हैं. ऐसे ही कुछ नर्सों की कहानी हम आपको नर्स दिवस पर बताने जा रहे हैं.

केरल की ज्योति गर्भवती महिलाओं की कर रहीं सेवा

कोविड महामारी में गर्भवती महिलाओं को बेहतर सेवाएं देने में जुटीं ज्योति थॉमस केरल की रहने वाली हैं. वर्ष 2019 से जिला महिला अस्पताल झांसी में कार्यरत हैं. पिछले 15 दिनों में लगभग 30 महिलाओं का प्रसव करा चुकीं हैं. ज्योति बताती हैं कि कोविड के समय में गर्भवती को सुचारु सुविधा देना हमारी प्रमुखता है. कई बार महिला कोविड के लक्षण के साथ होती है. उसका एंटीजन नकारात्मक आता है. ऐसे में गर्भवती, उसके बच्चे और खुद को भी सुरक्षित रखना चुनौतीपूर्ण कार्य होता है.

परिवार और ड्यूटी दोनों सम्भाल रही अलका

बबीना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत कानपुर देहात निवासी अल्का पिछले छह वर्षों से यहां कार्य कर रहीं हैं. वे पति और बच्चों के साथ यहीं रह रहीं हैं. बहुत सतर्कता रखने के बाद भी पिछले साल उनके पति कोरोना पॉजिटिव हो गये थे. ऐसे में घर और बच्चों की जिम्मेदारी उन पर ही आ गई थी. नियमित प्रयास के साथ उस स्थिति से उबर पाईं. अब फिर से कोविड-19 का संक्रमण बढ़ रहा है. ऐसे में यदि कोई गर्भवती कोविड लक्षण के साथ आती है तो उसका प्रसव पीपीई किट पहनकर कराया जाता है. अस्पताल में गर्भवती के प्रसव का मामला हो या कोविड-19 अस्पताल में ड्यूटी करने का, वह दोनों जगह पूरी तत्परता से ड्यूटी निभा रहीं हैं.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत अलका.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत अलका.

इसे भी पढ़ें- यूपी में बुधवार सुबह कोरोना के 6,800 नए मरीज, चार की गई जान

वार्ड बॉय राजकुमार लगातार जुटे हैं सेवा में

नर्स का नाम सुनते ही दिमाग में एक युवती या महिला की छवि ही बनती है लेकिन जनपद में राजकुमार ऐसे वार्ड बॉय हैं. वह कोविड के शुरुआत से ही लगातार काम कर रहे हैं. जनपद के तहसील शहरी प्राथमिक केंद्र पर नियुक्त राजकुमार वर्ष 2016 से ही यहां कार्य कर रहे हैं. कोविड के दौरान उनकी ड्यूटी पैरामेडिकल से लेकर प्रवासी मजदूरों की जांच के लिए लगाई गई. फिर जेल में मरीज निकलने के बाद उनकी ड्यूटी जेल में भी लगाई गई. यहां वे कोविड पॉजिटिव हो गए. उस समय उनके फेफड़ों में संक्रमण बढ़ जाने से उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया. स्वस्थ होते ही उन्होंने फिर से काम करना शुरू कर दिया. राजकुमार वर्तमान में टीकाकरण में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

वार्ड बॉय राजकुमार.
वार्ड बॉय राजकुमार.

झांसी : हर साल 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है. नर्सिंग को समर्पित यह दिन इस कोविड काल में नर्सों के योगदान को अलग तरह से रेखांकित करने का अवसर है. झांसी जनपद में सरकारी और गैर सरकारी सेवाओं में कार्यरत बहुत से महिला और पुरुष नर्स इस आपदा काल में अपने कार्यों से मिसाल पेश कर रहे हैं. ऐसे ही कुछ नर्सों की कहानी हम आपको नर्स दिवस पर बताने जा रहे हैं.

केरल की ज्योति गर्भवती महिलाओं की कर रहीं सेवा

कोविड महामारी में गर्भवती महिलाओं को बेहतर सेवाएं देने में जुटीं ज्योति थॉमस केरल की रहने वाली हैं. वर्ष 2019 से जिला महिला अस्पताल झांसी में कार्यरत हैं. पिछले 15 दिनों में लगभग 30 महिलाओं का प्रसव करा चुकीं हैं. ज्योति बताती हैं कि कोविड के समय में गर्भवती को सुचारु सुविधा देना हमारी प्रमुखता है. कई बार महिला कोविड के लक्षण के साथ होती है. उसका एंटीजन नकारात्मक आता है. ऐसे में गर्भवती, उसके बच्चे और खुद को भी सुरक्षित रखना चुनौतीपूर्ण कार्य होता है.

परिवार और ड्यूटी दोनों सम्भाल रही अलका

बबीना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत कानपुर देहात निवासी अल्का पिछले छह वर्षों से यहां कार्य कर रहीं हैं. वे पति और बच्चों के साथ यहीं रह रहीं हैं. बहुत सतर्कता रखने के बाद भी पिछले साल उनके पति कोरोना पॉजिटिव हो गये थे. ऐसे में घर और बच्चों की जिम्मेदारी उन पर ही आ गई थी. नियमित प्रयास के साथ उस स्थिति से उबर पाईं. अब फिर से कोविड-19 का संक्रमण बढ़ रहा है. ऐसे में यदि कोई गर्भवती कोविड लक्षण के साथ आती है तो उसका प्रसव पीपीई किट पहनकर कराया जाता है. अस्पताल में गर्भवती के प्रसव का मामला हो या कोविड-19 अस्पताल में ड्यूटी करने का, वह दोनों जगह पूरी तत्परता से ड्यूटी निभा रहीं हैं.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत अलका.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत अलका.

इसे भी पढ़ें- यूपी में बुधवार सुबह कोरोना के 6,800 नए मरीज, चार की गई जान

वार्ड बॉय राजकुमार लगातार जुटे हैं सेवा में

नर्स का नाम सुनते ही दिमाग में एक युवती या महिला की छवि ही बनती है लेकिन जनपद में राजकुमार ऐसे वार्ड बॉय हैं. वह कोविड के शुरुआत से ही लगातार काम कर रहे हैं. जनपद के तहसील शहरी प्राथमिक केंद्र पर नियुक्त राजकुमार वर्ष 2016 से ही यहां कार्य कर रहे हैं. कोविड के दौरान उनकी ड्यूटी पैरामेडिकल से लेकर प्रवासी मजदूरों की जांच के लिए लगाई गई. फिर जेल में मरीज निकलने के बाद उनकी ड्यूटी जेल में भी लगाई गई. यहां वे कोविड पॉजिटिव हो गए. उस समय उनके फेफड़ों में संक्रमण बढ़ जाने से उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया. स्वस्थ होते ही उन्होंने फिर से काम करना शुरू कर दिया. राजकुमार वर्तमान में टीकाकरण में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

वार्ड बॉय राजकुमार.
वार्ड बॉय राजकुमार.
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